ETV Bharat / state

सर्जिकल स्ट्राइक के 5 साल : पाकिस्तान में घुसकर भारतीय फौज ने ध्वस्त कर दिया था आतंकी कैंप, जानिये कैसे

आज सर्जिकल स्ट्राइक (Surgical strike) के 5 वर्ष पूरे हो गये है. इस स्ट्राइक (Strike) को सबसे बेहतरीन सैन्य ऑपरेशन (Best military operation) के रूप में याद किया जाता है क्योंकि दुश्मनी ठिकानों को तहस-नहस करने के दौरान भारतीय सेना के किसी जवान (Indian army soldiers) को मामूली खरोंच तक नहीं आई थी.

5 years of surgical strike
सर्जिकल स्ट्राइक के 5 साल
author img

By

Published : Sep 29, 2021, 11:33 AM IST

रायपुरः 28 सितंबर 2016 (28 September 2016) की वो रात... जब पीएम मोदी सहित कई नए नेता भारत की पटकथा (Write the script of india) लिख रहे थे. एक ओर पूरा देश चैन की नींद ले रहा था, वहीं दूसरी ओर पीएम कार्यालय (PM Office) में गहमागहमी का माहौल था. भारतीय फौजें पाकिस्तान की सीमा (Indian army pakistan border) के अंदर घुस कर आतंकी कैंपों (Terrorist camps) को खत्म कर वापस आ चुकी थीं. 29 को दुनिया ने यह जान लिया था कि नए भारत का सूर्योदय (Sunrise of new india) हो चुका है. एक ऐसा भारत जो न तो झुकेगा और न ही रुकेगा.

वहीं, पूरे भारत में इस ऐतिहासिक दिन को सर्जिकल स्ट्राइक डे (Surgical strike day) के रूप में जाना जाता है. आज भारत उस अदम्य साहस की पांचवी वर्षगांठ है जिसके बारे में सुनकर हर भारतीय गर्वित हो जाएगा.

18 जवान हुए थे शहीद

दरअसल, 18 सितंबर 2016 को पाकिस्तान से आए आतंकियों ने जम्मू-कश्मीर के उरी सेक्टर में भारतीय सेना के शिविर पर हमला कर दिया था. इस घातक हमले में 18 जवान शहीद हो गए थे. पूरे देश में आक्रोश था. तब पीएम मोदी ने कहा था कि हमलावर बेखौफ नहीं जाएंगे, 18 जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा. जिसके बाद हमले की प्रतिक्रिया में आतंकवादी समूहों के खिलाफ 28-29 सितंबर की रात जवाबी हमले किए गए थे.

45 आतंकी मारे थे

इधर, पाक आतंकी कैंपों की मौजूदगी को स्वीकार नहीं कर रहा था. भारत ने कड़ा रुख अपनाते हुए ऐसा कदम उठाया कि न सिर्फ पाकिस्तान बल्कि पूरी दुनिया को दिखा कि भारत आतंकी कैंपों का खात्मा कर सकता है. 28-29 सितंबर की दरम्यानी रात को भारतीय सेना के विशेष बलों ने एलओसी पार कर पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकी लॉन्च पैड्स पर सर्जिकल स्ट्राइक की और उन्हें तबाह कर दिया. इस हमले में भारतीय सेना ने पाकिस्तानी आतंकवादियों के छह लॉन्चपैड को तबाह कर दिया था और करीब 45 आतंकी इस कार्रवाई में मारे गए थे.

जज्बे को सलाम : नक्सलियों ने छीना था सिर से माता-पिता का साया, नक्सलवाद के खात्मे को 300 युवा ले रहे प्रशिक्षण

साल 2018 से सर्जिकल स्ट्राइक दिवस मनाया जाने लगा

वहीं, इस हमले के दो साल बाद 2018 में भारत सरकार ने सर्जिकल स्ट्राइक दिवस मनाना शुरू किया. इस सर्जिकल स्ट्राइक को सबसे बेहतरीन सैन्य ऑपरेशन के रूप में भी याद किया जाता है. क्योंकि दुश्मनों के ठिकानों को तहस-नहस करने के दौरान भारतीय सेना के किसी जवान को मामूली खरोंच तक नहीं आई थी.

खास हथियार हुए इस्तेमाल

बताया जा रहा है कि 28 सितंबर की आधी रात 12 बज MI 17 हेलिकॉप्टरों के जरिए 150 कमांडो को एलओसी के पास उतारा गया. यहां से 4 और 9 पैरा के 25 कमांडो ने एलओसी पार की और पाक अधिकृत कश्मीर में सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया. वहीं, इस स्ट्राइक के लिए सेना ने अपनी तैयारी 24 सितंबर से शुरू कर दी थी. स्पेशल कमांडोज को नाइट-विजन डिवाइस, Tavor 21 और AK-47 असॉल्ट राइफल, रॉकेट-प्रोपेल्ड ग्रेनेड, शोल्डर-फाइबल मिसाइल, हेकलर और कोच पिस्तौल, उच्च विस्फोटक ग्रेनेड और प्लास्टिक विस्फोटक से लैस किया गया था.वहीं, इस टीम में 30 भारतीय जवान शामिल थे.

