कोरिया: छत्तीसगढ़ का कोरिया जिला धीरे धीरे कुपोषण मुक्त हो रहा है. जिला प्रशासन, महिला एवं बाल विकास विभाग, स्वास्थ्य विभाग, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और जनभागीदारी के समन्वित प्रयासों से कुपोषण दर में उल्लेखनीय गिरावट आई है.
साल भर में कुपोषण में आई भारी कमी: दिसंबर 2023 से दिसंबर 2024 के बीच कोरिया जिले में कुपोषण के स्तर में व्यापक सुधार हुआ है. गंभीर बौनापन 8.49 प्रतिशत से घटकर 5.9 प्रतिशत, मध्यम बौनापन 13.32 प्रतिशत से घटकर 12.15 प्रतिशत, गंभीर दुर्बलता 2.18 प्रतिशत से घटकर 0.79 प्रतिशत, मध्यम दुर्बलता 8.64 प्रतिशत से घटकर 3.99 प्रतिशत, गंभीर कुपोषण 2.18 प्रतिशत से घटकर 1.67 प्रतिशत, मध्यम कुपोषण 11.13 प्रतिशत से घटकर 9.19 प्रतिशत हो गया है. राज्य की तुलना में कोरिया जिला बेहतर प्रदर्शन करते हुए एक उदाहरण बना है.
कुपोषण को हराने चला महायुद्ध: जिला कलेक्टर चंदन त्रिपाठी के नेतृत्व में कुपोषण उन्मूलन के लिए कई प्रभावी कदम उठाए गए हैं. मुख्यमंत्री बाल संदर्भ योजना के तहत बच्चों को पूरक पोषण आहार और पोषण पुनर्वास केंद्रों की सुविधाएं दी जा रही है. किशोरी बालिकाओं और गर्भवती महिलाओं के लिए नियमित पोषण शिविर आयोजित किए गए. सुपोषण चौपालों के माध्यम से गांवों में जागरूकता अभियान चलाए गए. पोषण वाटिकाएं और मुनगा पौधों को प्रोत्साहित कर पोषण का स्थायी समाधान सुनिश्चित किया गया. कुपोषित बच्चों को उबले अंडे, गर्म भोजन और पोषण लड्डू (रागी, मूंगफली, तिल और गुड़ से बने) दिए गए. पोषण ट्रैकर के माध्यम से कुपोषण के स्तर की सतत निगरानी और गंभीर मामलों की साप्ताहिक समीक्षा की गई.
जारी रहेगी कुपोषण के खिलाफ लड़ाई: कलेक्टर चंदन त्रिपाठी ने कहा, "कोरिया जिले की यह सफलता सामुदायिक सहभागिता और प्रशासनिक प्रयासों की जीत है. कुपोषण केवल एक स्वास्थ्य समस्या नहीं है, बल्कि यह समाज और नई पीढ़ी के लिए एक बड़ी चुनौती है. इसे जड़ से समाप्त करने के लिए हमारा प्रयास जारी रहेगा."
जिला प्रशासन का मानना है कि इस सफलता को बनाए रखने और आगे बढ़ाने के लिए हर नागरिक की भागीदारी जरूरी है. कोरिया जिले का यह प्रयास निश्चित ही एक मिसाल है. सही रणनीति, योजनाओं और जनभागीदारी से किसी भी चुनौती को पार किया जा सकता है.