ETV Bharat / state

कोरबा:अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर वकील - chhattisgarh news

कोरबा: 10 सूत्रीय मांगों को लेकर देशभर के वकील सोमवार को हड़ताल पर रहे. इस दौरान अधिवक्ताओं ने सांकेतिक प्रदर्शन किया. प्रदर्शन में जिला अधिवक्ता संघ के सैकड़ों अधिवक्ताओं ने भाग लिया और अपनी मांगों को सरकार के सामने रखा है.

प्रदर्शन करते अधिवक्ता
author img

By

Published : Feb 13, 2019, 2:05 PM IST

दरअसल, 1 मार्च 2014 को गांधीनगर गुजरात में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशभर के अधिवक्ताओं के हित में हितार्थ योजनाएं लागू करने का वचन दिया था, लेकिन मुख्यमंत्री से प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी ने इस ओर कोई काम नहीं किया है. जिससे अधिवक्ता नाराज हैं. अधिवक्ताओं ने मांग पूरी न होने पर आगे उग्र आंदोलन करने की बात कही है.

वीडियो
undefined

ये हैं अधिवक्ताओं की मांग

  • अधिवक्ताओं और उसके परिवार के आश्रितों को 20 लाख तक बीमा कवरेज.
  • अधिवक्ताओं को विशेष दर्जे का मेडिकल क्लेम कार्ड मिले.
  • विधि व्यवसाय शुरू करनेवाले जुनियर अधिवक्ताओं को 5 साल तक 10 हजार रुपए स्टायफंड.
  • वृद्ध और गरीब अधिवक्ता के असामयिक निधन होने पर परिवार को प्रतिमाह निश्चित आर्थिक सहायता.
  • अधिवक्ता संरक्षण अधिनियम.
  • अधिवक्ता संघ भवन, निवास, बैठक व्यवस्था और ई-लाइब्रेरी जैसी सुविधा.
  • विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम में संशोधन.
  • ब्याज मुक्त होम और वाहन लोन.
  • सेवा निवृत्त न्यायाधीश के बजाय विभिन्न अधिकरण, आयोग, फोरम और प्राधिकरणों में अधिवक्ताओं की नियुक्ति.
  • दुर्घटना में 65 वर्ष से कम उम्र के अधिवक्ताओं की मौत पर 50 लाख तक की क्षतिपूर्ति.

जिला अधिवक्ता संघ का कहना है कि वे किसी एक पार्टी पर निशाना नहीं साध रहे हैं. उनका किसी पार्टी से कोई लेना देना नहीं है. वे प्रदेश की भूपेश सरकार और केंद्र की मोदी सरकार दोनों से ही इस ओर ध्यान देने का निवेदन कर रहे है.

undefined

दरअसल, 1 मार्च 2014 को गांधीनगर गुजरात में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशभर के अधिवक्ताओं के हित में हितार्थ योजनाएं लागू करने का वचन दिया था, लेकिन मुख्यमंत्री से प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी ने इस ओर कोई काम नहीं किया है. जिससे अधिवक्ता नाराज हैं. अधिवक्ताओं ने मांग पूरी न होने पर आगे उग्र आंदोलन करने की बात कही है.

वीडियो
undefined

ये हैं अधिवक्ताओं की मांग

  • अधिवक्ताओं और उसके परिवार के आश्रितों को 20 लाख तक बीमा कवरेज.
  • अधिवक्ताओं को विशेष दर्जे का मेडिकल क्लेम कार्ड मिले.
  • विधि व्यवसाय शुरू करनेवाले जुनियर अधिवक्ताओं को 5 साल तक 10 हजार रुपए स्टायफंड.
  • वृद्ध और गरीब अधिवक्ता के असामयिक निधन होने पर परिवार को प्रतिमाह निश्चित आर्थिक सहायता.
  • अधिवक्ता संरक्षण अधिनियम.
  • अधिवक्ता संघ भवन, निवास, बैठक व्यवस्था और ई-लाइब्रेरी जैसी सुविधा.
  • विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम में संशोधन.
  • ब्याज मुक्त होम और वाहन लोन.
  • सेवा निवृत्त न्यायाधीश के बजाय विभिन्न अधिकरण, आयोग, फोरम और प्राधिकरणों में अधिवक्ताओं की नियुक्ति.
  • दुर्घटना में 65 वर्ष से कम उम्र के अधिवक्ताओं की मौत पर 50 लाख तक की क्षतिपूर्ति.

