रायपुरः छत्तीसगढ़ में जल्द ही बारिश के पानी, बांध और नदियों के जल प्रवाह को जानने के लिए पूरा सिस्टम बदला जाएगा. प्रदेश में बारिश को मापने के साथ ही बांध के जलस्तर का पता मैनुअल सिस्टम के माध्यम से लगाया जा रहा (Automatic rain gauge will give information about water level of Chhattisgarh) है. आने वाले कुछ महीनों में पूरे प्रदेश में 129 जगहों पर ऑटोमेटिक रेन गेज लगाए जाएंगे. इसकी मदद से बारिश का पूर्वानुमान और नदियों के प्रवाह के साथ ही बांध के जलस्तर की सटीक जानकारी मिलेगी. ऑटोमेटिक रेन गेज स्टेशन के बन जाने से बारिश की सही मात्रा का पता लग सकेगा. नई जगह पर लगने वाले ऑटोमेटिक रेन गेज प्रदेश के लगभग 39 बांध और 28 नदियों में लगाया जाएंगे. प्रदेश के 6 जगहों पर मौसम की मॉनिटरिंग के लिए मौसम स्टेशन में भी यह ऑटोमेटिक रेन गेज सिस्टम लगाए जाएंगे.
ऑटोमेटिक मौसम स्टेशनों में 62 ऑटोमेटिक वर्षा मापी यंत्र: मौसम वैज्ञानिक बीके चिंधालोरे ने बताया,"प्रदेश के ब्लॉक और तहसील मुख्यालय में 150 साधारण वर्षा मापी यंत्र लगे हुए हैं. सेल्फ रिकॉर्डिंग वर्षा मापी यंत्र प्रदेश में 4 मौसम विभाग केंद्रों में लगे हुए हैं. जिसमें रायपुर, पेंड्रा रोड, अंबिकापुर और जगदलपुर शामिल हैं. पूरे प्रदेश में ऑटोमेटिक मौसम स्टेशनों में ऑटोमेटिक वर्षा मापी यंत्र लगे हुए हैं. यह तापमान के साथ ही वर्षा की मात्रा दर्शाते हैं. ऐसे 62 यंत्र लगे हुए हैं, जिससे मौसम के पूर्वानुमान के साथ ही कितनी वर्षा हुई है? इसकी जानकारी भी मिल रही है."
यह भी पढ़ें: बारिश के बीच में बनाई जा रही भ्रष्टाचार की सड़क, पेंड्रा में नियम कायदा कानून सब ठेंगे पर !
नए सिस्टम के माध्यम से राज्य में पानी के बेहतर उपयोग की प्लानिंग: ऑटोमेटिक वर्षा मापी यंत्र के लग जाने से नदियों और वेदर स्टेशन में राज्य में पानी के बेहतर उपयोग की प्लानिंग की जा सकेगी. बाढ़ की पूर्व सूचना, बांधों में पानी एकत्र होने की गति, उपलब्ध जल, मौसम का पूर्वानुमान, बारिश की मात्रा का सही आंकड़ा भी मिल सकेगा. बांधों में कितना पानी है, इसकी पूरी जानकारी रहने पर सिंचाई के लिए पानी छोड़ने और बाढ़ जैसी स्थिति से निपटने के लिए रणनीति भी बनाई जा सकेगी. सिस्टम के लग जाने से बारिश के 3 महीने का रियल टाइम डाटा तुरंत मिल सकेगा.
- ऑटोमेटिक वर्षा मापी यंत्र से मौसम का पूर्वानुमान लग सकेगा. बारिश के पानी का रियल टाइम डाटा मिलेगा.
- नदियों में पानी बढ़ने-घटने की जानकारी मिलेगी.
- बांधों में जलभराव की सही सूचना मिल सकेगी.
- सिंचाई के लिए समय पर पानी छोड़ा जा सकेगा.
- डाटा मिलने से बांधों का गेट समय पर खुल सकेगा.
- बाढ़ और आपदा रोकने के लिए बेहतर प्लानिंग की जा सकेगी.
डाटा अन्य विभागों को करना होगा शेयर: प्रदेश में जल संसाधन विभाग द्वारा पहली बार ऑटोमेटिक वर्षा मापी यंत्र लगया जा रहा है. इससे मिलने वाला रियल टाइम डाटा जल संसाधन विभाग सभी विभागों के साथ शेयर करेगा. जैसे राजस्व विभाग, कृषि विभाग और मौसम विभाग को इसकी जानकारी देगा. ऑटोमेटिक वर्षा मापी यंत्र के लग जाने से बारिश के पानी की मात्रा बांध और नदियों के जलस्तर का डाटा हर मिनट सीधे जल संसाधन विभाग के स्टेट डाटा सेंटर में पहुंचेगा.