रायपुर : अंतागढ़ टेप कांड मामले में मुख्य आरोपी फिरोज सिद्दीकी ने SIT को अपना वॉयस सैंपल दे दिया है. सिद्दीकी ने वॉयस सैंपल देने के बाद मीडिया से बात करते हुए भाजपा के कई नेताओं के नामों का भी खुलासा किया है. साथ ही उनपर कई आरोप भी लगाए है. उन्होंने कहा कि स्टिंग ऑपरेशन करने के पीछे का मकसद लोकतंत्र की हत्या को रोकना था. इसलिए उन्होंने अंतागढ़ टेप कांड मामले का स्टिंग ऑपरेशन किया था.
बता दें कि स्टिंग ऑपरेशन का डिवाइस फिरोज सिद्दीकी के पास था. उसमें सुनाई दिए जाने वाली आवाज फिरोज सिद्दीकी की है. बुधवार को फिर से उन्हीं आवाजों का तीन राउंड में वॉयस सैंपल लिया गया जिसे जांच के लिए बाहर लैब में भेजा जाएगा.
फिरोज सिद्दीकी का बड़ा खुलासा
वॉयस सैंपल देने के बाद फिरोज सिद्दीकी ने बड़ा खुलासा किया और कहा कि उसने ही रमन सिंह से मंतूराम पवार की बात कराई थी. जिसके बाद मंतूराम पवार ने अंतागढ़ उपचुनाव के दौरान नाम वापस लिया था. फिरोज सिद्दीकी ने जब पुनीत गुप्ता को फोन लगाया था उस समय डॉ रमन सिंह लंदन में अपनी पत्नी वीणा सिंह का इलाज कराने गए हुए थे. उसी दौरान डॉ रमन सिंह ने मंतूराम पवार से नाम वापस लेने की पेशकश की थी.
अंतागढ़ टेप कांड में कई लोग शामिल-सिद्दीकी
सिद्दीकी ने यह भी कहा कि इस पूरे प्रकरण में डॉ पुनीत गुप्ता, पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी और उनके पुत्र अमित जोगी सहित भाजपा के पूर्व मंत्री राजेश मूणत भी इसमें शामिल है. यह पूरी तरह से लोकतंत्र की हत्या है. जिस पर रोक लगाने के लिए स्टिंग ऑपरेशन किया गया था.
अंतागढ़ टेप कांड की जांच से लोकतंत्र सुरक्षित होगा-सिद्दीकी
उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार बनने के बाद इसकी जांच हो रही है, ताकि लोकतंत्र की हत्या होने से बच सके. फिरोज सिद्दीकी का कहना है कि खरीद-फरोख्त और नाम वापसी मामले में भाजपा के पूर्व मंत्री राजेश मूणत के बंगले में 7 करोड़ 50 लाख रुपए छोड़े गए थे. जिसके बाद उक्त राशि अजीत जोगी के बंगले में भिजवाई गईथी. उसके बाद यह पैसा कहां और किसके पास गया इसके बारे में अजीत जोगी ही बता सकते हैं.