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जिम्मेदारों की मनमानी से बंजर हो रही जमीन, कागजों में सिमट गया 'हरियर छत्तीसगढ़'

रायपुर जिले के अभनपुर तहसील के सुंदरकेरा गांव में 53 हेक्टेयर जमीन पर आम, जामुन, आंवला, करंज जैसे 5 हजार 600 पौधे रोपे गए थे, लेकिन अधिकारियों की लापरवाही के कारण ये जमीन पौध रोपण के कुछ ही दिनों बाद फिर से बंजर हो गई.

बंजर भूमि
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Published : Apr 25, 2019, 10:49 AM IST

Updated : Apr 25, 2019, 11:45 AM IST

रायपुर: अधिकारियों की लापरवाही से न सिर्फ पैसों की बर्बादी हो रही है, बल्कि पर्यावरण को भी नुकसान हो रहा है. अधिकारियों की मनमानी के कारण कैसे कोई योजना जमीन पर नहीं उतर पाती है, इसका एक उदाहरण छत्तीसगढ़ के राजधानी रायपुर से सटी अभनपुर तहसील में देखने को मिलता है.

दरअसल, छत्तीसगढ़ सरकार ने 'हरियर छत्तीसगढ़' कार्यक्रम के तहत प्रदेश में खाली पड़े जमीन पर फलदार पौधे रोपने की योजना बनाई थी. इसके तहत प्रदेश ऐसे जमीनों को चिन्हित कर वहां पौधे रोपे गए थे, जहां खेती नहीं होती थी, लेकिन अधिकारियों और कर्मचारियों की लापरवाही के कारण ये योजना सिर्फ कागजों में सिमट कर रह गई.

'हरियर छत्तीसगढ़' कार्यक्रम के तहत रायपुर जिले के अभनपुर तहसील के सुंदरकेरा गांव में 53 हेक्टेयर जमीन पर आम, जामुन, आंवला, करंज जैसे 5 हजार 600 पौधे रोपे गए थे, लेकिन अधिकारियों की लापरवाही के कारण ये जमीन पौध रोपण के कुछ ही दिनों बाद फिर से बंजर हो गई. स्थानीय बताते हैं, पैधे रोपने के बाद किसी जिम्मेदार ने इसकी ओर पलटकर नहीं देखा, जिससे रख-रखाव और पानी की कमी के कारण आधे पौधे लगाने के कुछ ही दिनों बाद सूख गए और कुछ पौधों को आवारा मवेशियों ने बर्बाद कर दिया देश-दुनिया में बढ़ रहे प्रदूषण को देखते हुए छत्तीसगढ़ सरकार ने पेड़-पौधे लगाने की योजना बनाई थी.

रायपुर: अधिकारियों की लापरवाही से न सिर्फ पैसों की बर्बादी हो रही है, बल्कि पर्यावरण को भी नुकसान हो रहा है. अधिकारियों की मनमानी के कारण कैसे कोई योजना जमीन पर नहीं उतर पाती है, इसका एक उदाहरण छत्तीसगढ़ के राजधानी रायपुर से सटी अभनपुर तहसील में देखने को मिलता है.

दरअसल, छत्तीसगढ़ सरकार ने 'हरियर छत्तीसगढ़' कार्यक्रम के तहत प्रदेश में खाली पड़े जमीन पर फलदार पौधे रोपने की योजना बनाई थी. इसके तहत प्रदेश ऐसे जमीनों को चिन्हित कर वहां पौधे रोपे गए थे, जहां खेती नहीं होती थी, लेकिन अधिकारियों और कर्मचारियों की लापरवाही के कारण ये योजना सिर्फ कागजों में सिमट कर रह गई.

'हरियर छत्तीसगढ़' कार्यक्रम के तहत रायपुर जिले के अभनपुर तहसील के सुंदरकेरा गांव में 53 हेक्टेयर जमीन पर आम, जामुन, आंवला, करंज जैसे 5 हजार 600 पौधे रोपे गए थे, लेकिन अधिकारियों की लापरवाही के कारण ये जमीन पौध रोपण के कुछ ही दिनों बाद फिर से बंजर हो गई. स्थानीय बताते हैं, पैधे रोपने के बाद किसी जिम्मेदार ने इसकी ओर पलटकर नहीं देखा, जिससे रख-रखाव और पानी की कमी के कारण आधे पौधे लगाने के कुछ ही दिनों बाद सूख गए और कुछ पौधों को आवारा मवेशियों ने बर्बाद कर दिया देश-दुनिया में बढ़ रहे प्रदूषण को देखते हुए छत्तीसगढ़ सरकार ने पेड़-पौधे लगाने की योजना बनाई थी.

