रायपुर/अभनपुर : यूं तो सरकार स्वच्छता अभियान के तहत कई तरह के वादे करती है. देश सहित पूरे प्रदेश में स्वच्छता अभियान चलाया जाता है. लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करने के लिए कलाकार नुक्कड़ नाटक भी करते है. बावजूद इसके वार्ड 15 के सोमवारी बाजार के देवारपारा की हालत बहुत ही ज्यादा बद्तर है. यहां बसे झुग्गी-झोपड़ी के लोग गंदगी में रहने को मजबूर हैं. सरकार द्वारा चलाया जा रहा है यह अभियान सिर्फ और सिर्फ ढोंग दिखावा बनकर रह गया है.
मामला अभनपुर विधानसभा क्षेत्र के वार्ड 15 के सोमवारी बाजार के देवारपारा का है, जहां 150 से भी ऊपर मतदाता हैं और यहां महज 70 मकान देवार जाति की है, लेकिन इस मोहल्ले में सरकार के वादे झूठे साबित होते नजर आ रहे हैं. यहां न तो स्वच्छता अभियान के तहत सफाई है और न ही यहां के नालियों में पानी निकासी का कोई रास्ता है. यहां के नालियों से बदबू आता है और नाली का कचरा सीधे सड़क पर आ जाता है, जिसकी वजह से यहां झुग्गी- झोपड़ी में बसे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
सिर्फ वोट मांगने आते हैं जनप्रतिनिधि
मामले में वार्ड के लोगों ने बताया कि सरकार तो गरीबों के लिये कई योजनाएं लाई है, लेकिन योजना का लाभ उन्हें नहीं मिल पाता. यहां के चुने जनप्रतिनिधि सिर्फ वोट मांगने के दौरान यहां आते हैं और जब वे चुनाव जीत जाते हैं तब वे यहां झांकने तक नहीं आते.
दूसरे इलाके में शरण लेने को मजबूर
लोगों का कहना है कि बरसात के दिनों में महानदी का पानी इलाके में घुस जाता है, जिससे यहां बाढ़ की स्थिति पैदा हो जाती है, जिस कारण उन्हें दूसरे इलाके में जाकर शरण लेना पड़ता है. साथ ही लोगों ने बताया कि सालों से यहां निवासरत लोगों पर जनप्रतिनिधियों की ओर से अभी तक कोई उचित व्यवस्था नहीं की गई है.