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Angana ma shiksha program: "अंगना म शिक्षा" कार्यक्रम को मिला साल 2022 का स्कॉच अवार्ड, सीएम भूपेश ने दी बधाई

छत्तीसगढ़ के स्कूल शिक्षा विभाग को 'अंगना म शिक्षा' कार्यक्रम के लिए साल 2022 का स्कॉच अवार्ड मिला है. इस अवॉर्ड के मिलने पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और स्कूल शिक्षा मंत्री ने राज्य के महिला शिक्षिकाओं को बधाई दी है. छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा कोरोना काल के दौरान 'अंगना म शिक्षा' कार्यक्रम की शुरुआत की गई थी. इस कार्यक्रम के जरिये माताओं में अपने बच्चों की पढ़ाई के लिए अलख जगाने में सफलता मिली है.

Angana ma shiksha program received Scotch Award
साल 2022 का स्कॉच अवार्ड
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Published : Mar 13, 2023, 8:47 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा विभाग को एक बार फिर अपने काम के लिए राष्ट्रीय स्तर का पुरस्कार मिला है. राज्य में समग्र शिक्षा द्वारा संचालित किये जा रहे "अंगना म शिक्षा" कार्यक्रम में साल 2022 के दौरान किये गए काम के लिए स्कॉच अवॉर्ड 2022 दिया जा रहा है. यह कार्यक्रम छत्तीसगढ़ की महिला शिक्षिकाओं के समूहों द्वारा संचालित किया जा रहा है.

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दी बधाई: इस साल "अंगना म शिक्षा" कार्यक्रम का तीसरा साल है. हक साल इसमें महिलाएं कुछ नया डिजाइन शामिल करते हैं. सीएम भूपेश बघेल के साथ ही स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ प्रेमसाय ने इस स्कॉच अवॉर्ड 2022 मिलने पर स्कूल शिक्षा विभाग एवं राज्य की महिला टीचर्स को बधाई दी है.

क्या है स्कॉच अवार्ड: स्कॉच अवार्ड एक स्वतंत्र संगठन द्वारा दिया जाने वाला भारत का सर्वाेच्च नागरिक सम्मान है. जो उन लोगों, परियोजनाओं और संस्थानों की पहचान करती है, जो हमारे देश को एक बेहतर राष्ट्र बनाने के लिए प्रयास करते हैं. साल 2003 में इस अवार्ड को स्थापित किया गया था. यह अवार्ड सामाजिक समावेश, डिजिटल और वित्तीय क्षेत्र में सर्वोच्च प्रयास करने पर प्रदान किया जाता है.

यह भी पढ़ें: agniveer bharti in bilaspur: देश की सेवा करने का युवाओं को मौका, अग्निवीर भर्ती के लिए ऑनलाइन पंजीयन 20 मार्च तक

अंगना म शिक्षा की कैसे हुई शुरुआत: कोरोना के समय स्कूल शिक्षा विभाग का पूरा अमला बच्चों की पढ़ाई को जारी रखने का प्रयास कर रहा था. शिक्षक नए नए तरीकों से बच्चों की पढाई जारी रखने की कोशिश कर रहे थे. उसी समय राज्य के कुछ महिला शिक्षिकाओं ने इस कार्यक्रम "पढ़ई तुंहर दुआर" को शुरु करने का प्रस्ताव रखा. इस कार्यक्रम में माताओं को प्रशिक्षित करके घर पर रहते हुए ही बच्चों को पढ़ाने का प्रयास किया गया. जिसे "अंगना म शिक्षा" के रूप में शुरु किया गया.

पढ़ाई के लिए अलख जगाने में मिली सफलता: 'अंगना म शिक्षा' कार्यक्रम के जरिये माताओं में अपने बच्चों की पढ़ाई के लिए अलख जगाने में सफलता मिली. इस कार्यक्रम से माताओं में बच्चों को घर पर पढ़ाने की संस्कृति विकसित हुई है. गांवों में मेलों का आयोजन कर माताओं तथा बच्चों को बुलाया गया और घर के सामान जैसे बर्तन, फल, सब्जी, कपडे़ आदि का उपयोग सिखाया गया. संकुल, विकासखंड, जिले एवं राज्य स्तर पर कोर ग्रुप के माध्यम से शिक्षिकाओं के समूहों द्वारा पूरे कार्यक्रम को मॉनिटर करने की व्यवस्था की गयी

रायपुर: छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा विभाग को एक बार फिर अपने काम के लिए राष्ट्रीय स्तर का पुरस्कार मिला है. राज्य में समग्र शिक्षा द्वारा संचालित किये जा रहे "अंगना म शिक्षा" कार्यक्रम में साल 2022 के दौरान किये गए काम के लिए स्कॉच अवॉर्ड 2022 दिया जा रहा है. यह कार्यक्रम छत्तीसगढ़ की महिला शिक्षिकाओं के समूहों द्वारा संचालित किया जा रहा है.

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दी बधाई: इस साल "अंगना म शिक्षा" कार्यक्रम का तीसरा साल है. हक साल इसमें महिलाएं कुछ नया डिजाइन शामिल करते हैं. सीएम भूपेश बघेल के साथ ही स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ प्रेमसाय ने इस स्कॉच अवॉर्ड 2022 मिलने पर स्कूल शिक्षा विभाग एवं राज्य की महिला टीचर्स को बधाई दी है.

क्या है स्कॉच अवार्ड: स्कॉच अवार्ड एक स्वतंत्र संगठन द्वारा दिया जाने वाला भारत का सर्वाेच्च नागरिक सम्मान है. जो उन लोगों, परियोजनाओं और संस्थानों की पहचान करती है, जो हमारे देश को एक बेहतर राष्ट्र बनाने के लिए प्रयास करते हैं. साल 2003 में इस अवार्ड को स्थापित किया गया था. यह अवार्ड सामाजिक समावेश, डिजिटल और वित्तीय क्षेत्र में सर्वोच्च प्रयास करने पर प्रदान किया जाता है.

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अंगना म शिक्षा की कैसे हुई शुरुआत: कोरोना के समय स्कूल शिक्षा विभाग का पूरा अमला बच्चों की पढ़ाई को जारी रखने का प्रयास कर रहा था. शिक्षक नए नए तरीकों से बच्चों की पढाई जारी रखने की कोशिश कर रहे थे. उसी समय राज्य के कुछ महिला शिक्षिकाओं ने इस कार्यक्रम "पढ़ई तुंहर दुआर" को शुरु करने का प्रस्ताव रखा. इस कार्यक्रम में माताओं को प्रशिक्षित करके घर पर रहते हुए ही बच्चों को पढ़ाने का प्रयास किया गया. जिसे "अंगना म शिक्षा" के रूप में शुरु किया गया.

पढ़ाई के लिए अलख जगाने में मिली सफलता: 'अंगना म शिक्षा' कार्यक्रम के जरिये माताओं में अपने बच्चों की पढ़ाई के लिए अलख जगाने में सफलता मिली. इस कार्यक्रम से माताओं में बच्चों को घर पर पढ़ाने की संस्कृति विकसित हुई है. गांवों में मेलों का आयोजन कर माताओं तथा बच्चों को बुलाया गया और घर के सामान जैसे बर्तन, फल, सब्जी, कपडे़ आदि का उपयोग सिखाया गया. संकुल, विकासखंड, जिले एवं राज्य स्तर पर कोर ग्रुप के माध्यम से शिक्षिकाओं के समूहों द्वारा पूरे कार्यक्रम को मॉनिटर करने की व्यवस्था की गयी

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