रायपुर: छत्तीसगढ़ में सियासी पारा (Political Temperature in Chhattisgarh) फिर चढ़ गया है. 15 विधायक दिल्ली दौरे पर हैं. इन विधायकों में बृहस्पति सिंह (Brihaspati Singh) भी है. दिल्ली पहुंचने के बाद सभी विधायक एक प्राइवेट होटल में ठहरे हैं. सत्ता परिवर्तन और बदलाव की अटकलों के बीच बताया जा रहा है कि ये विधायक छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रभारी पीएल पुनिया (Chhattisgarh Congress in-charge PL Punia) से मुलाकात कर सकते हैं.दिल्ली में कांग्रेस महासचिव वेणुगोपाल ने विधायकों को मिलने का समय नहीं दिया है. अब सभी विधायकों की उम्मीदें पीएल पुनिया और राहुल गांधी से मुलाकात पर टिकी हैं.
सिंहदेव ने की सीएम बघेल की तारीफ तो बोले भूपेश, काका अभी जिंदा है
जब टीएस सिंहदेव (TS Singhdev) के मीडिया ने विधायकों के दिल्ली जाने पर सवाल किया तो उन्होंने कहा कि सबको पता है कि छत्तीसगढ़ में क्या सरगर्मी और चर्चा है. मीडिया में सारी बातें आ गई है. सिंहदेव (TS Singhdev) ने ये भी कहा कि विधायक को दिल्ली जाने से छत्तीसगढ़ के सियासी बवाल को लेकर बातें खुल गई है. बदलाव की बातें चल रही है. लेकिन ये देखना होगा कि यह होगा कि नहीं.
जब सिंहदेव (TS Singhdev) से उनके दिल्ली जाने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने ऐसे किसी संभावनाओं से इंकार कर दिया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस में खुला मंच है. ये प्रजातंत्र है. कांग्रेस का आलाकमान सबको मौका देता है.
ये विधायक हुए दिल्ली रवाना
- यूडी मिंज
- मोहित केरकेट्टा
- रामकुमार सिंह यादव
- बृहस्पति सिंह
- गुलाब कमरो
- चन्द्रदेव राय
- पुरषोत्तम कंवर
- द्वारिकाधीश यादव
- प्रकाश नायक
- गुरुदयाल बंजारे
- विनय जायसवाल
बताया जा रहा है कि कुल 13 से 15 विधायक दिल्ली गए हैं. अब देखना होगा कि क्या पंजाब के बाद छत्तीसगढ़ में भी सियासी उठापटक हो सकता है.
छत्तीसगढ़ में पंजाब जैसी स्थिति नहीं, नेतृत्व परिवर्तन का सवाल नहीं- बृहस्पति सिंह
बृहस्पति सिंह ने बताया कि वह 15 विधायकों के साथ दिल्ली आए हैं. हम यहां राहुल गांधी से भी मिलने की कोशिश करेंगे. हम यहां अपने प्रभारी से मिलने आए हैं. हम राहुल गांधी से यह आग्रह करेंगे की बस्तर दौरे पर वह छत्तीसगढ़ आ रहे हैं तो थोड़ा दौरे की मियाद और बढ़ा लें. ताकि उनका आशीर्वाद मिलता रहे. छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री बदलने का सवाल नहीं है. सब लोग संतुष्ट हैं. उन्होंने कहा कि किसी एक व्यक्ति को संतुष्ट करने के लिए फैसला नहीं लिया जा सकता है. छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री बदलने का सवाल ही नहीं है. पार्टी हाईकमान, विधायक और प्रदेश की जनता मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के काम से संतुष्ट है
बृहस्पति सिंह ने कहा कि सिंहदेव राजघराने से आते हैं. वह हमेशा सरकार का सहयोग करते हैं. मंशा सबकी होती है कि वह सीएम बने. लेकिन इसका फैसला आलाकमान करता है. छत्तीसगढ़ में सीएम बघेल और सिंहदेव की जोड़ी हिट है. यहां जय-वीरू की जोड़ी हिट है. सरगुजा महाराज, ग्वालियर महाराज की तरह नहीं करेंगे. भूपेश बघेल सरकार 5 साल तक चलेगी.