Intro:दीपक वर्मा अभनपुर(रायपुर)
स्लग – बंजर भूमि
एंकर- रायपुर जिले के समीप अभनपुर तहसील के ग्राम सुन्दरकेरा में हरिहर छत्तीसगढ़ कार्यक्रम के तहत वृहद रूप से वन विभाग द्वारा आम,जामुन,गुलमोहर ,आवला,निलगिरी,करंज,और इमली का पांच हजार छ सौ दस पौधे ..........तिरपन हेक्टेयर में रोपे गये थे ......पर वन विभाग द्वारा रोपे गये पौधे की सुरक्षा नही किये जाने पर ......अब वह रोपे गये पौधे नही बस ......बंजर भूमि ही दिखाई दे रहे है ...........देश में हो रहे वातावरण दूषित होने से बचाने के लिए सरकार द्वारा विभिन्न योजना के तहत ऐसे मुहीम छेड़कर कार्यक्रम चलाये जाते है पर जिम्मेवार अधिकारी द्वारा उस योजना को इस तरह विफल कर देते है जिसका उदाहरन ग्राम सुन्दरकेरा में देखे जा सकते है.......... पर्यावरण को बचाए रखने के लिए वृहद रूप से सरकार द्वारा लाखो खर्च कर हरिहर छत्तीसगढ़ के तहत पौधे रोपे गये पर जिम्मेवार अधिकारी ,कर्मचारी के उदासीन पूर्ण कार्य के कारण ......भूमि हरियाली नही बल्कि बंजर दिखाई दे रहे है .......Body:दीपक वर्मा अभनपुर(रायपुर)
स्लग – बंजर भूमि
एंकर- रायपुर जिले के समीप अभनपुर तहसील के ग्राम सुन्दरकेरा में हरिहर छत्तीसगढ़ कार्यक्रम के तहत वृहद रूप से वन विभाग द्वारा आम,जामुन,गुलमोहर ,आवला,निलगिरी,करंज,और इमली का पांच हजार छ सौ दस पौधे ..........तिरपन हेक्टेयर में रोपे गये थे ......पर वन विभाग द्वारा रोपे गये पौधे की सुरक्षा नही किये जाने पर ......अब वह रोपे गये पौधे नही बस ......बंजर भूमि ही दिखाई दे रहे है ...........देश में हो रहे वातावरण दूषित होने से बचाने के लिए सरकार द्वारा विभिन्न योजना के तहत ऐसे मुहीम छेड़कर कार्यक्रम चलाये जाते है पर जिम्मेवार अधिकारी द्वारा उस योजना को इस तरह विफल कर देते है जिसका उदाहरन ग्राम सुन्दरकेरा में देखे जा सकते है.......... पर्यावरण को बचाए रखने के लिए वृहद रूप से सरकार द्वारा लाखो खर्च कर हरिहर छत्तीसगढ़ के तहत पौधे रोपे गये पर जिम्मेवार अधिकारी ,कर्मचारी के उदासीन पूर्ण कार्य के कारण ......भूमि हरियाली नही बल्कि बंजर दिखाई दे रहे है .......Conclusion:दीपक वर्मा अभनपुर(रायपुर)
स्लग – बंजर भूमि
एंकर- रायपुर जिले के समीप अभनपुर तहसील के ग्राम सुन्दरकेरा में हरिहर छत्तीसगढ़ कार्यक्रम के तहत वृहद रूप से वन विभाग द्वारा आम,जामुन,गुलमोहर ,आवला,निलगिरी,करंज,और इमली का पांच हजार छ सौ दस पौधे ..........तिरपन हेक्टेयर में रोपे गये थे ......पर वन विभाग द्वारा रोपे गये पौधे की सुरक्षा नही किये जाने पर ......अब वह रोपे गये पौधे नही बस ......बंजर भूमि ही दिखाई दे रहे है ...........देश में हो रहे वातावरण दूषित होने से बचाने के लिए सरकार द्वारा विभिन्न योजना के तहत ऐसे मुहीम छेड़कर कार्यक्रम चलाये जाते है पर जिम्मेवार अधिकारी द्वारा उस योजना को इस तरह विफल कर देते है जिसका उदाहरन ग्राम सुन्दरकेरा में देखे जा सकते है.......... पर्यावरण को बचाए रखने के लिए वृहद रूप से सरकार द्वारा लाखो खर्च कर हरिहर छत्तीसगढ़ के तहत पौधे रोपे गये पर जिम्मेवार अधिकारी ,कर्मचारी के उदासीन पूर्ण कार्य के कारण ......भूमि हरियाली नही बल्कि बंजर दिखाई दे रहे है .......
Last Updated : Apr 25, 2019, 11:45 AM IST
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