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नीट परीक्षा : गलत प्रमाण पत्र जमा करने पर कार्रवाई, 63 छात्र-छात्राओं का एडमिशन रद्द

नीट परीक्षा में दूसरे राज्य के मूल निवास के साथ छत्तीसगढ़ का भी प्रमाण पत्र लगाने वाले 54 छात्रों को अपात्र घोषित किया गया है. वहीं एडमिशन ले चुके 9 छात्रों को भी बाहर का रास्ता दिखाया गया है.

नीट परीक्षा में 63 छात्रों का एडमिशन रद्द
नीट परीक्षा में 63 छात्रों का एडमिशन रद्द
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Published : Dec 14, 2020, 4:12 PM IST

रायपुर : छत्तीसगढ़ के कोटे से नीट परीक्षा देकर मेडिकल कॉलेज में प्रवेश लेने वाले 9 छात्र अपात्र करार दिए गए हैं. साथ ही 54 ऐसे छात्रों को अपात्र घोषित किया गया है. जिन्होंने दूसरे राज्यों के मूल निवास के साथ छत्तीसगढ़ का भी प्रमाण पत्र लगाया था. इस बार नीट परीक्षा देकर मेडिकल कॉलेज में प्रवेश करने के लिए कई छात्रों ने छत्तीसगढ़ का फर्जी प्रमाण पत्र लगाया था. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आदेश दिया कि जिन लोगों ने फर्जी प्रमाणपत्र लगाया है उन पर कार्रवाई की जाए.

जिन छात्रों पर गाज गिरी है, उनमें से आठ छात्रों का का एडमिशन मेडिकल कॉलेज एमबीबीएस के लिए हो चुका था. वहीं 17 का दाखिला बीडीएस के लिए हुआ था. काउंसलिंग के बाद इन छात्रों का प्रवेश पूरी तरह से रद्द माना जाएगा. स्टेट मेडिकल काउंसिल की बैठक में हाईकोर्ट के दिशा निर्देश के बाद यह फैसला लिया है. आखिर में मेडिकल काउंसिल की ओर से सूची जारी कर दी गई है.

पढ़ें : छत्तीसगढ़ को मिला पहला गोधन एम्पोरियम, पढ़िए यहां क्या-क्या मिलेगा

कुछ छात्रों को अपात्र घोषित किया गया

यह मामला नवंबर में सामने आया था जब राज्य के कोटे से मेरिट लिस्ट जारी की गई थी. छात्रों ने राज्य के कोटे से दूसरे राज्य का मूल निवास प्रस्तुत किया था. इस पर कई अभिभावकों ने आपत्ति जताई थी. इसके बाद कुछ अभिभावकों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की. याचिका पर हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए आदेश जारी किया कि पूरे मामले में काउंसिल की ओर से निर्णय लिया जाए. ताकि राज्य के छात्रों को इसका लाभ मिल सके. तमाम पहलुओं को देखते हुए स्टेट मेडिकल काउंसिल के पदाधिकारियों ने राज्य के उम्मीदवारों के पक्ष में फैसला सुनाते हुए दूसरे राज्य के मूल निवासी के कोटे की सीटों पर प्रवेश लेने वाले छात्रों को अपात्र घोषित कर दिया है.

रायपुर : छत्तीसगढ़ के कोटे से नीट परीक्षा देकर मेडिकल कॉलेज में प्रवेश लेने वाले 9 छात्र अपात्र करार दिए गए हैं. साथ ही 54 ऐसे छात्रों को अपात्र घोषित किया गया है. जिन्होंने दूसरे राज्यों के मूल निवास के साथ छत्तीसगढ़ का भी प्रमाण पत्र लगाया था. इस बार नीट परीक्षा देकर मेडिकल कॉलेज में प्रवेश करने के लिए कई छात्रों ने छत्तीसगढ़ का फर्जी प्रमाण पत्र लगाया था. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आदेश दिया कि जिन लोगों ने फर्जी प्रमाणपत्र लगाया है उन पर कार्रवाई की जाए.

जिन छात्रों पर गाज गिरी है, उनमें से आठ छात्रों का का एडमिशन मेडिकल कॉलेज एमबीबीएस के लिए हो चुका था. वहीं 17 का दाखिला बीडीएस के लिए हुआ था. काउंसलिंग के बाद इन छात्रों का प्रवेश पूरी तरह से रद्द माना जाएगा. स्टेट मेडिकल काउंसिल की बैठक में हाईकोर्ट के दिशा निर्देश के बाद यह फैसला लिया है. आखिर में मेडिकल काउंसिल की ओर से सूची जारी कर दी गई है.

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कुछ छात्रों को अपात्र घोषित किया गया

यह मामला नवंबर में सामने आया था जब राज्य के कोटे से मेरिट लिस्ट जारी की गई थी. छात्रों ने राज्य के कोटे से दूसरे राज्य का मूल निवास प्रस्तुत किया था. इस पर कई अभिभावकों ने आपत्ति जताई थी. इसके बाद कुछ अभिभावकों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की. याचिका पर हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए आदेश जारी किया कि पूरे मामले में काउंसिल की ओर से निर्णय लिया जाए. ताकि राज्य के छात्रों को इसका लाभ मिल सके. तमाम पहलुओं को देखते हुए स्टेट मेडिकल काउंसिल के पदाधिकारियों ने राज्य के उम्मीदवारों के पक्ष में फैसला सुनाते हुए दूसरे राज्य के मूल निवासी के कोटे की सीटों पर प्रवेश लेने वाले छात्रों को अपात्र घोषित कर दिया है.

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