वेणुगोपाल ने मिलने से किया इंकार
कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक जो विधायक छत्तीसगढ़ से दिल्ली गए हैं. वे कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल से मिलने का समय मांग रहे थे. लेकिन वेणुगोपाल ने उन्हें अब तक मिलने का समय नहीं दिया है. अब आगे ये देखना होगा कि इन विधायकों की मुलाकात किन नेताओं से होती है.
आलाकमान के पास फैसला सुरक्षित-सिंहदेव
पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफे और चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री पद की कमान के बाद छत्तीसगढ़ की सियासत में अटकलों का बाजार गर्म है. यहां पहले भी सीएम पद के लिए ढाई-ढाई साल के फॉर्मूले पर गहमागहमी देखने को मिली थी. अगस्त महीने में तो सिंहदेव और बघेल दिल्ली दरबार में हाजिरी भी लगा चुके हैं. इतना ही नहीं इन दोनों नेताओं के अलावा उनके समर्थक विधायक भी दिल्ली में डेरा डाल चुके हैं. आलाकमान तक यह सियासी झगड़ा पहुंचा था और राहुल गांधी ने छत्तीसगढ़ दौरे पर आने की बात भी कही थी, लेकिन वे अभी तक दौरे पर आ नहीं सके हैं. 25 सितंबर को सिंहदेव ने मीडिया में बयान दिया था कि आलाकमान के पास छत्तीसगढ़ का फैसला सुरक्षित है. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि सत्ता परिवर्तन का काम बड़ा होता है. यह एक तरह से बिटिया की शादी की तैयारी जैसी होती है. इसलिए इसमें समय लगता है.
16 सितंबर को 25 विधायक रायपुर के होटल में हुए थे लामबंद !
इससे पहले 16 सितंबर को रायपुर के होटल में 25 विधायकों के रुकने की चर्चा हुई थी. जिस पर काफी सियासी ड्रामा देखने को मिला था. जब सीएम बघेल से इस बाबत पूछा गया तो उन्होंने इस बात से इंकार कर दिया. उसके बाद सिंहदेव दो बार दिल्ली का दौरा कर चुके हैं. दोनो ही दौरों को सिंहदेव ने अपना निजी दौरा बताया था. लेकिन इन सब घटनाओं को सत्ता परिवर्तन की कवायद से जोड़कर देखा जा रहा है.
अगस्त में दिल्ली में हुआ था सियासी ड्रामा
दिल्ली में 26 से 27 अगस्त को दिन भर छत्तीसगढ़ का सियासी घमासान सड़कों से लेकर छत्तीसगढ़ सदन और कांग्रेस मुख्यालय तक दिखाई दिया. हालांकि शीर्ष नेता पहले से यही कहते रहे कि नेृतत्व परिवर्तन जैसी कोई बात नहीं है. विधायकों ने भी कहा कि वे अपने नेता से मिलने दिल्ली पहुंचे हैं और उन्हें अपनी भावनाओं से अवगत कराया है.शुक्रवार को तीन घंटे तक सीएम भूपेश बघेल की कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी से बातचीत हुई. इस चर्चा में दोनों नेताओं ने छत्तीसगढ़ के कई मुद्दों पर मंथन किया. इस मुलाकात के दौरान छत्तीसगढ़ के कांग्रेस प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया भी मौजूद रहे. उसके बाद 28 अगस्त को जब भूपेश बघेल रायपुर पहुंचे तो उन्होंने कहा कि हमने राहुल गांधी को छत्तीसगढ़ आने का न्यौता दिया है. वह छत्तीसगढ़ आएंगे.