रायपुर: छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय के नजरिए से सबसे प्रतिष्ठापूर्ण सीट राजधानी रायपुर की मानी जाती है. इस सीट पर किसी भी राजनीतिक दल को बहुमत नहीं मिला है. 6 जनवरी को नव निर्वाचित पार्षद मेयर का चुनाव करेंगे. शुरू से ही महापौर बनाने के लिए जहां कांग्रेस पूरी तरह आश्वस्त है. वहीं अब भाजपा भी कोइ कसर नहीं छोड़ना चाहती है.
दोनों तरफ से लग रहे जोर आजमाइश के बीच शहर की सियासत में एक शब्द ने फिर से जोर पकड़ लिया है. जी हां आपने सही अंदाजा लगाया होगा. इन दिनों रायपुर में हॉर्स ट्रेडिंग की काफी गूंज है.
अगर समीकरण पर नजर डालें तो कांग्रेस को अपना मेयर बनाने के लिए महज 2 पार्षद की जरूरत है. वहीं भाजपा को 7 पार्षद की दरकार है. ऐसे में रास्ता भाजपा के लिए कठिन नजर आ रहा है पर सियासत में कुछ भी असंभव नहीं है. हवा के इस बहाव को और जोर देते हुए शुक्रवार को भाजपा ने अपने सभी नवनिर्वाचित पार्षदों को अज्ञात स्थान पर भेज दिया है.
गोपनीय जगह पर भेजा
महापौर चुनाव के पहले भाजपा के 29 पार्षदों को गोपनीय स्थान पर भेजा गया है. पार्षदों को गुप्त स्थान पर भेजने के लिए 10 गाड़ियों की व्यवस्था की गई थी. बता दें कि रायपुर नगर निगम चुनाव में निर्वाचित हुए 29 पार्षद पिकनिक जाने की बात कहकर भाजपा एकात्म परिसर कार्यालय से निकले थे, लेकिन पिकनिक मनाने की जगह का जिक्र किसी भी पार्षद ने नहीं किया. मामले में सांसद सुनील सोनी और पूर्व मंत्री राजेश मूणत ने पार्षदों को रवाना किया है. अब यह देखने वाली बात यह होगी कि भाजपा का कांग्रेस पर दबाव बनाने की स्ट्रेटेजी है या फिर वाकई जमीनी स्तर पर उनकी कोई तैयारी है.
फैक्ट फाइल
- भाजपा - 29 पार्षद
- कांग्रेस - 34 पार्षद
- निर्दलीय - 07 पार्षद
- कुल - 70 पार्षद
- मेयर बनने के लिए 36 पार्षद के वोट की जरूरत है.