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कोरोना से बचने के लिए सैनिटाइजर का उपयोग, कितना फायदेमंद, कितना नुकसानदायक!

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Published : Sep 6, 2020, 7:53 PM IST

कोरोना काल में इन दिनों नकली सैनिटाइजर का बाजार फल फूल रहा है. बाजार में लगातार सैनिटाइजर की डिमांड बढ़ती जा रही है, जिसे देखते हुए कई लोग इसका फायदा उठाते हुए बाजार में डुब्लीकेट सैनिटाइजर बेच रहे हैं. हालांकि प्रशासन लगातार छापेमार कार्रवाई कर रहा है.

duplicate sanitizer
नकली सैनिटाइजर का कारोबार

रायपुर: कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए लोग सैनिटाइजर का इस्तेमाल कर रहे हैं. संक्रमण काल में सबस ज्यादा अगर डिमांड किसी की बढ़ी है तो वो है मास्क और सैनिटाइजर. इस डिमांड को देखते हुए कई कंपनियां सैनिटाइजर निर्माण कार्य में लग गई है. स्थानीय स्तर पर भी कुछ कंपनियों को सैनिटाइजर बनाने की अनुमति दी गई है. लेकिन इन सब के बीच डुप्लीकेट और मिलावटी सैनिटाइजर भी बाजार में बिक रहे हैं. आम लोग असली और डुब्लीकेट सैनिटाइजर में फर्क नहीं समझ पा रहे हैं.

बाजारों में बिक रहे नकली सैनिटाइजर

मिलावटी और डुब्लीकेट सैनिटाइजर पर रोक लगाने के लिए समय-समय पर औषधि एवं खाद विभाग छापेमारी कर रहा है, बावजूद इसके मिलावटी और डुप्लीकेट सैनिटाइजर का बाजार बड़ी तेजी से फल-फूल रहा है. खुद सैनिटाइजर बेचने वाले व्यापारियों का भी मानना है कि कोरोना काल में सैनिटाइजर की अचानक बढ़ी मांग को देखते हुए अब बाजार में मिलावटी और डुप्लीकेट सैनिटाइजर की तादाद बढ़ती जा रही है.

सरकार ने निर्धारित किए हैं सैनिटाइजर के दाम

सैनिटाइजर सप्लायर नरेश हरचंदानी कहना है कि सरकार के द्वारा सैनिटाइजर के दाम निर्धारित कर दिए गए हैं. जिसके बाद किसी भी कंपनी का सैनिटाइजर हो वह उसी मूल्य और मात्रा के अनुसार बिकेगा जो सरकार ने निर्धारित किया है, इसलिए लोग सैनिटाइजर खरीदते समय थोड़ा जागरूक रहें और हो सके तो ब्रांडेड कंपनियों के सैनिटाइजर ही खरीदें जिससे वे मिलावटी सैनिटाइजर के इस्तेमाल से बच सकते हैं.

सैनिटाइजर से स्किन रोग का खतरा

दूसरी ओर डॉक्टरों का कहना है कि जितना कम हो सके उतना ही सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें. हृदय रोग विशेषज्ञ और एडवांस कार्डियक इंस्टीट्यूट के विभागाध्यक्ष डॉक्टर स्मित श्रीवास्तव का कहना है कि लोगों को ज्यादा सैनिटाइजर के इस्तेमाल से बचना चाहिए. जितना हो सके साबुन और पानी से ही हाथ धोना चाहिए. डॉक्टर ने सैनिटाइजर के साइड इफेक्ट की जानकारी देते हुए बताया कि सैनिटाइजर के उपयोग से कई तरह से त्वचा से संबंधित बीमारियां होती है. जानकार बताते हैं कि यदि डुप्लीकेट या मिलावटी सैनिटाइजर का इस्तेमाल किया जाता है तो उसे खुजली, खुश्क, त्वचा लाल, दाग, त्वचा रोग, कैंसर, किडनी, फेफड़े प्रजनन तंत्र की बीमारियों के होने का खतरा बढ़ जाता है.

आम लोग नहीं कर पाते असली-नकली सैनिटाइजर पर फर्क

वहीं मिलावटी और डुप्लीकेट सैनिटाइजर को लेकर खाद्य एवं औषधि विभाग की ओर से अबतक कोई बड़ी कार्रवाई नहीं की गई है. हालांकि इस विभाग ने राजधानी में कुछ जगहों पर छापेमार कार्रवाई करते हुए हजारों लीटर मिलावटी सैनिटाइजर जब्त किया है, लेकिन यह कार्रवाई भी मात्र खानापूर्ति बनकर रह गई है, क्योंकि विभाग ऐसी कार्रवाई ज्यादातर शिकायत मिलने के बाद ही करता है. ऐसे में वे लोग जो असली और नकली सैनिटाइजर की पहचान नहीं कर पाते हैं, उनके द्वारा शिकायत भी नहीं की जाती है और यही वजह हैं कि मिलावटी सैनिटाइजर का कारोबार भली-भांति फल फूल रहा है.

