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रायपुर: एक बार फिर महारैली की तैयारी, 10 दिसंबर को सड़क पर उतरेंगी आंगनबाड़ी दीदियां

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं और सहायिकाएं 10 दिसंबर को महारैली की तैयारी कर रही हैं. जिसमें प्रदेशभर की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाएं शामिल होंगी.

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Published : Nov 23, 2020, 8:31 AM IST

Updated : Nov 23, 2020, 1:09 PM IST

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10 दिसंबर को आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन

रायपुर: एक बार फिर प्रदेश की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं व सहायिकाएं आंदोलन की तैयारी में हैं. आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं व सहायिकाएं 10 दिसंबर को महारैली निकालने जा रही हैं. मांगी पूरी नहीं होने को लेकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं व सहायिकाएं प्रदर्शन की तैयारी कर रही हैं.

प्रदेशभर की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं लेंगी हिस्सा

इस महारैली में पूरे प्रदेश की आंगनबाड़ी, कार्यकर्ताएं व सहायिकाएं हिस्सा लेंगी. कार्यकर्ताओं का कहना है कि पिछले शासनकाल से ही उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. नई सरकार से उन्हें कुछ उम्मीद जगी थी, लेकिन यहां भी उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. जिससे मजबूरीवश उन्हें आंदोलन की राह पकड़नी पड़ रही है. भाजपा शासन काल में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं ने लगभग 50 बार हड़ताल किया था.

पढ़ें: SPECIAL: कब अनलॉक होंगे स्कूल ? पैरेंट्स के बीच कोरोना का खौफ, नहीं भेजना चाहते बच्चों को स्कूल

'मांगों पर नहीं दिया जा रहा ध्यान'

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं का कहना है कि कोविड 19 के समय में भी वे लगातार सक्रिए हैं बावजूद इसके न तो उन्हें प्रोत्साहन राशि दी गई और न ही इनका बीमा करवाया गया. उन्होंने कहा कि उनकी कई मांगे पूरी नहीं हुई है, जिसे देखते हुए 10 दिसंबर को महारैली करने का निर्णय लिया है. पूरे प्रदेश में लगभग डेढ़ लाख की संख्या में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका मौजूद हैं.

छत्तीसगढ़ में अनलॉक 4 में 14 मार्च से बंद रहे आंगनबाड़ी केंद्रों को 7 सितंबर से खोल दिया गया था. आंगनबाड़ी केंद्र बंद रहने के दौरान घरों में सूखा राशन पहुंचाया जा रहा था, ताकि बच्चों और गर्भवती महिलाओं का पोषणस्तर बना रहे.

रायपुर: एक बार फिर प्रदेश की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं व सहायिकाएं आंदोलन की तैयारी में हैं. आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं व सहायिकाएं 10 दिसंबर को महारैली निकालने जा रही हैं. मांगी पूरी नहीं होने को लेकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं व सहायिकाएं प्रदर्शन की तैयारी कर रही हैं.

प्रदेशभर की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं लेंगी हिस्सा

इस महारैली में पूरे प्रदेश की आंगनबाड़ी, कार्यकर्ताएं व सहायिकाएं हिस्सा लेंगी. कार्यकर्ताओं का कहना है कि पिछले शासनकाल से ही उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. नई सरकार से उन्हें कुछ उम्मीद जगी थी, लेकिन यहां भी उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. जिससे मजबूरीवश उन्हें आंदोलन की राह पकड़नी पड़ रही है. भाजपा शासन काल में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं ने लगभग 50 बार हड़ताल किया था.

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'मांगों पर नहीं दिया जा रहा ध्यान'

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं का कहना है कि कोविड 19 के समय में भी वे लगातार सक्रिए हैं बावजूद इसके न तो उन्हें प्रोत्साहन राशि दी गई और न ही इनका बीमा करवाया गया. उन्होंने कहा कि उनकी कई मांगे पूरी नहीं हुई है, जिसे देखते हुए 10 दिसंबर को महारैली करने का निर्णय लिया है. पूरे प्रदेश में लगभग डेढ़ लाख की संख्या में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका मौजूद हैं.

छत्तीसगढ़ में अनलॉक 4 में 14 मार्च से बंद रहे आंगनबाड़ी केंद्रों को 7 सितंबर से खोल दिया गया था. आंगनबाड़ी केंद्र बंद रहने के दौरान घरों में सूखा राशन पहुंचाया जा रहा था, ताकि बच्चों और गर्भवती महिलाओं का पोषणस्तर बना रहे.

Last Updated : Nov 23, 2020, 1:09 PM IST

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