रायपुर: कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के दौरान सरकार ने शराब की होम डिलीवरी 10 मई को शुरू की थी. लेकिन कुछ दिन के बाद ये सिस्टम फेल हो गया. अब शराब प्रेमियों को शराब दुकान में लाइन लगाकर शराब खरीदनी पड़ रही है. शराब दुकान में भीड़ होने से कोरोना संक्रमण का खतरा भी बढ़ गया है. लोग शराब खरीदने के लिए एप में ऑनलाइन अप्लाई कर रहे हैं. लेकिन शराब लेने के लिए उन्हें शराब दुकान या फिर चौक चौराहों में जाना पड़ रहा है. इस मामले में कांग्रेस के कोई भी नेता अपनी प्रतिक्रिया देना नहीं चाहते हैं.
आबकारी विभाग ने पहले दिन ऑनलाइन शराब की होम डिलीवरी शुरू की. लेकिन पहले दिन से ये व्यवस्था बुरी तरह से चरमरा गई. 1 दिन में चार करोड़ से ज्यादा का ऑर्डर मिलने के कारण विभाग का ऐप क्रैश हो गया था. बाद में उसे किसी तरह दुरुस्त कर लेने का दावा विभाग ने किया. लेकिन लोगों को शराब की होम डिलीवरी नहीं हो पा रही है. ऐसे में शराब प्रेमी शराब दुकानों में लाइन लगकर शराब खरीद रहे हैं.
राजनांदगांव में 40 पेटी शराब जब्त, महाराष्ट्र से सब्जी की पेटी के जरिए हो रही थी तस्करी
कांग्रेस सरकार पर वादाखिलाफी का लगाया आरोप
शराब की होम डिलीवरी को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता किशोर नायक का कहना है कि सरकार चुनाव जीतने के पहले हाथ में गंगाजल लेकर प्रदेश को शराब मुक्त करने की कसम खाई थी. बेरोजगारों को स्कॉलरशिप देने के साथ ही झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले परिवारों को स्थाई पट्टा देने के साथ ही उनका रजिस्ट्री कराकर मकान दिलाने का वादा किया था. लेकिन आज खुद सरकार शराब बेचकर अपने वादे से मुकर गई है.
कमीशनखोरी के लिए हो रही शराब बिक्री: गौरीशंकर श्रीवास
शराब की होम डिलीवरी को लेकर भाजपा प्रवक्ता गौरीशंकर श्रीवास का कहना है कि सरकार कमिशनखोरी और जनता को बर्बाद करने के लिए शराब की ऑनलाइन होम डिलीवरी कर रही है. जो कि फेल साबित हुई.