रायपुर: राजधानी के अंबेडकर अस्पताल (मेकाहारा अस्पताल) की बड़ी लापरवाही सामने आई है. यहां डॉक्टरों ने एक जिंदा महिला को मृत घोषित कर दिया. महिला को मृत बताकर परिजनों को सौंप दिया गया. परिजन जब महिला का शव लेकर मुक्तिधाम पहुंचे तब पूरे मामले का खुलासा हुआ. दरअसल महिला का दिल धड़क रहा था. महिला की सांस भी चल रही थी.
महिला की हालत बिगड़ी
महिला को तत्काल दोबारा आंबेडकर अस्पताल लाया गया है, लेकिन इस बार अस्पताल आते-आते काफी देर हो गई. महिला की रास्ते में ही मौत हो गई. महिला के परिजन नीरज जैन ने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया है. नीरज जैन ने बताया कि मुक्तिधाम से लाने के बाद महिला की हालत अधिक गंभीर हो गई थी. उन्हें ऑक्सीजन और वेटिंलेटर पर रखा गया थी.इधर, अस्पताल अधीक्षक डॉ विनीत जैन ने कहा कि उनके पास ऐसी कोई जानकारी नहीं है. जानकारी मिलने पर मामले की जांच की जाएगी.
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राजधानी निवासी 73 साल की लक्ष्मी बाई अग्रवाल की तबीयत खराब हुई थी. बुधवार दोपहर 3 से 4 बजे के बीच खाना खाते समय वह अचानक बेहोश हो गई. उन्हें मेकाहारा अस्पताल लाया गया. आपातकालीन सेवा में महिला का इलाज शुरू किया गया. महिला की कोरोना जांच भी कराई गई. कोरोना की रिपोर्ट निगेटिव आई है.
मुक्तिधाम जाकर पता चला जिंदा है महिला
डॉक्टरों ने ईसीजी किया इसके बाद महिला को मृत घोषित कर दिया. परिजनों ने डॉक्टरों के बताए अनुसार एंबुलेंस कर शव को संतोषी नगर मुक्तिधाम लेकर गए. वहां मौजूद लोगों ने अंतिम संस्कार करने से पहले देखा कि महिला की धकड़ने चल रही हैं. तत्काल परिजनों को बताया गया. मुक्तिधाम में ही तत्काल प्राइवेट डॉक्टर को बुलाया गया. जहां डॉक्टर ने चेक करने के बाद बताया कि प्लस चल रही है. तत्काल अस्पताल लेकर जाएं. जिसके बाद परिजन फिर से महिला को अंबेडकर अस्पताल लेकर गए, लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले ही महिला ने दम तोड़ दिया.