पढ़ें- SPECIAL: मास्क और सैनिटाइजर के साथ अब लोग ऑक्सीजन सिलेंडर भी कर रहे स्टोर

सहायक औषधि नियंत्रक कमल कांत पाटनवार ने बताया कि विभाग के द्वारा लगातार सैनिटाइजर को लेकर बाजार पर नजर रखी जा रही है. हाल ही में दलदल सिवनी क्षेत्र में स्थित फैक्ट्री इंडो जर्मन बायो साइंस में विभाग ने छापेमार कार्रवाई करते हुए हजारों लीटर नकली सैनिटाइजर बनाने का सामान जब्त किया था. यह फैक्ट्री निलेश गुप्ता की है. इस मामले में जांच कार्रवाई पूरी कर ली गई है. जांच में सैनिटाइजर अमानक पाए गए थे. अब इस मामले में अनुमति मिलने के बाद प्रकरण को न्यायालय में पेश किया जाएगा.

छापेमार कार्रवाई के दौरान लिए गए 25 सैंपल

कमल कांत ने बताया कि विभाग ने अभियान चलाते हुए कई जगहों पर छापेमार कार्रवाई की है. उन जगहों से सैनिटाइजर के 25 सैंपल लिए गए है. जिसमें से 17 सैंपल की जांच पूरी हो चुकी है. यह सभी सैंपल मानक पाए गए हैं. वहीं 8 सैंपल की जांच अभी भी जारी है. कमल कांत ने बताया कि इस तरह की कार्रवाई शिकायत मिलने पर की जाती है. साथ ही विभाग भी समय-समय पर बाजारों में जाकर सैंपल एकत्र करता है.

स्वास्थ्य विभाग ने भी साबुन से हाथ धोने की दी सलाह

इस पूरे मामले को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने भी लोगों को सैनिटाइजर का इस्तेमाल न करने की सलाह दी है. जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ मीरा बघेल का कहना है कि लोगों को ज्यादातर साबुन का इस्तेमाल करना चाहिए. जहां साबुन और पानी उपलब्ध न हो उस परिस्थिति में ही सैनिटाइजर का उपयोग करें. डॉ मीरा ने यह भी बताया कि सैनिटाइजर के साइड इफेक्ट को देखते हुए अमेरिका में सैनिटाइजर के इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई है. वहीं बाजार में बिक रहे मिलावटी और डुप्लीकेट सैनिटाइजर को लेकर मीरा ने कहा कि यदि इस तरह की कोई शिकायत मिलेगी तो जरूर उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. अब देखने वाली बात है कि आने वाले समय में नकली सैनिटाइजर के कारोबार पर नकेल कसने प्रशासन क्या कदम उठाता है.

रायपुर: कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए लोग सैनिटाइजर का इस्तेमाल कर रहे हैं. संक्रमण काल में सबस ज्यादा अगर डिमांड किसी की बढ़ी है तो वो है मास्क और सैनिटाइजर. इस डिमांड को देखते हुए कई कंपनियां सैनिटाइजर निर्माण कार्य में लग गई है. स्थानीय स्तर पर भी कुछ कंपनियों को सैनिटाइजर बनाने की अनुमति दी गई है. लेकिन इन सब के बीच डुप्लीकेट और मिलावटी सैनिटाइजर भी बाजार में बिक रहे हैं. आम लोग असली और डुब्लीकेट सैनिटाइजर में फर्क नहीं समझ पा रहे हैं.

बाजारों में बिक रहे नकली सैनिटाइजर

मिलावटी और डुब्लीकेट सैनिटाइजर पर रोक लगाने के लिए समय-समय पर औषधि एवं खाद विभाग छापेमारी कर रहा है, बावजूद इसके मिलावटी और डुप्लीकेट सैनिटाइजर का बाजार बड़ी तेजी से फल-फूल रहा है. खुद सैनिटाइजर बेचने वाले व्यापारियों का भी मानना है कि कोरोना काल में सैनिटाइजर की अचानक बढ़ी मांग को देखते हुए अब बाजार में मिलावटी और डुप्लीकेट सैनिटाइजर की तादाद बढ़ती जा रही है.

सरकार ने निर्धारित किए हैं सैनिटाइजर के दाम

सैनिटाइजर सप्लायर नरेश हरचंदानी कहना है कि सरकार के द्वारा सैनिटाइजर के दाम निर्धारित कर दिए गए हैं. जिसके बाद किसी भी कंपनी का सैनिटाइजर हो वह उसी मूल्य और मात्रा के अनुसार बिकेगा जो सरकार ने निर्धारित किया है, इसलिए लोग सैनिटाइजर खरीदते समय थोड़ा जागरूक रहें और हो सके तो ब्रांडेड कंपनियों के सैनिटाइजर ही खरीदें जिससे वे मिलावटी सैनिटाइजर के इस्तेमाल से बच सकते हैं.

