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Special: छत्तीसगढ़ में मंदी और कोरोना को मात देता ऑटोमोबाइल सेक्टर, अनलॉक-1 में 2 प्रतिशत का ग्रोथ

कोरोना संक्रमण के दौरान जहां देशभर के ऑटोमोाबाइल सेक्टर प्रभावित हुए हैं, वहीं छत्तीसगढ़ में लॉकडाउन के बाद से ऑटोमोबाइल सेक्टर अच्छे से रिवाइव कर रहा है. प्रदेश में जून और जुलाई महीनों में 66 हजार 930 वाहन आरटीओ में रजिस्टर्ड हुए हैं.

growth in automobile sector
ऑटोमोबाइल सेक्टर में आ रहे तेजी
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Published : Aug 23, 2020, 9:28 AM IST

रायपुर: कोरोना वायरस ने देशभर के तमाम सेक्टर को प्रभावित किया. जिससे लाखों के सामने रोजगार का संकट आ गया है. देश की अर्थव्यवस्था में काफी अहम योगदान देने वाला एक सेक्टर ऑटोमोबाइल का है. जो लॉकडाउन के कारण काफी प्रभावित हुआ है. ऑटोमोबाइल सेक्टर में मेन्यूफैक्चरिंग यूनिट से लेकर सड़क तक प्रभावित हुआ है. अचानक गाड़ियां बंद होने से नई गाड़ियों की बिक्री रूक गई है, वहीं जो गाड़ियां बिक चुकी है, उसकी ईएमआई तक चुकाने में दिक्कतें आ रही है. हालांकि, छत्तीसगढ़ में ऑटोमाबोइल सेक्टर को लेकर एक अच्छी बात ये है कि अनलॉक के बाद ये सेक्टर धीरे-धीरे पटरी पर लौटने लगा है. एक आंकड़े के मुताबिक जून और जुलाई में छत्तीसगढ़ में 66 हजार 930 वाहन का आरटीओ रजिस्ट्रेशन हुआ है.

लॉकडाउन के बाद ऑटोमोबाइल सेक्टर कर रहा अच्छा ग्रोथ

रायपुर के स्काई ऑटोमोबाइल शो-रूम के संचालक अनिल अग्रवाल बताते हैं, ऑकडाउन के पहले भी बहुत सारी गाड़ियों की बुकिंग पेंडिंग थी. इसके अलावा रायपुर में लॉकडाउन खुलने के बाद गाड़ियों की डिमांड काफी अच्छी है...और इंक्वायरी भी लगातार की जा रही है. इसके अलाव एक और अच्छी बात ये है कि देशभर में अब त्योहारी सीजन शुरू हो चुका है, ऐसे में उम्मीद है कि ऑटोमोबाइल सेक्टर पूरी तरह से पटरी पर लौट जाए.

लॉकडाउन के बाद ऑटोमोबाइल सेक्टर हो रहा रिवाइव

छत्तीसगढ़ ऑटोमोबाइल डीलर एसोसिएशन के अध्यक्ष मनीष सिंघानिया कहते हैं, अनलॉक में ऑटोमोबाइल सेक्टर अच्छे से रिवाइव होना शुरू हो गया है. जून के आंकड़ों की बात की जाए तो जून में 33,186 गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन हुआ है. इसके अलावा छत्तीसगढ़ में अनलॉक के बाद भी फिर से 15 दिनों का लॉकडाउन लगाया गया था, उसके बाद भी 33,744 गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन हुआ, जो इस बात को दिखाता है कि लोगों का रुझान गाड़ियां खरीदने के लिए बढ़ा है.

लोग पर्सनल गाड़ियां कर रहे प्रिफर

अध्यक्ष ने आगे कहा कि कोरोना संक्रमण के मद्देनजर लोग अब पब्लिक ट्रांसपोट से सफर करने से बच रहे हैं. लिहाजा लोग खुद की पर्सनल गाड़ियां ही प्रिफर कर रहे हैं. ऐसे में चाहे वो दो पहिया वाहन हो या चार पहिया वाहन, सभी गाड़ियों की बिक्री अच्छे से हो रही है. आज गाड़ियों की सप्लाई की दिक्कत बनी हुई है. जितनी डिमांड है उस हिसाब से सप्लाई नहीं हो पा रही है. अगर सप्लाई सही तरह से शुरू हो जाएगी तो जो हर महीने प्रदेश में 55000 गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन का आंकड़ा हुआ करता था, वो जल्द ही पूरा किया जा सकता है.

