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वित्त मंत्री के भाषण ने 10 प्रतिशत गिराया शेयर मार्केट : अमित जोगी

देश के आम बजट को जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी ने निराशाजनक बताया है.

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Published : Feb 3, 2020, 6:34 PM IST

Amit Jogi
अमित जोगी

रायपुर : 1 फरवरी को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट पेश किया था. वही इस बजट को लेकर जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी ने वित्त मंत्री के भाषण को लेकर तंज कसते हुए कहा कि वित्त मंत्री के 3 घंटे के भाषण से शेयर बाजार 10 प्रतिशत गिर गया, अगर वह और ज्यादा बोलती तो न जाने कितने परसेंट और शेयर मार्केट गिर जाता.

बजट पर बोले अमित जोगी

अमित जोगी ने इस बजट को रक्त स्नान (ब्लडबाथ) कहा है. उन्होंने कहा कि असमानताएं बढ़ रही है, अमीरों का टैक्स कम कर दिया गया है. कंपनियों का जो लाभांश वितरण कर है, उसे कम कर दिया. गरीब और मध्यमवर्गीय को टैक्स सरलीकरण के नाम पर झुनझुना पकड़ा दिया. बजट आए 3 दिन हो गए हैं लेकिन चार्टर्ड अकाउंटेंट नहीं समझ पा रहे हैं कि आयकर प्रणाली का सरलीकरण इसे कैसे कहा जा सकता है.

पढ़ें:चीन से अंबिकापुर लौटा युवक, दिखे कोरोना वायरस के लक्षण

कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर लगभग 2.5 लाख करोड़ रुपए खर्च करने का प्रावधान रखा गया है, लेकिन ये प्रावधान तभी सफल होगा जब सरकारी कंपनियां निवेश कर पाए. बाजार को इस बजट से कोई प्रोत्साहन नहीं मिल रहा है. लगातार शेयर बाजार गिरते जा रहा है. फर्नीचर और कपड़ों पर इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ा दी गई है, लेकिन उसका फायदा हमारे देश की कंपनियों को कैसे मिलेगा. कुल मिलाकर इस बजट को अमित जोगी ने निराशा जनक बताया है.

रायपुर : 1 फरवरी को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट पेश किया था. वही इस बजट को लेकर जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी ने वित्त मंत्री के भाषण को लेकर तंज कसते हुए कहा कि वित्त मंत्री के 3 घंटे के भाषण से शेयर बाजार 10 प्रतिशत गिर गया, अगर वह और ज्यादा बोलती तो न जाने कितने परसेंट और शेयर मार्केट गिर जाता.

बजट पर बोले अमित जोगी

अमित जोगी ने इस बजट को रक्त स्नान (ब्लडबाथ) कहा है. उन्होंने कहा कि असमानताएं बढ़ रही है, अमीरों का टैक्स कम कर दिया गया है. कंपनियों का जो लाभांश वितरण कर है, उसे कम कर दिया. गरीब और मध्यमवर्गीय को टैक्स सरलीकरण के नाम पर झुनझुना पकड़ा दिया. बजट आए 3 दिन हो गए हैं लेकिन चार्टर्ड अकाउंटेंट नहीं समझ पा रहे हैं कि आयकर प्रणाली का सरलीकरण इसे कैसे कहा जा सकता है.

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कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर लगभग 2.5 लाख करोड़ रुपए खर्च करने का प्रावधान रखा गया है, लेकिन ये प्रावधान तभी सफल होगा जब सरकारी कंपनियां निवेश कर पाए. बाजार को इस बजट से कोई प्रोत्साहन नहीं मिल रहा है. लगातार शेयर बाजार गिरते जा रहा है. फर्नीचर और कपड़ों पर इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ा दी गई है, लेकिन उसका फायदा हमारे देश की कंपनियों को कैसे मिलेगा. कुल मिलाकर इस बजट को अमित जोगी ने निराशा जनक बताया है.

Intro:1 फरवरी को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट पेश किया है वह इस बजट को लेकर जेसीसीजे प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है अपनी प्रतिक्रिया में अमित जोगी ने कहा - वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लगभग 3 घंटे अपना भाषण दिया और शेयर मार्केट 10% गिर गया, अगर वह और ज्यादा बोलती तो ना जाने कितने परसेंट और शेयर मार्केट गिर जाता ।

अमित जोगी ने इस बजट को रक्त स्नान (ब्लडबाथ) कहा है, असमानताएं बढ़ रही है, अमीरों का टैक्स कम कर दिया कंपनियों का जो लाभांश वितरण कर है उसे कम कर दिया, गरीब और मध्यमवर्गीय को टैक्स सरलीकरण के नाम पर झुनझुना पकड़ा दिया।


Body:बजट आए 3 दिन हो गए हैं लेकिन चार्टर्ड अकाउंटेंट लोग नहीं समझ पा रहे हैं कि आयकर प्रणाली का सरलीकरण कैसे कहा जा सकता है इसको । यह बजट निराशाजनक आया है।

कुछ बातें कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर लगभग ढाई लाख करोड़ रुपए खर्च करने का प्रावधान रखा गया है लेकिन यह प्रावधान तभी सफल होगा जब सरकारी कंपनियों का, निवेश कर पाए।



Conclusion:पिछले साल सरकार ने डेढ़ लाख करोड़ रुपए की सरकारी कंपनी का निवेश किया जाएगा, 18000 करोड़ के टारगेट तक भी नहीं पहुंच पाए तो कैसे इतनी बड़ी कंपनियों का यह लोग विनिवेश करेंगे मैं क्या सरकार ने लोगों को कॉन्फिडेंस में लिया है,

मैंने कहा कि यह जरूरी नहीं है कि भारत ,चीन के ही तर्ज पर विकसित देशों में गिना जाए, प्रधानमंत्री नरेंद मोदी कहते है कि कहते हैं कि 5 ट्रिलियन डॉलर इकोनामी बनाने जा रहा हूँ...
लेकिन 5 ट्रिलियन डॉलर इकोनामी बनाने के लिए, 15% जीडीपी ग्रोथ रेट चाहिए आज देश की जीडीपी 5% नहीं पहुंचा पा रहे हैं।
यह पूरा बजट चुनिंदा उद्योगपतियों ने देश मे अपने मोनोपली कायम करने के लिए बनाया है ,बाजार को इस बजट से कोई प्रोत्साहन नही मिल रहा है। लगातार शेयर बाजार गिरते जा रहा है।

फर्नीचर और कपड़ों पर इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ा दी गई है लेकिन उसका फायदा हमारे देश की कंपनियों को कैसे मिलेगा, विदेश से पैसा आए तो सरकार द्वारा विदेशी कंपनियों के टैक्स का पैसा नहीं लगेगा । जो कंपनियां नवरत्न है जो फायदा दे रही हैं उनको आप इतना चाह रहे हैं , इस पूरे बजट से भारत के आर्थिक संकट से हम कैसे निकल पाएंगे पाएंगे


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