रायपुर: जेसीसीजे सुप्रीमो अजीत जोगी ने अपने विधायकों के साथ राज्यपाल अनुसुईया ऊइके से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने आदिवासियों के हितों को लेकर 9 बिन्दुओं पर राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा, जिसमें उन्होंने राज्य की कांग्रेस सरकार पर आदिवासी विरोधी सरकार होने का आरोप लगाया है.
प्रतिनिधि मंडल ने राज्यपाल से अपनी संवैधानिक शक्तियों का प्रयोग करते हुए प्रदेश में आदिवासियों के अस्तित्व की रक्षा करने की मांग की है. अजीत जोगी ने कहा है कि 9 अगस्त को अंतर्राष्ट्रीय आदिवासी दिवस के नाम पर करोड़ों रुपए बर्बाद कर नौटंकी करने से पहले भूपेश सरकार छत्तीसगढ़ के आदिवासियो से जुड़े 9 प्रश्नों का जवाब दे.
- पहला सवाल: जिन दो आदिवासियों युवकों की सरकारी हिरासत में पिछले महीने अंबिकापुर और कबीरधाम मौत में हो गई, उनके परिवारों को अब तक न्याय क्यों नहीं मिला?
- दूसरा सवाल: बस्तर के आदिवासियों के आराध्य नंदराज पर्वत में हज़ारों पेड़ों को काटकर उस पर विराजमान पिट्ठोर मेटा देवी के मंदिर को ध्वस्त करके लोहे की खदान चालू करने के फ़ैसले को अभी तक राज्य सरकार ने निरस्त क्यों नहीं किया?
- तीसरा सवाल: आदिवासियों की धोखाधड़ी से हड़पी ज़मीन और वन अधिकार पट्टे, जिसमें स्वयं मुख्यमंत्री समेत उनके भाजपा के रायपुर दक्षिण के विधायक और पूर्व मंत्री पर गंभीर आरोप लगे हैं. दोषियों के ख़िलाफ़ अब तक राज्य सरकार ने कार्रवाई क्यों नहीं की?
- चौथा सवाल: आदिवासी (अनुसूचित जनजाति) विभाग को शिक्षा विभाग में विलय करके जो पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने आदिवासियों के शिक्षा प्राप्त करने के संवैधानिक अधिकार का गला घोंटने का काम किया था और जिसका कांग्रेस ने विपक्ष में रहते हुए पुरज़ोर विरोध भी किया था. उसे अब तक बदलने का राज्य सरकार ने आदेश क्यों नहीं पारित किया?
- पांचवां सवाल: पोलावरम और इचंपल्ली बांधों के निर्माण से सुकमा और बीजापुर जिले के लाखों आदिवासी बेघर और बर्बाद हो जाएगे और UPA और NDA की केंद्र सरकार द्वारा आदिवासियों की ज़मीन पर बने 10,000 करोड़ रुपए की लागत के नगरनार इस्पात संयंत्र, जिस पर बस्तर के नौजवानों का प्रथम अधिकार है कि नीलामी करने के एकपक्षीय फैसलों का राज्य सरकार ने अब तक विरोध क्यों नहीं किया?
- छठवां सवाल: आदिवासी बाहुल्य सरगुजा, रायगढ़ और कोरबा में पिछले 7 महीनों में पैसा क़ानून के अंतर्गत बिना ग्रामसभा की अनुमति प्राप्त किए कैसे निजी कंपनियों को राज्य सरकार ने 24 कोयला और बॉक्साइट खदानें चालू करने की अनुमति दे दी.
- सातवां सवाल: आदिवासी बाहुल्य (अनुसूचित) क्षेत्रों में शिक्षा और स्वास्थ विभाग में जो 75% से अधिक पद रिक्त पड़े हैं, जिसका सीधा-सीधा ख़ामियाज़ा बढ़ती पलायन और मृत्यु दरों के रूप में यहां के 50,00,000 आदिवासियों को रोज़ भुगतना पड़ रहा है- को स्थायी रूप से भरने के लिए अब तक राज्य सरकार ने कार्रवाई क्यों नहीं की ?
- आठवां सवाल: आदिवासियों के आर्थिक विकास की बात करने वाली राज्य सरकार ने आज तक एक भी वृहद वनोपज-आधारित उद्योग लगाने की योजना क्यों नहीं बनायी?
- नवां सवाल: आदिवासियों को मुख्यधारा से जोड़ने वाली 6 हजार रेलवे लाइन-कुम्हारी-कांकेर-केशकाल-कोंडागाँव-केशलूर-कोंटा- और रायपुर-जगदलपुर-विशाखापटनम उड़ान सेवा शुरू करने का आज तक राज्य सरकार ने प्रस्ताव क्यों नहीं बनाया?
राज्य के आदिवासियों के अस्तित्व से जुड़े 9 प्रश्नों को लेकर हैं राज्य सरकार से जवाब मांगा है. इससे राज्य के मुख्यमंत्री से इन 9 प्रश्नों के जवाब के संबंध में एक रिपोर्ट मांगी जाए जिससे अंतर राष्ट्रीय आदिवासी दिवस पर राज्य के आदिवासियों को वास्तव में न्याय मिल सके अन्यथा इस दिवस पर सरकार द्वारा आयोजित कार्यक्रम केवल एक सरकारी ढकोसला साबित होगा.