ऑपरेशन साढ़े 12 से सुबह 4 बजे तक चला था

जिसके बाद कमांडोज ने बिना मौका गंवाए आतंकियों पर ग्रेनेड फेंके. अफरा-तफरी फैलते ही स्मोक ग्रेनेड के साथ ताबड़तोड़ गोलियां बरसाईं गई. हमले में आतंकियों के साथ पाकिस्तानी सेना के कुछ जवान भी मारे गए.वहीं, ये ऑपरेशन रात साढ़े 12 बजे शुरू हुआ था और सुबह साढ़े 4 बजे तक चलता रहा. पूरे अभियान पर दिल्ली में सेना मुख्यालय से रात भर नजर रखी गई थी.

रायपुरः 28 सितंबर 2016 (28 September 2016) की वो रात... जब पीएम मोदी सहित कई नए नेता भारत की पटकथा (Write the script of india) लिख रहे थे. एक ओर पूरा देश चैन की नींद ले रहा था, वहीं दूसरी ओर पीएम कार्यालय (PM Office) में गहमागहमी का माहौल था. भारतीय फौजें पाकिस्तान की सीमा (Indian army pakistan border) के अंदर घुस कर आतंकी कैंपों (Terrorist camps) को खत्म कर वापस आ चुकी थीं. 29 को दुनिया ने यह जान लिया था कि नए भारत का सूर्योदय (Sunrise of new india) हो चुका है. एक ऐसा भारत जो न तो झुकेगा और न ही रुकेगा.

वहीं, पूरे भारत में इस ऐतिहासिक दिन को सर्जिकल स्ट्राइक डे (Surgical strike day) के रूप में जाना जाता है. आज भारत उस अदम्य साहस की पांचवी वर्षगांठ है जिसके बारे में सुनकर हर भारतीय गर्वित हो जाएगा.

18 जवान हुए थे शहीद

दरअसल, 18 सितंबर 2016 को पाकिस्तान से आए आतंकियों ने जम्मू-कश्मीर के उरी सेक्टर में भारतीय सेना के शिविर पर हमला कर दिया था. इस घातक हमले में 18 जवान शहीद हो गए थे. पूरे देश में आक्रोश था. तब पीएम मोदी ने कहा था कि हमलावर बेखौफ नहीं जाएंगे, 18 जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा. जिसके बाद हमले की प्रतिक्रिया में आतंकवादी समूहों के खिलाफ 28-29 सितंबर की रात जवाबी हमले किए गए थे.

45 आतंकी मारे थे

इधर, पाक आतंकी कैंपों की मौजूदगी को स्वीकार नहीं कर रहा था. भारत ने कड़ा रुख अपनाते हुए ऐसा कदम उठाया कि न सिर्फ पाकिस्तान बल्कि पूरी दुनिया को दिखा कि भारत आतंकी कैंपों का खात्मा कर सकता है. 28-29 सितंबर की दरम्यानी रात को भारतीय सेना के विशेष बलों ने एलओसी पार कर पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकी लॉन्च पैड्स पर सर्जिकल स्ट्राइक की और उन्हें तबाह कर दिया. इस हमले में भारतीय सेना ने पाकिस्तानी आतंकवादियों के छह लॉन्चपैड को तबाह कर दिया था और करीब 45 आतंकी इस कार्रवाई में मारे गए थे.

जज्बे को सलाम : नक्सलियों ने छीना था सिर से माता-पिता का साया, नक्सलवाद के खात्मे को 300 युवा ले रहे प्रशिक्षण

साल 2018 से सर्जिकल स्ट्राइक दिवस मनाया जाने लगा

वहीं, इस हमले के दो साल बाद 2018 में भारत सरकार ने सर्जिकल स्ट्राइक दिवस मनाना शुरू किया. इस सर्जिकल स्ट्राइक को सबसे बेहतरीन सैन्य ऑपरेशन के रूप में भी याद किया जाता है. क्योंकि दुश्मनों के ठिकानों को तहस-नहस करने के दौरान भारतीय सेना के किसी जवान को मामूली खरोंच तक नहीं आई थी.

खास हथियार हुए इस्तेमाल

बताया जा रहा है कि 28 सितंबर की आधी रात 12 बज MI 17 हेलिकॉप्टरों के जरिए 150 कमांडो को एलओसी के पास उतारा गया. यहां से 4 और 9 पैरा के 25 कमांडो ने एलओसी पार की और पाक अधिकृत कश्मीर में सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया. वहीं, इस स्ट्राइक के लिए सेना ने अपनी तैयारी 24 सितंबर से शुरू कर दी थी. स्पेशल कमांडोज को नाइट-विजन डिवाइस, Tavor 21 और AK-47 असॉल्ट राइफल, रॉकेट-प्रोपेल्ड ग्रेनेड, शोल्डर-फाइबल मिसाइल, हेकलर और कोच पिस्तौल, उच्च विस्फोटक ग्रेनेड और प्लास्टिक विस्फोटक से लैस किया गया था.वहीं, इस टीम में 30 भारतीय जवान शामिल थे.

ऑपरेशन साढ़े 12 से सुबह 4 बजे तक चला था

जिसके बाद कमांडोज ने बिना मौका गंवाए आतंकियों पर ग्रेनेड फेंके. अफरा-तफरी फैलते ही स्मोक ग्रेनेड के साथ ताबड़तोड़ गोलियां बरसाईं गई. हमले में आतंकियों के साथ पाकिस्तानी सेना के कुछ जवान भी मारे गए.वहीं, ये ऑपरेशन रात साढ़े 12 बजे शुरू हुआ था और सुबह साढ़े 4 बजे तक चलता रहा. पूरे अभियान पर दिल्ली में सेना मुख्यालय से रात भर नजर रखी गई थी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.