ETV Bharat / state

स्वदेशी मेले का 19वां साल, हस्तशिल्प के दीवाने हुए लोग

रायपुर के BTI ग्राउंड में स्वदेशी मेला आयोजित किया जा रहा है. मेले में अलग-अलग राज्यों से दुकानदार कपड़े, घड़े और हस्तशिल्प से बनी चीजे बेचने आए पहुंचे हैं. बड़ी संख्या में शहरवासी इसे पसंद कर रहे है और खरीद रहे हैं.

Swadeshi fair
स्वदेशी मेला
author img

By

Published : Jan 7, 2020, 9:51 AM IST

Updated : Jan 7, 2020, 3:17 PM IST

रायपुर: शंकर नगर स्थित BTI मैदान में आठ दिवसीय स्वदेशी मेला का आयोजन किया गया है. जिसमें देश के अलग-अलग राज्यों से दुकानदार आए हुए हैं. इस मेले में शिल्पकारों की ओर से बनाए गए मिट्टी के तवे और हांडी के साथ ही हाथों से बनाये गए कपड़ों को खासा पसंद किया जा रहा है. लोग इसे अपने घरों के लिए खरीद भी रहे हैं.

स्वदेशी मेला

दुकानदारों ने मिट्टी से बने बर्तनों की खासियत बताते हुए कहा कि 'इसे गैस के चूल्हे पर इस्तेमाल किया जा सकता है. इसकी कीमत भी कुछ ज्यादा नहीं सिर्फ 300 से 500 रुपये तक है. इसके साथ ही मेले में विभिन्न राज्यों से आए हुए दुकानदारों ने अलग-अलग कपड़ों के स्टॉल भी लगाए हैं. जिसमें सभी वर्गों के लिए कपड़े उपलब्ध हैं. जिसमें ऊनी कपड़े लोगों को पसंद आ रहे हैं.

ऊनी कपड़ों की बढ़ी मांग
वहीं कश्मीर से आए दुकानदारों ने बताया कि 'साल भर ऊनी कपड़ों पर काम किया जाता है. इसकी कीमत 200 से 2000 तक है. हस्तशिल्प समूह के स्टोर पर लोगों को खरीदारी से पहले उस तकनीक के बारे में भी बताया जा रहा है कि 'जिसकी मदद से वस्तुएं बनाई जाती है. लोगों की इसमें खूब दिलचस्पी दिख रही है'.

पढ़े:जांजगीर-चांपा: रामनामी मेले में शामिल हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल

स्वराज मेले का 19वां साल
स्वराज मेला के संयोजक प्रवीण देवड़ा की ओर से बताया गया कि 'यह स्वराज मेले का 19वां साल है. इस मेले में दुकान लगाने के लिए लोग हिमाचल, जम्मू, राजस्थान और अन्य राज्यों से आते हैं. स्वदेशी मेला में अलग-अलग दिन विभिन्न धर्मों के कलाकारों की ओर से प्रस्तुति भी की जाती है. जिसमें संगीत और नृत्य शामिल हैं.

रायपुर: शंकर नगर स्थित BTI मैदान में आठ दिवसीय स्वदेशी मेला का आयोजन किया गया है. जिसमें देश के अलग-अलग राज्यों से दुकानदार आए हुए हैं. इस मेले में शिल्पकारों की ओर से बनाए गए मिट्टी के तवे और हांडी के साथ ही हाथों से बनाये गए कपड़ों को खासा पसंद किया जा रहा है. लोग इसे अपने घरों के लिए खरीद भी रहे हैं.

स्वदेशी मेला

दुकानदारों ने मिट्टी से बने बर्तनों की खासियत बताते हुए कहा कि 'इसे गैस के चूल्हे पर इस्तेमाल किया जा सकता है. इसकी कीमत भी कुछ ज्यादा नहीं सिर्फ 300 से 500 रुपये तक है. इसके साथ ही मेले में विभिन्न राज्यों से आए हुए दुकानदारों ने अलग-अलग कपड़ों के स्टॉल भी लगाए हैं. जिसमें सभी वर्गों के लिए कपड़े उपलब्ध हैं. जिसमें ऊनी कपड़े लोगों को पसंद आ रहे हैं.

