रायपुर: छत्तीसगढ़ में 20 जुलाई से गोधन न्याय योजना के तहत गोबर की खरीदी की शुरुआत हुई. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 5 अगस्त यानी आज से गोबर खरीदी की राशि का भुगतान करेंगे. राशि सीधे विक्रेताओं के खाते में डाली जाएगी. इसके साथ ही आज से सीएम बघेल अपने निवास कार्यालय से दिवंगत महेंद्र कर्मा के नाम से तेंदूपत्ता संग्राहक सामाजिक सुरक्षा योजना की शुरुआत करेंगे.
गोधन न्याय योजना के तहत 20 जुलाई से 1 अगस्त तक की गई गोबर खरीदी की पहली किश्त की राशि 5 अगस्त को सहकारी बैंक के माध्यम से हितग्राहियों के खाते में डाला जाएगा. राज्य में कुल 4 हजार 140 गौठानों में पंजीकृत 65 हजार 694 हितग्राहियों में से 46 हजार 964 हितग्राही द्वारा 82 हजार 711 क्विंटल गोबर का विक्रय किया गया, जिसकी कुल राशि 2 रूपए प्रति किलो की दर से 1 करोड़ 65 लाख रूपए पशुपालकों के बैंक खातों में डाला जाएगा. इस योजना का लाभ प्रदेश के अंतिम छोर के पशुपालकों तक पहुंचाया जा रहा है. इसमें 38 प्रतिशत महिला हितग्राही, 48 प्रतिशत अन्य पिछड़ा वर्ग, 39 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति, 8 प्रतिशत अनुसूचित जाति और 5 प्रतिशत सामान्य वर्ग के हितग्राही हैं. गोबर खरीदी का आगामी भुगतान 15 अगस्त को किया जाएगा.
इस योजना के अंतर्गत राज्य के रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, धमतरी और बालोद जिलों में सबसे अधिक गोबर विक्रय किया गया है. इसी प्रकार नगरीय क्षेत्रों में रायपुर और दुर्ग के पशुपालकों ने सबसे ज्यादा गोबर विक्रय किया है.
मुख्यमंत्री का कार्यक्रम
- मुख्यमंत्री बघेल दोपहर 3 बजे शहीद महेन्द्र कर्मा की जयंती के अवसर पर उनके चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हे श्रद्धांजलि देंगे.
- इसके बाद कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे और वन मंत्री मोहम्मद अकबर का उद्बोधन होगा
- 3.15 बजे गोधन न्याय योजना के अंतर्गत गोबर खरीदी की राशि का हितग्राहियों के खाते में अंतरण प्रक्रिया का शुभारंभ होगा.
- वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सीएम बघेल गोधन न्याय योजना के हितग्राहियों से चर्चा करेंगे.
- दोपहर 3.35 बजे मुख्यमंत्री शहीद महेन्द्र कर्मा तेंदूपत्ता संग्राहक सामाजिक सुरक्षा योजना का शुभारंभ करेंगे और कार्यक्रम को संबोधित करेंगे.
- दोपहर 3.50 बजे राम वन गमन पथ पर प्रस्तुतीकरण दिया जाएगा.
तेंदूपत्ता संग्राहक सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत तेंदूपत्ता संग्रहण के काम में लगे पंजीकृत संग्राहक परिवार के मुखिया (50 साल से ज्यादा उम्र नहीं होने की स्थिति में) की सामान्य मृत्यु पर नामांकित व्यक्ति या उत्तराधिकारी को 2 लाख रुपये की अनुदान सहायता राशि दी जाएगी. दुर्घटना से मृत्यु होने पर 2 लाख रुपये अतिरिक्त दिया जाएगा. दुर्घटना में पूर्ण विकलांगता की स्थिति में 2 लाख रुपये और आंशिक विकलांगता की स्थिति में एक लाख रुपये की सहायता अनुदान राशि दी जाएगी.
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योजना के तहत अगर संग्राहक परिवार के मुखिया की 50 से 59 की उम्र के बीच सामान्य मृत्यु होती है, तो 30 हजार रुपये, दुर्घटना में मृत्यु होने पर 75 हजार रुपये, दुर्घटना में पूर्ण विकलांगता की स्थिति पर 75 हजार रुपये और आंशिक विकलांगता की स्थिति में 37 हजार 500 रुपये की सहायता अनुदान राशि परिवार के नामांकित व्यक्ति या उत्तराधिकारी को दी जाएगी.
खातों में आएगी राशि
छत्तीसगढ़ राज्य में तेंदूपत्ता संग्रहण में लगे परिवारों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से वन विभाग और छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज सहकारी संघ मर्यादित के समन्वय से यह योजना शुरू की जा रही है. इस योजना का क्रियान्वयन छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज सहकारी संघ की ओर से किया जाएगा. जिसमें संबंधित जिला यूनियन ही एक महीने के अंदर प्रकरणों का निराकरण करते हुए सहायता अनुदान की राशि सीधे संग्राहकों के बैंक खातों में डालेगा. जिससे प्रकरणों का निराकरण आसानी और जल्दी से किया जा सकेगा.
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सरकार ने बढ़ाई बोनस राशि
राज्य सरकार तेंदूपत्ता संग्राहकों के सामाजिक सुरक्षा और आर्थिक सुदृढ़ता सुनिश्चित करने का वादा किया था. राज्य में तेंदूपत्ता संग्रहण दर 2 हजार 500 रुपये प्रति मानक बोरा से बढ़ाकर 4 हजार रुपये प्रति मानक बोरा की गई है.