सैनिटाइजर से स्किन रोग का खतरा

दूसरी ओर डॉक्टरों का कहना है कि जितना कम हो सके उतना ही सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें. हृदय रोग विशेषज्ञ और एडवांस कार्डियक इंस्टीट्यूट के विभागाध्यक्ष डॉक्टर स्मित श्रीवास्तव का कहना है कि लोगों को ज्यादा सैनिटाइजर के इस्तेमाल से बचना चाहिए. जितना हो सके साबुन और पानी से ही हाथ धोना चाहिए. डॉक्टर ने सैनिटाइजर के साइड इफेक्ट की जानकारी देते हुए बताया कि सैनिटाइजर के उपयोग से कई तरह से त्वचा से संबंधित बीमारियां होती है. जानकार बताते हैं कि यदि डुप्लीकेट या मिलावटी सैनिटाइजर का इस्तेमाल किया जाता है तो उसे खुजली, खुश्क, त्वचा लाल, दाग, त्वचा रोग, कैंसर, किडनी, फेफड़े प्रजनन तंत्र की बीमारियों के होने का खतरा बढ़ जाता है.

आम लोग नहीं कर पाते असली-नकली सैनिटाइजर पर फर्क

वहीं मिलावटी और डुप्लीकेट सैनिटाइजर को लेकर खाद्य एवं औषधि विभाग की ओर से अबतक कोई बड़ी कार्रवाई नहीं की गई है. हालांकि इस विभाग ने राजधानी में कुछ जगहों पर छापेमार कार्रवाई करते हुए हजारों लीटर मिलावटी सैनिटाइजर जब्त किया है, लेकिन यह कार्रवाई भी मात्र खानापूर्ति बनकर रह गई है, क्योंकि विभाग ऐसी कार्रवाई ज्यादातर शिकायत मिलने के बाद ही करता है. ऐसे में वे लोग जो असली और नकली सैनिटाइजर की पहचान नहीं कर पाते हैं, उनके द्वारा शिकायत भी नहीं की जाती है और यही वजह हैं कि मिलावटी सैनिटाइजर का कारोबार भली-भांति फल फूल रहा है.

पढ़ें- SPECIAL: मास्क और सैनिटाइजर के साथ अब लोग ऑक्सीजन सिलेंडर भी कर रहे स्टोर

सहायक औषधि नियंत्रक कमल कांत पाटनवार ने बताया कि विभाग के द्वारा लगातार सैनिटाइजर को लेकर बाजार पर नजर रखी जा रही है. हाल ही में दलदल सिवनी क्षेत्र में स्थित फैक्ट्री इंडो जर्मन बायो साइंस में विभाग ने छापेमार कार्रवाई करते हुए हजारों लीटर नकली सैनिटाइजर बनाने का सामान जब्त किया था. यह फैक्ट्री निलेश गुप्ता की है. इस मामले में जांच कार्रवाई पूरी कर ली गई है. जांच में सैनिटाइजर अमानक पाए गए थे. अब इस मामले में अनुमति मिलने के बाद प्रकरण को न्यायालय में पेश किया जाएगा.

छापेमार कार्रवाई के दौरान लिए गए 25 सैंपल

कमल कांत ने बताया कि विभाग ने अभियान चलाते हुए कई जगहों पर छापेमार कार्रवाई की है. उन जगहों से सैनिटाइजर के 25 सैंपल लिए गए है. जिसमें से 17 सैंपल की जांच पूरी हो चुकी है. यह सभी सैंपल मानक पाए गए हैं. वहीं 8 सैंपल की जांच अभी भी जारी है. कमल कांत ने बताया कि इस तरह की कार्रवाई शिकायत मिलने पर की जाती है. साथ ही विभाग भी समय-समय पर बाजारों में जाकर सैंपल एकत्र करता है.

स्वास्थ्य विभाग ने भी साबुन से हाथ धोने की दी सलाह

इस पूरे मामले को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने भी लोगों को सैनिटाइजर का इस्तेमाल न करने की सलाह दी है. जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ मीरा बघेल का कहना है कि लोगों को ज्यादातर साबुन का इस्तेमाल करना चाहिए. जहां साबुन और पानी उपलब्ध न हो उस परिस्थिति में ही सैनिटाइजर का उपयोग करें. डॉ मीरा ने यह भी बताया कि सैनिटाइजर के साइड इफेक्ट को देखते हुए अमेरिका में सैनिटाइजर के इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई है. वहीं बाजार में बिक रहे मिलावटी और डुप्लीकेट सैनिटाइजर को लेकर मीरा ने कहा कि यदि इस तरह की कोई शिकायत मिलेगी तो जरूर उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. अब देखने वाली बात है कि आने वाले समय में नकली सैनिटाइजर के कारोबार पर नकेल कसने प्रशासन क्या कदम उठाता है.

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