रायपुर: छत्तीसगढ़ की आरंग विधानसभा सीट रायपुर के अंतर्गत आती है. आरंग विधानसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. यहां से वर्तमान में कांग्रेस के शिव कुमार डहरिया विधायक हैं, जो भूपेश कैबिनेट में मंत्री भी हैं. यह सीट काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है. इस सीट की खासियत यह रही है कि राज्य बनने के बाद यहां से कोई भी दोबारा विधायक चुनकर नहीं आया है.
आरंग विधानसभा क्षेत्र को जानिए:छत्तीसगढ़ निर्माण के बाद से आरंग विधानसभा क्षेत्र का लगातार विधायक बदलता रहा है. जोगी सरकार के समय भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आने वाले आरंग विधायक गंगूराम बघेल मंत्री बनाए गए. लेकिन अगले चुनाव में आरंग के मतदाताओ ने गंगूराम को नकार दिया. आरंग से गंगूराम 1993 और 1998 में दो बार विधायक चुने गए थे. अब उनकी बेटी किरण बघेल राजनीति में सक्रिय नजर आ रही हैं. 2003 में भाजपा के संजय ढीढी जीते. 2008 में कांग्रेस से गुरु रुद्र कुमार जाते थे. जिसके बाद 2013 में भाजपा के नवीन मारकंडेय ने यहां से जीत दर्ज की. 2018 में आरंग विधानसभा से बीजेपी ने संजय ढीढी को विधानसभा चुनाव में उतारा था. उन्हें शिवकुमार डहरिया ने हरा दिया था. कांग्रेस की बात की जाए, तो आरंग सीट पर रुद्र गुरु 2008 में और शिव डहरिया 2018 विधायक बने हैंं.
आरंग विधानसभा क्षेत्र के मतदाता: आरंग विधानसभा क्षेत्र में कुल 2 लाख 31 हजार 327 मतदाता हैं. जिसमें 115688 पुरुष मतदाता है. वहीं 115634 महिला मतदाताएं है, वहीं ट्रांसजेंडर मतदाताओं की संख्या 5 है. पिछले विधानसभा चुनाव में 1 लाख 55 हजार 146 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था. 2018 में आरंग विधानसभा सीट का मतदान प्रतिशत 76.83 रहा.
आरंग विधानसभा क्षेत्र का जातिगत समीकरण: आरंग विधानसभा के जातिगत समीकरण की बात की जाए, तो यहां से अनुसूचित जाति के 40 फासदी मतदाता है. जबकि अनुसूचित जनजाति के 20 प्रतिशत मतदाता हैं. वहीं अन्य पिछड़ा वर्ग के 30 प्रतिशत और सामान्य मतदाताओं का औसत 10 फीसदी है. इस तरह कहा जा सकता है कि विधानसभा सीट पर अनुसूचित जाति का दबदबा है.
आरंग विधानसभा क्षेत्र के मुद्दे और समस्याएं: आरंग विधानसभा क्षेत्र में आज भी साफ सफाई एक बड़ा मुद्दा है. संकरी गलियां का विकास, आवास, पेयजल की समस्या भी बनी हुई है. सब्जी बाजार की व्यवस्था भी नहीं है, जो लोगों के लिए परेशानी का सबब है. इसके अलावा अच्छी शिक्षा और रोजगार का मुद्दा भी छाया हुआ है. साथ ही आरंग शहर के पुरातात्विक मंदिरों का विकास ना किया जाना भी चुनावी मुद्दा है. हालांकि कांग्रेस सरकार ने इस क्षेत्र में जरूर थोड़ा काम किया है. कौशल्या मंदिर निर्माण सहित अन्य पुरातात्विक एवं धार्मिक स्थलों का विकास किया गया है. फिर भी क्षेत्र में बहुत कुछ किया जाना बाकी है.
2018 विधानसभा चुनाव की तस्वीर: विधानसभा चुनाव 2018 में भाजपा ने तत्कालीन विधायक नवीन मार्कंडेय का टिकट काटा और संजय ढीढी को उम्मीदवार बनाया था. वहीं कांग्रेस से शिवकुमार डहरिया उम्मीदवार थे. इस चुनाव में शिवकुमार डहरिया ने 25077 वोटों के भारी अंतर से संजय ढीढी को रहा दिया था. शिवकुमार डहरिया ने 2003 में पलारी, 2008 में बिलाईगढ़ और 2018 में आरंग से जीत हासिल की थी. वहीं 2013 के चुनाव में डहरिया को बिलाईगढ़ सीट से हार का सामना भी करना पड़ा था.