रायपुरः लंबे समय से बीमार चल रहे अमित जोगी को मंगलवार हॉस्पिटल प्रबंधन ने उनके रिक्वेस्ट पर डिस्चार्ज कर दिया है. हॉस्पिटल परिसर से निकलने के दौरान उनकी मीडिया से बातचीत हुई. उन्होंने सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि पहले उन्हें जोगरिया रोग था अब रामनिया रोग हो गया है.
इन दिनों सूबे की सियासत में उठापटक जारी है. जेसीसीजे सुप्रिमो अजीत जोगी और बेटे अमित जोगी पर कई मामलों को लेकर आरोप लगे हैं. वहीं पूर्व सीएम रमन सिंह पर नान घोटाले और अंतागढ़ टेपकांड के आरोपी होने की खबर सुर्खियों में है.
गलत आरोपों में फंसागा गयाः अमित
बता दें 2013 विधानसभा चुनाव के दौरान नामांकन फार्म में गलत जन्मस्थान दिए जाने के मामलें में हाइकोर्ट ने जेसीसीजे के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी को 14 दिनों की न्यायिक रिमांड में रखे जाने का आदेश जारी किया था. इस दौरान जूनियर जोगी की तबीयत बिगड़ने से उनका अगल-अलग अस्पतालों में इलाज कराया गया. मंगलवार सुबह उन्होंने हॉस्पिटल से डिस्चार्ज के दौरान मीडिया से बातचीत की.
अमित जोगी ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि 'जो लोग जोगरिया रोग से ग्रसित थे अब रमनिया रोग से हो गए हैं'
नहीं था जन्मस्थान का कॉलम
उन्होंने कहा कि उनके ऊपर लगाए गए सभी आरोप बेबुनियादी हैं. 2013 में कुल 1310 नामांकन भरा गया था और दूसरे किसी फार्म में जन्मस्थान का कॉलम नहीं थी. जूनियर जोगी ने बताया कि विगत एक सप्ताह से लगातार उनका इलाज अलग-अलग, 5-6 अस्पतालों में हुआ है और उन्होंने सभी डॉक्टरों को आभार प्रकट किया.
व्हीलचेयर पर बैठा पुतला फूंकना गलत
अमित ने जेसीसीजे सुप्रिमो और अपने पिता अजीत जोगी का व्हीलचेयर पर बैठा कर पुतला दहन करने को शर्मनाक हरकत बताया और उसकी निंदा की. साथ ही कहा कि 'राजनीति दिल से की जाती है पैरों से नहीं'.
उन्होंने कहा कि 'मैं संघर्षशील परिवार से हूं और संघर्ष करूंगा. न्यायालय पर मुझे पूरा विश्वास है'.
निवेदन पर हुए डिस्चार्ज
जूनियर जोगी ने बताया कि उन्होंने डॉक्टरों से निवेदन करके अपना डिस्चार्ज करावाया है और डॉक्टरों के मुताबिक सप्ताह भर जमीन पर पांव रखने की स्थिति नहीं है. लेकिन न्यायालय में गलत जानकारी देकर उन्हें फिजिकली फिट बताया गया है.