पढ़ें- SPECIAL: छत्तीसगढ़ में होटल बने कोविड-19 अस्पताल, एसिंप्टोमेटिक मरीजों का हो रहा इलाज

शो-रूम से कर्मचारियों को निकाले जाने के सवाल पर एसोसिएशन के अध्यक्ष ने बताया कि इन दिनों सभी व्यवसाय प्रभावित हुए हैं. ऐसे में हर व्यवसाय के लोगों ने अपने एंप्लॉय को री-एक्सेस किया है. जितने नॉन प्रोडक्टिव एंप्लॉय हैं, जो अपने टारगेट स्कोर को अचीव नहीं कर पा रहे थे, वैसे लोगों की छंटनी की गई है. उन्होंने बताया कि हर एक डीलर अपने मैन पावर की ट्रेनिंग के लिए हर साल बहुत खर्च करती है. अगर किसी भी डीलर को प्रशिक्षित मैन पावर छोड़ना पड़ता है तो उनके लिए बहुत ज्यादा नुकसान है.

ग्रामीण इलाकों से ज्यादा हुए गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन

गाड़ियों की रजिस्ट्रेशन फिगर की बात की जाए तो 60% रजिस्ट्रेशन पूरे प्रदेश के ग्रामीण आरटीओ से हुए हैं. केवल 40 प्रतिशत बिक्री शहरी क्षेत्र से होते हैं. प्रदेश में इस बार अच्छी बारिश हो रही है. छत्तीसगढ़ की इकोनॉमी में अच्छा मानसून मायने रखता है. अगर अच्छी फसल होगी तो ग्रामीण अर्थव्यवस्था में फंड फ्लो बढ़ेगा. आने वाले दिनों में दशहरा-दिवाली का सीजन आ रहा है. इस दौरान खासतौर पर ऑटोमोबाइल सेक्टर में उठाव आने के संकेत हैं.

जून-जूलाई में 2 प्रतिशत की वृद्धी

वहीं छत्तीसगढ़ में ऑटोमोबाइल शो-रूम की बात करें तो...प्रदेश में लगभग ढाई सौ से ज्यादा शो-रूम है. जहां लॉकडाउन में शटडाउन के बाद लगातार वृद्धि देखी जा रही है. बीते जून-जुलाई में औसतन 2 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है.

जून और जुलाई के आंकड़ों को अगर देखा जाए तो जुलाई महीने में छत्तीसगढ़ के कई इलाकों में लॉकडाउन होने के बावजूद भी ऑटोमोबाइल सेक्टर में जून महीने की अपेक्षा जुलाई माह में 2% की ग्रोथ दर्ज की गई है जो मंदी और कोरोना काल में उम्मीद की किरण की तरह है.

रायपुर: कोरोना वायरस ने देशभर के तमाम सेक्टर को प्रभावित किया. जिससे लाखों के सामने रोजगार का संकट आ गया है. देश की अर्थव्यवस्था में काफी अहम योगदान देने वाला एक सेक्टर ऑटोमोबाइल का है. जो लॉकडाउन के कारण काफी प्रभावित हुआ है. ऑटोमोबाइल सेक्टर में मेन्यूफैक्चरिंग यूनिट से लेकर सड़क तक प्रभावित हुआ है. अचानक गाड़ियां बंद होने से नई गाड़ियों की बिक्री रूक गई है, वहीं जो गाड़ियां बिक चुकी है, उसकी ईएमआई तक चुकाने में दिक्कतें आ रही है. हालांकि, छत्तीसगढ़ में ऑटोमाबोइल सेक्टर को लेकर एक अच्छी बात ये है कि अनलॉक के बाद ये सेक्टर धीरे-धीरे पटरी पर लौटने लगा है. एक आंकड़े के मुताबिक जून और जुलाई में छत्तीसगढ़ में 66 हजार 930 वाहन का आरटीओ रजिस्ट्रेशन हुआ है.

लॉकडाउन के बाद ऑटोमोबाइल सेक्टर कर रहा अच्छा ग्रोथ

रायपुर के स्काई ऑटोमोबाइल शो-रूम के संचालक अनिल अग्रवाल बताते हैं, ऑकडाउन के पहले भी बहुत सारी गाड़ियों की बुकिंग पेंडिंग थी. इसके अलावा रायपुर में लॉकडाउन खुलने के बाद गाड़ियों की डिमांड काफी अच्छी है...और इंक्वायरी भी लगातार की जा रही है. इसके अलाव एक और अच्छी बात ये है कि देशभर में अब त्योहारी सीजन शुरू हो चुका है, ऐसे में उम्मीद है कि ऑटोमोबाइल सेक्टर पूरी तरह से पटरी पर लौट जाए.