ऊनी कपड़ों की बढ़ी मांग
वहीं कश्मीर से आए दुकानदारों ने बताया कि 'साल भर ऊनी कपड़ों पर काम किया जाता है. इसकी कीमत 200 से 2000 तक है. हस्तशिल्प समूह के स्टोर पर लोगों को खरीदारी से पहले उस तकनीक के बारे में भी बताया जा रहा है कि 'जिसकी मदद से वस्तुएं बनाई जाती है. लोगों की इसमें खूब दिलचस्पी दिख रही है'.

पढ़े:जांजगीर-चांपा: रामनामी मेले में शामिल हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल

स्वराज मेले का 19वां साल
स्वराज मेला के संयोजक प्रवीण देवड़ा की ओर से बताया गया कि 'यह स्वराज मेले का 19वां साल है. इस मेले में दुकान लगाने के लिए लोग हिमाचल, जम्मू, राजस्थान और अन्य राज्यों से आते हैं. स्वदेशी मेला में अलग-अलग दिन विभिन्न धर्मों के कलाकारों की ओर से प्रस्तुति भी की जाती है. जिसमें संगीत और नृत्य शामिल हैं.

Intro:राजधानी रायपुर के शंकर नगर स्थित बिटिया मैदान में आठ दिवसीय स्वदेशी मेला का आयोजन किया गया है जिसमें देश के विभिन्न राज्यों से दुकानदार आए हुए है। इस मेले में लोगों द्वारा इसके मिट्टी से बना तवावा हांडी और हाथों से बनाये गए कपड़ो को काफी पसंद किया जा रहा है और लोग इसे अपने घरों के लिए खरीद भी रहे हैं दुकानदार द्वारा मिट्टी से बने हुए बर्तनों की खासियत बताते हुए कहा कि इसे गैस के चूल्हे पर इस्तेमाल किया जा सकता है इसकी कीमत भी कुछ ज्यादा नहीं सिर्फ 300 से 500 तक है।




Body:इसके साथ ही मेले में विभिन्न राज्यों से आए हुए दुकानदारों ने अलग अलग कपड़े के स्टॉल भी लगाए हैं जिसमे सभी वर्गों के लिए कपड़े उपलब्ध है। जिसमे ऊनी कपड़ों लोगों को काफी पसंद आ रहे हैं वहीं कश्मीर से आये दुकानदारों ने बताया की साल भर ऊनी कपड़ों पर कार्य किया जाता है मेले के लिए उन्होंने दो माह में 200 से अधिक गर्म कपड़े तैयार किए हैं इसकी कीमत 200 से 2000 तक है कश्मीर में ऊनी कपड़ों का उपयोग अधिक किया जाता है हस्तशिल्प समूह के स्टोर पर लोगों को खरीदारी से पहले उस तकनीक के बारे में भी बताया जा रहा है जिससे मदद से वस्तुएं बनाई जाती है लोगों भी इसमे खूब दिलचस्पी दिख रही है।




Conclusion:स्वराज मेला के संयोजक प्रवीण देवड़ा द्वारा बताया गया की या स्वराज मेले का 19 वा साल है और कि इस मेले में दुकान लगाने के लिए लोग हिमाचल , जम्मू , राजस्थान और अन्य राज्यों से आते हैं इसके साथ ही इस मेले में शामिल होने के लिए भी लोग देश के कई हिस्सों से आते हैं। स्वदेशी मेला में अलग-अलग दिन अलग-अलग धर्मों के कलाकारों द्वारा प्रस्तुति भी की जाती है जिसमें संगीत और नृत्य शामिल है।

बाइट :- स्वराज मेला संयोजक प्रवीण देवड़ा
बाइट :- विवेक वर्धन मेला संयोजक
Last Updated : Jan 7, 2020, 3:17 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.