रायपुर: भारतीय उत्पादों और लोक संस्कृति को लोकप्रिय बनाने के लिए हर साल स्वदेशी मेले का आयोजन किया जाता है. इस बार रायपुर के शंकर नगर स्थित बीटीआई मैदान में आठ दिवसीय स्वदेशी मेले का आयोजन किया गया है. जिसमें देश के विभिन्न राज्यों से आए हुए कलाकार अपनी कला की प्रस्तुति कर रहे हैं.
वहीं इस मेले में खाद्य वस्तुओं से लेकर घर सजाने और खादी के कपड़े लोगों के आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं. यहां स्टोर पर मिल रहे उत्पाद देसी तकनीक से बने हैं चाहे वह मिट्टी से बना तवा हो, गोबर से बना साबुन या अगरबत्ती.
गोबर से बना साबुन और अगरबत्ती
स्वदेशी मेले में गौउत्पाद का स्टॉल लगाने वाले सपन गोयल ने बताया कि, 'अगरबत्ती और साबुन शुद्ध देसी तरीके से बनाया गया है और इसे गाय के गोबर, मूत्र, मिट्टी और चंदन के साथ मिलाकर बनाया गया है.'
उन्होंने बताया कि, 'अगरबत्ती और साबुन के उपयोग से शरीर पर किसी तरह का असर नहीं पड़ता. वहीं साबुन से शरीर में होने वाले चर्म बीमारी से बचा जा सकता है.'
सपन 20 साल से यह काम कर रहे हैं और गौशाला से अगरबत्ती और साबुन तैयार किया जाता है. इसके साथ ही मेले में देसी गाय के बारे में लोगों को जानकारी दी जा रही है.
खादी का जलवा
वह इस मेले में खादी के कपड़ों को भी मॉडर्न तरीकों से डिजाइन कर बेचा जा रहा है. जो लोगों को काफी पसंद आ रहा है. नागपुर से आए हुए फैशन डिज़ाइनर आदित्य जैन ने बताया कि, 'लोग कहते हैं कि खादी आउट ऑफ फैशन हो चुका है, लेकिन ऐसा नहीं है. खादी को हम नए ट्रैंडी लुक के साथ यहां लेकर आए हैं, जिसे लोग काफी पसंद कर रहे हैं. इसमें हाथ से कारीगरी कर नया लुक दिया जा रहा है.'
मिट्टी से बने बर्तन लोगों के आकर्षण का केंद्र
इसके अलावा मिट्टी से बना तवा और हांडी लोग अपने घरों के लिए खरीद रहे हैं. दुकानदार मोहन चौहान ने इसकी खासियत के बारे में बताया कि इसे गैस के चूल्हे पर इस्तेमाल किया जा सकता है. इसकी कीमत भी कुछ ज्यादा नहीं सिर्फ 300 रुपये से 500 तक है.