लॉकडाउन के बाद ऑटोमोबाइल सेक्टर हो रहा रिवाइव

छत्तीसगढ़ ऑटोमोबाइल डीलर एसोसिएशन के अध्यक्ष मनीष सिंघानिया कहते हैं, अनलॉक में ऑटोमोबाइल सेक्टर अच्छे से रिवाइव होना शुरू हो गया है. जून के आंकड़ों की बात की जाए तो जून में 33,186 गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन हुआ है. इसके अलावा छत्तीसगढ़ में अनलॉक के बाद भी फिर से 15 दिनों का लॉकडाउन लगाया गया था, उसके बाद भी 33,744 गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन हुआ, जो इस बात को दिखाता है कि लोगों का रुझान गाड़ियां खरीदने के लिए बढ़ा है.

लोग पर्सनल गाड़ियां कर रहे प्रिफर

अध्यक्ष ने आगे कहा कि कोरोना संक्रमण के मद्देनजर लोग अब पब्लिक ट्रांसपोट से सफर करने से बच रहे हैं. लिहाजा लोग खुद की पर्सनल गाड़ियां ही प्रिफर कर रहे हैं. ऐसे में चाहे वो दो पहिया वाहन हो या चार पहिया वाहन, सभी गाड़ियों की बिक्री अच्छे से हो रही है. आज गाड़ियों की सप्लाई की दिक्कत बनी हुई है. जितनी डिमांड है उस हिसाब से सप्लाई नहीं हो पा रही है. अगर सप्लाई सही तरह से शुरू हो जाएगी तो जो हर महीने प्रदेश में 55000 गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन का आंकड़ा हुआ करता था, वो जल्द ही पूरा किया जा सकता है.

पढ़ें- SPECIAL: छत्तीसगढ़ में होटल बने कोविड-19 अस्पताल, एसिंप्टोमेटिक मरीजों का हो रहा इलाज

शो-रूम से कर्मचारियों को निकाले जाने के सवाल पर एसोसिएशन के अध्यक्ष ने बताया कि इन दिनों सभी व्यवसाय प्रभावित हुए हैं. ऐसे में हर व्यवसाय के लोगों ने अपने एंप्लॉय को री-एक्सेस किया है. जितने नॉन प्रोडक्टिव एंप्लॉय हैं, जो अपने टारगेट स्कोर को अचीव नहीं कर पा रहे थे, वैसे लोगों की छंटनी की गई है. उन्होंने बताया कि हर एक डीलर अपने मैन पावर की ट्रेनिंग के लिए हर साल बहुत खर्च करती है. अगर किसी भी डीलर को प्रशिक्षित मैन पावर छोड़ना पड़ता है तो उनके लिए बहुत ज्यादा नुकसान है.

ग्रामीण इलाकों से ज्यादा हुए गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन

गाड़ियों की रजिस्ट्रेशन फिगर की बात की जाए तो 60% रजिस्ट्रेशन पूरे प्रदेश के ग्रामीण आरटीओ से हुए हैं. केवल 40 प्रतिशत बिक्री शहरी क्षेत्र से होते हैं. प्रदेश में इस बार अच्छी बारिश हो रही है. छत्तीसगढ़ की इकोनॉमी में अच्छा मानसून मायने रखता है. अगर अच्छी फसल होगी तो ग्रामीण अर्थव्यवस्था में फंड फ्लो बढ़ेगा. आने वाले दिनों में दशहरा-दिवाली का सीजन आ रहा है. इस दौरान खासतौर पर ऑटोमोबाइल सेक्टर में उठाव आने के संकेत हैं.

जून-जूलाई में 2 प्रतिशत की वृद्धी

वहीं छत्तीसगढ़ में ऑटोमोबाइल शो-रूम की बात करें तो...प्रदेश में लगभग ढाई सौ से ज्यादा शो-रूम है. जहां लॉकडाउन में शटडाउन के बाद लगातार वृद्धि देखी जा रही है. बीते जून-जुलाई में औसतन 2 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है.

जून और जुलाई के आंकड़ों को अगर देखा जाए तो जुलाई महीने में छत्तीसगढ़ के कई इलाकों में लॉकडाउन होने के बावजूद भी ऑटोमोबाइल सेक्टर में जून महीने की अपेक्षा जुलाई माह में 2% की ग्रोथ दर्ज की गई है जो मंदी और कोरोना काल में उम्मीद की किरण की तरह है.

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