रायपुर: देश के विभिन्न हिस्सों से छत्तीसगढ़ लौटे प्रवासी श्रमिकों के लिए प्रदेशभर में 20 हजार से अधिक क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाए गए हैं. इन सेंटर्स में 3 लाख 48 हजार लोगों को क्वॉरेंटाइन पर रखा गया है. 14 दिनों की क्वॉरेंटाइन अवधि पूरी कर अब तक तकरीबन 50 हजार मजदूर अपने घर लौट चुके हैं. इसकी जानकारी स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने दी है.
टीएस सिंहदेव ने बताया कि 14 दिनों के क्वॉरेंटाइन के बाद भी कम से कम 10 दिन के लिए लोगों को घरों में आइसोलेट किया जा रहा है. इन्हें सात से दस दिनों तक होम क्वॉरेंटाइन में रहने के निर्देश दिए गए हैं. गांवों में स्थापित क्वॉरेंटाइन सेंटर्स का संचालन और नियंत्रण संबंधित जिला प्रशासन कर रहा है. इनके संचालन में ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत और जिला पंचायतें सक्रिय भागीदारी निभा रही हैं.
क्वॉरेंटाइन सेंटर में सुविधाएं उपलब्ध
लगभग सभी ग्राम पंचायत में क्वारेंटाइन सेंटर्स स्थापित किए गए हैं. इन सेंटरों में रह रहे प्रवासी मजदूरों को आवास और भोजन सहित सभी बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं. अस्थायी शौचालयों, पुरुषों और महिलाओं के लिए अलग-अलग स्नानगृह, स्वच्छ पेयजल, लाइट और पंखों की व्यवस्था की गई है.
मास्क और सैनिटाइजर की सुविधा
टीएस सिंहदेव ने जानकारी दी कि क्वॉरेंटाइन सेंटर्स में खाने-पीने के लिए पर्याप्त संख्या में दोना-पत्तल और डिस्पोजेबल ग्लास के इंतजाम किए गए हैं. बार-बार हाथ धोने के लिए साबुन और पानी के साथ ही हैंड सैनिटाइजर भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं. मुंह ढंकने के लिए मास्क और गमछा भी दिया जा रहा है.
सेंटर में साफ-सफाई की व्यवस्था
क्वॉरेंटाइन सेंटरों में भोजन बनाने के सभी इंतजामों के साथ ही सोने के लिए गद्दा, दरी और चादर उपलब्ध कराया जा रहा है. इन सेंटर्स में साफ-सफाई की भी अच्छी व्यवस्था की गई है. इसके लिए सभी सेंटरों को पर्याप्त मात्रा में डस्टबिन, झाड़ू, फिनाइल और बाल्टियां दी गई हैं.
सेहत का भी रखा जा रहा ख्याल
क्वॉरेंटाइन सेंटर में लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए योग और प्राणायाम कराए जा रहे हैं. महिलाओं को माहवारी स्वच्छता के लिए सेनिटरी नैपकिन भी वितरित किए जा रहे हैं.