रायपुर: अनुकंपा संघ ने लगातार सरकार को जगाने के लिए अलग-अलग तरीके से प्रदर्शन किया. बावजूद इसके सरकार की तरफ से अब तक कोई ठोस पहल नहीं की गई है. सोमवार को बूढ़ातालाब धरना स्थल पर अनुकंपा संघ की विधवा महिलाओं ने भगवान सत्यनारायण की कथा का आयोजन किया. अनुकंपा संघ का कहना है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सद्बुद्धि के लिए सत्यनारायण भगवान की कथा का आयोजन किया गया है.
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सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप : दिवंगत पंचायत शिक्षक अनुकंपा संघ की प्रदेश अध्यक्ष माधुरी मृगे का कहना है कि "अनुकंपा नियुक्ति की 1 सूत्रीय मांग को लेकर 20 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन प्रदर्शन कर रहे हैं. उनके प्रदर्शन के 4 महीने भी पूरे हो चुके हैं. सोमवार को धरना स्थल पर विधवा महिलाओं ने सत्यनारायण कथा का आयोजन करवाया".
अनुकंपा संघ का कहना है, कि "प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल की सद्बुद्धि के लिए भगवान सत्यनारायण की कथा का आयोजन कराया गया है. आज का दिन सोमवती अमावस्या होने के कारण शुभ है. इसके पहले भी सरकार को जगाने के लिए कई तरह के आयोजन कर चुके हैं. मार्च के महीने में छत्तीसगढ़ का बजट भी आने वाला है. ऐसे में उन्हें उम्मीद है, कि बजट सत्र में इनकी मांगों पर सरकार विचार कर सकती है. सरकार ने अपने जन घोषणापत्र में अनुकंपा नियुक्ति का वादा किया था. 4 साल बीतने के बाद भी पूरा नहीं हो पाया है."
सरकार के तय किये गये मापदंड कठिन: सरकार दिवंगत पंचायत शिक्षक के आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति के लिए निर्धारित अनिवार्य शैक्षणिक योग्यता बीएड, डीएड और टीईटी की परीक्षा निर्धारित की है. प्रदर्शनकारी महिलाओं का कहना है कि यह परीक्षा काफी कठिन है. जिसके कारण दिवंगत पंचायत शिक्षक की विधवाओं को अनुकंपा नियुक्ति नहीं मिल पाई है. दिवंगत पंचायत शिक्षक के आश्रित परिवारों की माली हालत खराब है. ऐसे में सरकार को इनकी मांगों पर ध्यान देना चाहिए.