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SPECIAL: जरुरतमंदों का सहारा बने सोनू सूद, स्पाइनल टीबी से जूझ रही बच्ची को पहुंचाई आर्थिक मदद

मशहूर अभिनेता सोनू सूद कोरोना काल से ही लोगों के बीच चर्चा का विषय रहे हैं. मजदूरों और कई दूसरे लोगों की मदद के बाद सोनू सूद ने अब छत्तीसगढ़ की बीमार बेटी की मदद की है.

Sonu Sood helps a girl of chhattisgarh
बीमार बच्ची के लिए मसीहा बने सोनू सूद
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Published : Nov 11, 2020, 9:16 PM IST

Updated : Nov 11, 2020, 11:10 PM IST

रायपुर: मशहूर अभिनेता सोनू सूद कोरोना काल में कई परिवारों के लिए उम्मीद की किरण बने हैं. लॉकडाउन के दौरान हजारों मजदूर परिवारों की मदद के बाद अब सोनू सूद और उनकी टीम अलग-अलग क्षेत्र में लोगों की मदद कर रही है. इस कड़ी में उन्होंने छत्तीसगढ़ की बेटी योगमाया के इलाज के लिए मदद की है. छत्तीसगढ़ के बिलाईगढ़ की रहने वाली योगमाया स्पाइनल टीबी की बीमारी से ग्रसित थी. सोनू सूद ने योगमाया की मदद की है. योगमाया को उनकी बीमारी की जानकारी नहीं थी. एक बार उनके अंगूठे में चोट लगी जिसके बाद उन्होंने टेस्ट करवाया. तब पता चला कि उनकी रीढ़ की हड्डी में टीबी है. यानि स्पाइनल टीबी की बीमारी है.

जरुरतमंदों के मसीहा सोनू सूद

योगमाया बताती हैं कि उन्होंने 2 महीने तक दवाई ली और उसके बाद दवाई लेना बंद कर दिया. जिसके बाद टीबी उनके पूरे शरीर में फैलने लगा. स्थिति ये हो गई थी कि वह सही तरीके से चल फिर भी नहीं पाती थीं. उन्होंने कई बार सोनू सूद की टीम से कॉन्टैक्ट करने की कोशिश की. लेकिन उनसे कोई संपर्क नहीं हो पाया. उनके परिचय के एक व्यक्ति की मदद सोनू सूद की टीम कर रही थी. योगमाया ने उनके जरिए सोनू सूद का नंबर लिया. जिसके बाद योगमाया की सोनू सूद की टीम में गोविंद अग्रवाल से बात हुई. उन्होंने योगमाया को राजधानी के एक निजी अस्पताल में एडमिट होने को कहा. जहां उनका इलाज किया गया.

'आंसू पोंछ ले बहन, किताबें भी नई होंगी, घर भी नया होगा', छत्तीसगढ़ की बिटिया से 'सोनू भैया' का वादा

परेशान होकर कटवा दिए थे बाल

योगमाया बताती हैं कि वह अपने शारीरिक परेशानियों से इतनी परेशान थीं कि वो ठीक से न बैठ पाती थी, न ठीक से चल पाती थीं. इस कारण वह अपने बालों तक को भी नहीं संभाल पा रही थीं. इन सब से परेशान होकर उन्होंने अपने सारे बाल कटवा दिए. योगमाया बताती हैं कि वे रायपुर में रहकर पढ़ाई कर रही थीं. लेकिन बीमार होने के बाद उनकी पढ़ाई छूट गई और वह पढ़ाई भी कंप्लीट नहीं कर पाई.

पिता करतें हैं खेती-किसानी

योगमाया के पिता किसान हैं. वह बताती हैं कि उनके परिवार में उनके माता-पिता के अलावा उनकी दादी और चार छोटी बहनें भी हैं. इस कारण से ही पिता इलाज करवाने में सक्षम नहीं थे.

