रायपुर: एक ओर सरकार जहां रायपुर को स्मार्ट सिटी बनाने की कोशिश कर रही है. जगह-जगह डेवलपमेंट के काम चल रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ देखा जाए तो रायपुर सिटी महिलाओं के लिए असुरक्षित नजर आ रही है. आए दिन महिलाओं के साथ दुष्कर्म के मामले रायपुर सिटी में बढ़ते जा रहे हैं. पिछले महीने पुलिस ने शहर में 300 ब्लाइंड स्पॉट खोजे थे, जहां पर लोगों की आवाजाही कम रहती हो और स्ट्रीट लाइट भी ना हो.
1700 स्ट्रीट लाईट अभी-भी है खराब
आंकड़ों की बात की जाए तो, शहर में 8 वार्डों के साथ ही सेंट्रल जोन ,एयरपोर्ट रोड और विद्युत सेंट्रल स्टोर मिलाकर पूरे रायपुर में 56,655 स्ट्रीट लाइट लगी हैं. जिसमें नगर निगम की 1700 स्ट्रीट लाइट खराब हैं. अगर जमीनी हकीकत देखी जाए तो, स्ट्रीट लाइट खराब होने आंकड़े ज्यादा हैं'. वहीं स्कूल और कोचिंग जाने वाली लड़कियों और काम करने वाली महिलाओं का कहना है कि 'दिन में तो मार्केट में भीड़भाड़ होने के वजह से उन्हें वहा किसी तरह की घबराहट और डर नहीं रहता है, लेकिन जैसे-जैसे दिन ढलता है, महिलाओं का डर बढ़ने लगता है.
'इन जगहों पर विशेष निगरानी रखेगी पुलिस'
रायपुर शहर के एडिशनल एसपी प्रफुल्ल ठाकुर का कहना है कि 'शहर के आसपास 300 ब्लाइंड स्पॉट खोजे गए हैं इसमें गर्ल्स हॉस्टल के आसपास का एरिया, सूनसान सड़क और स्कूल-कॉलेज के आसपास का एरिया शामिल है. ऐसे इलाकों में महिलाओं के साथ छेड़छाड़ और रेप होने का खतरा बढ़ जाता है. पुलिस की ओर से इन जगहों पर लगातार निगरानी रखी जाएगी'.
अपर आयुक्त ने दिया गोलमोल जवाब
वहीं नगर निगम अपर आयुक्त पुलक भट्टाचार्य का कहना है कि 'नगर निगम के लगातार स्ट्रीट लाइट लगाने की कार्रवाई की जा रही है, जब ईटीवी भारत की टीम ने स्ट्रीट लाइट न लगाने पर महिला सेफ्टी को लेकर सवाल पूछा तो नगर निगम अपर आयुक्त ने गोलमोल जवाब देते हुए कहा कि 'जहां पर स्ट्रीट लाइट खराब होने की सूचना जन प्रतिनिधि की ओर से मिलती है वहां पर स्ट्रीट लाइट लगाई जाती है, साथ ही दीवाली के बाद कई जगहों पर स्ट्रीट लाइट लगाई गई है और आगे भी सर्वे करने के बाद ऐसी जगहों का पता लगने पर हम वहां जल्द से जल्द स्ट्रीट लाइट लगाएंगे'.