जिला अधिवक्ता संघ का कहना है कि वे किसी एक पार्टी पर निशाना नहीं साध रहे हैं. उनका किसी पार्टी से कोई लेना देना नहीं है. वे प्रदेश की भूपेश सरकार और केंद्र की मोदी सरकार दोनों से ही इस ओर ध्यान देने का निवेदन कर रहे है.

undefined
Intro:देशव्यापी आंदोलन के तहत अधिवक्ताओं ने एकदिवसीय न्यायालय में कार्य का बहिष्कार करते हुए सोमवार को प्रदर्शन किया। इसमें जिला अधिवक्ता संघ के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने भाग लिया और अपनी 10 सूत्रीय मांगों को सामने रखा।


Body:दरअसल 1 मार्च 2014 को गांधीनगर गुजरात में देशभर के अधिवक्ताओं से तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने अधिवक्ताओं के हितार्थ योजनाएं लागू करने का वचन दिया था। प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी ने अधिवक्ताओं के संबंध में विचार करने की बात कही थी। अब ठीक 5 साल बाद मुख्यमंत्री से प्रधानमंत्री बन चुके नरेंद्र मोदी को यह अधिवक्ता उनके वचन याद दिला रहे हैं।
10 सूत्रीय मांगें:
1.अधिवक्ताओं एवं उनके आश्रित के लिए ₹2 लाख तक बीमा कवरेज
2.अधिवक्ताओं के लिए सर्वश्रेष्ठ अस्पतालों में निशुल्क चिकित्सा सुविधा प्रदान किए जावे
3.शुरुआती तौर पर विधि व्यवसाय से जुड़ने वाले अधिवक्ताओं को 5 वर्षों तक न्यूनतम ₹10 हज़ार स्टाइपेंड प्रदान किया जावे
4.वृद्ध या निर्धन अधिवक्ताओं के असामयिक मृत्यु पर न्यूनतम ₹50 हज़ार प्रतिमाह फैमिली पेंशन प्रदान किया जावे
5.अधिवक्ताओं के संरक्षण के लिए अधिवक्ता संरक्षण अधिनियम अधिनियमित किया जाए
6.सभी अधिवक्ता संघों को सर्व सुविधा युक्त भवन एवं लाइब्रेरी उपलब्ध कराया जाए
7.सस्ते दर पर गृह निर्माण की व्यवस्था एवं ब्याज मुक्त लोन प्रदान किया जाए
8.विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम में संशोधन किया जाए जिससे अधिवक्ता अपने कर्तव्य निर्वहन में समर्थ हो सके
9.विभिन्न अधिकरण, आयोग, फोरम, प्राधिकरण में सेवानिवृत्त न्यायाधीशों न्यायिक अधिकारियों की तरह सक्षम अधिवक्ताओं को नियुक्ति का प्रावधान किया जावे
10.किसी अधिवक्ता की दुर्घटना वश मृत्यु होने की दशा में उनके आश्रित को ₹50 लाख अनुदान प्रदान किया जाए

जिला अधिवक्ता संघ ने कहा कि किसी एक पार्टी पर हम निशाना नहीं साथ रहे हैं और हमारा किसी पार्टी से लेना देना नहीं हैम हम प्रदेश की भूपेश सरकार और केंद्र की मोदी सरकार दोनों से इस और ध्यान देने का निवेदन करते हैं। आगे मांगे पूरी नहीं की गई तो इससे बड़ा और उग्र आंदोलन हम करेंगे।

बाइट- रोहित राजवाड़े, अध्यक्ष, जिला अधिवक्ता संघ, कोरबा


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.