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अन्नदाता को आर्थिक नुकसान बचाने सरकार ने बढ़ाया 'ऑपरेशन ग्रीन स्कीम' का दायरा

ऑपरेशन ग्रीन स्कीम में आलू, प्याज, टमाटर के साथ अब विभिन्न प्रकार के फलों और सब्जियों को भी शामिल किए जाने की घोषणा आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तीसरे भाग में की गई है.

mahanadi
महानदी भवन
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Published : Aug 1, 2020, 7:15 PM IST

रायपुर : कोरोना संक्रमण के चलते उद्यानिकी की खेती करने वाले कृषकों को आर्थिक नुकसान से बचाने के के लिए भारत सरकार की ओर से ऑपरेशन ग्रीन स्कीम के दायरे को बढ़ाए जाने की घोषणा की गई है. इसके तहत अधिक उत्पादन वाले स्थान से कम उत्पादन वाले स्थान पर परिवहन के लिए 50 प्रतिशत परिवहन अनुदान और भंडारण के लिए कोल्ड स्टोरेज में योग्य फसलों के भंडारण के लिए 50 प्रतिशत अनुदान का प्रस्ताव किया गया है.

ऑपरेशन ग्रीन स्कीम मुख्य रूप से टमाटर, प्याज और आलू के सामूहिक विकास से संबंधित है, जिसके दो प्रमुख घटकों में पहला मूल्य का स्थिरीकरण एवं संतुलन (कम अवधि) एवं दूसरी सामूहिक श्रृंखला का विकास करना (लंबी अवधी) है. लेकिन कोरोना संक्रमण महामारी की वजह से यह श्रृंखला प्रभावित हुई है और किसान अपनी उपज बाजार में नहीं बेच पा रहे हैं.

पढ़ें : स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के बंगले में कोरोना की दस्तक, 10 कर्मचारी पॉजिटिव

इस स्कीम के दायरे को बढ़ाने का उद्देश्य

कृषकों को होने वाले आर्थिक नुकसान की क्षतिपूर्ति ही इस स्कीम के दायरे को बढ़ाने का उद्देश्य है. भारत सरकार की ओर से जारी नए दिशा-निर्देश से लॉकडाउन की वजह से बाजार में सब्जियों एवं फलों को कम दर में ब्रिकी और पोस्ट हार्वेस्ट के नुकसान की भरपाई हो सकेगी. ऑपरेशन ग्रीन स्कीम के अंतर्गत खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय की ओर से योजना को टमाटर, प्याज और आलू से बढ़ाकर अब इसमें फलों में आम, केला, अमरूद, कीवी, लीची, पपीता संतरा, अनानास, अनार एवं कटहल तथा सब्जियों में राजमा, करेला, बैंगन शिमला मिर्च, गाजर, फूलगोभी, भिंडी को शामिल किया गया है.

कृषि मंत्रालय की अनुसंशा पर जोड़ा जा सकता

इस योजना में इसके अलावा अन्य फल एवं सब्जियों को भविष्य में कृषि मंत्रालय की अनुसंशा पर जोड़ा जा सकता है. यह योजना 11 दिसम्बर 2020 तक प्रभावी होगी आवश्यकता होने पर केंद्र की ओर से अवधि बढ़ाई जा सकती है. आवेदक की ओर से सामग्री के परिवहन एवं भंडारण करने के पूर्व पोर्टल में पंजीकरण जरूरी है.

रायपुर : कोरोना संक्रमण के चलते उद्यानिकी की खेती करने वाले कृषकों को आर्थिक नुकसान से बचाने के के लिए भारत सरकार की ओर से ऑपरेशन ग्रीन स्कीम के दायरे को बढ़ाए जाने की घोषणा की गई है. इसके तहत अधिक उत्पादन वाले स्थान से कम उत्पादन वाले स्थान पर परिवहन के लिए 50 प्रतिशत परिवहन अनुदान और भंडारण के लिए कोल्ड स्टोरेज में योग्य फसलों के भंडारण के लिए 50 प्रतिशत अनुदान का प्रस्ताव किया गया है.

ऑपरेशन ग्रीन स्कीम मुख्य रूप से टमाटर, प्याज और आलू के सामूहिक विकास से संबंधित है, जिसके दो प्रमुख घटकों में पहला मूल्य का स्थिरीकरण एवं संतुलन (कम अवधि) एवं दूसरी सामूहिक श्रृंखला का विकास करना (लंबी अवधी) है. लेकिन कोरोना संक्रमण महामारी की वजह से यह श्रृंखला प्रभावित हुई है और किसान अपनी उपज बाजार में नहीं बेच पा रहे हैं.

पढ़ें : स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के बंगले में कोरोना की दस्तक, 10 कर्मचारी पॉजिटिव

इस स्कीम के दायरे को बढ़ाने का उद्देश्य

कृषकों को होने वाले आर्थिक नुकसान की क्षतिपूर्ति ही इस स्कीम के दायरे को बढ़ाने का उद्देश्य है. भारत सरकार की ओर से जारी नए दिशा-निर्देश से लॉकडाउन की वजह से बाजार में सब्जियों एवं फलों को कम दर में ब्रिकी और पोस्ट हार्वेस्ट के नुकसान की भरपाई हो सकेगी. ऑपरेशन ग्रीन स्कीम के अंतर्गत खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय की ओर से योजना को टमाटर, प्याज और आलू से बढ़ाकर अब इसमें फलों में आम, केला, अमरूद, कीवी, लीची, पपीता संतरा, अनानास, अनार एवं कटहल तथा सब्जियों में राजमा, करेला, बैंगन शिमला मिर्च, गाजर, फूलगोभी, भिंडी को शामिल किया गया है.

कृषि मंत्रालय की अनुसंशा पर जोड़ा जा सकता

इस योजना में इसके अलावा अन्य फल एवं सब्जियों को भविष्य में कृषि मंत्रालय की अनुसंशा पर जोड़ा जा सकता है. यह योजना 11 दिसम्बर 2020 तक प्रभावी होगी आवश्यकता होने पर केंद्र की ओर से अवधि बढ़ाई जा सकती है. आवेदक की ओर से सामग्री के परिवहन एवं भंडारण करने के पूर्व पोर्टल में पंजीकरण जरूरी है.

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