इलाज में 40 हजार रुपये का आया खर्च

योगमाया का इलाज करने वाले डॉक्टर डॉ. कमलेश अग्रवाल ने बताया कि योगमयाा का ट्रीटमेंट करने के लिए 40 हजार रुपये का खर्च आया. उन्होंने बताया कि गोविंद अग्रवाल के जरिए ही योगमाया उनके संपर्क में आई थी. इलाज के बाद अब वह पूरी तरीके से स्वस्थ हैं और जल्द ही वह फिर से पहले की तरह चल सकेंगी.

रायपुर: मशहूर अभिनेता सोनू सूद कोरोना काल में कई परिवारों के लिए उम्मीद की किरण बने हैं. लॉकडाउन के दौरान हजारों मजदूर परिवारों की मदद के बाद अब सोनू सूद और उनकी टीम अलग-अलग क्षेत्र में लोगों की मदद कर रही है. इस कड़ी में उन्होंने छत्तीसगढ़ की बेटी योगमाया के इलाज के लिए मदद की है. छत्तीसगढ़ के बिलाईगढ़ की रहने वाली योगमाया स्पाइनल टीबी की बीमारी से ग्रसित थी. सोनू सूद ने योगमाया की मदद की है. योगमाया को उनकी बीमारी की जानकारी नहीं थी. एक बार उनके अंगूठे में चोट लगी जिसके बाद उन्होंने टेस्ट करवाया. तब पता चला कि उनकी रीढ़ की हड्डी में टीबी है. यानि स्पाइनल टीबी की बीमारी है.

जरुरतमंदों के मसीहा सोनू सूद

योगमाया बताती हैं कि उन्होंने 2 महीने तक दवाई ली और उसके बाद दवाई लेना बंद कर दिया. जिसके बाद टीबी उनके पूरे शरीर में फैलने लगा. स्थिति ये हो गई थी कि वह सही तरीके से चल फिर भी नहीं पाती थीं. उन्होंने कई बार सोनू सूद की टीम से कॉन्टैक्ट करने की कोशिश की. लेकिन उनसे कोई संपर्क नहीं हो पाया. उनके परिचय के एक व्यक्ति की मदद सोनू सूद की टीम कर रही थी. योगमाया ने उनके जरिए सोनू सूद का नंबर लिया. जिसके बाद योगमाया की सोनू सूद की टीम में गोविंद अग्रवाल से बात हुई. उन्होंने योगमाया को राजधानी के एक निजी अस्पताल में एडमिट होने को कहा. जहां उनका इलाज किया गया.

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परेशान होकर कटवा दिए थे बाल

योगमाया बताती हैं कि वह अपने शारीरिक परेशानियों से इतनी परेशान थीं कि वो ठीक से न बैठ पाती थी, न ठीक से चल पाती थीं. इस कारण वह अपने बालों तक को भी नहीं संभाल पा रही थीं. इन सब से परेशान होकर उन्होंने अपने सारे बाल कटवा दिए. योगमाया बताती हैं कि वे रायपुर में रहकर पढ़ाई कर रही थीं. लेकिन बीमार होने के बाद उनकी पढ़ाई छूट गई और वह पढ़ाई भी कंप्लीट नहीं कर पाई.

पिता करतें हैं खेती-किसानी

योगमाया के पिता किसान हैं. वह बताती हैं कि उनके परिवार में उनके माता-पिता के अलावा उनकी दादी और चार छोटी बहनें भी हैं. इस कारण से ही पिता इलाज करवाने में सक्षम नहीं थे.

इलाज में 40 हजार रुपये का आया खर्च

योगमाया का इलाज करने वाले डॉक्टर डॉ. कमलेश अग्रवाल ने बताया कि योगमयाा का ट्रीटमेंट करने के लिए 40 हजार रुपये का खर्च आया. उन्होंने बताया कि गोविंद अग्रवाल के जरिए ही योगमाया उनके संपर्क में आई थी. इलाज के बाद अब वह पूरी तरीके से स्वस्थ हैं और जल्द ही वह फिर से पहले की तरह चल सकेंगी.

Last Updated : Nov 11, 2020, 11:10 PM IST
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