रायपुर : प्रदेश में बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच ऑक्सीजन की कमी को लेकर कई राज्यों में परेशानियां सामने आ रही हैं. ऑक्सीजन की कमी के चलते लगातार मरीजों की मौत हो रही है. ऐसे में एक राहत की खबर है कि अब छत्तीसगढ़ के 14 जिलों में ऑक्सीजन प्लांट स्थापित किए जाएंगे. प्रधानमंत्री केयर फंड के माध्यम से प्रदेश के 14 जिलों में पीएसए ऑक्सीजन प्लांट स्थापित किए जाएंगे. बिलासपुर, दुर्ग, धमतरी, जशपुर, कांकेर, कोरबा, कोरिया, रायगढ़, महासमुंद, राजनांदगांव, बस्तर, बीजापुर और रायपुर में पीएसए चिकित्सा ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्रों की स्थापना की जाएगी. ऑक्सीजन प्लांट लगने से प्रदेश को काफी राहत मिलेगी. लगातार बढ़ती कोरोना संक्रमितों की संख्या से अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी की समस्या बनी रहती है.
कोरोना काल में छत्तीसगढ़ की मेडिकल ऑक्सीजन अन्य राज्यों के लिए बनी लाइफ लाइन
सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली को और मजबूत करने के उद्देश्य से ऑक्सीजन उत्पादन प्लांट स्थापित किया जा रहा है. इसे लगाने का एक उद्देश्य हर अस्पताल में ऑक्सीजन की सुविधा मुहैया कराना भी है. इन हाउस कैप्टिव ऑक्सीजन की सुविधा इन दिनों अस्पतालों और जिलों की रोज की जरूरत को पूरा करती है. ऑक्सीजन की कमी ना हो, इसके लिए ऑक्सीजन प्लांट लगाए जाएंगे.
छत्तीसगढ़ में 15 नए ऑक्सीजन प्लांट स्थापित
राज्य में 15 नए ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट स्थापित किए गए हैं. 9 प्लांट अभी प्रक्रियाधीन हैं, जो अगले सप्ताह स्थापित हो जाएंगे. छत्तीसगढ़ में 234 मीट्रिक टन ऑक्सीजन उपलब्ध है. प्रदेश में अब तक 8000 इंडस्ट्रियल सिलेंडर को मेडिकल ऑक्सीजन सिलेंडर में परिवर्तित किया जा चुका है. राज्य में 9 लिक्विड ऑक्सीजन स्टोरेज यूनिट की स्थापना की अनुमति केंद्र शासन से ली जा रही है. कम्प्रेस्ड लिक्विड ऑक्सीजन विस्फोटक की श्रेणी में आने के कारण पेट्रोलियम एवं एक्स्प्लोसिव सेफ्टी ऑर्गनाइजेशन से अनुमति की आवश्यकता होती है.
देशभर में लगेंगे 551 ऑक्सीजन प्लांट
अस्पतालों में ऑक्सीजन की उपलब्धता बढ़ाने के लिए पीएम केयर्स फंड से सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं में 551 प्रेशर स्विंग एडजॉर्प्शन मेडिकल ऑक्सीजन उत्पादन प्लांट लगाने के लिए फंड के आवंटन की मंजूरी दी गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अस्पतालों में ऑक्सीजन की उपलब्धता बढ़ाने के निर्देश की दिशा में यह कदम उठाया गया है. इन-हाउस कैप्टिव ऑक्सीजन उत्पादन सुविधा इन अस्पतालों और जिले की दिन-प्रतिदिन की मेडिकल ऑक्सीजन की जरूरतों को पूरा करेगी. इसके अलावा लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन (LMO) कैप्टिव ऑक्सीजन उत्पादन सुविधा के लिए 'टॉप अप' के रूप में काम करेगी.