रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश में शहरी गरीब आवासहीनों को सर्वसुविधायुक्त पक्का मकान बनाने के लिए 1 हजार 188 करोड़ 28 लाख रुपए की स्वीकृति प्रदान की है. इससे 36 हजार 177 आवासों का निर्माण होगा.
नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग (Urban Administration and Development Department) के प्रस्तावों पर मुख्य सचिव अमिताभ जैन (Chief Secretary Amitabh Jain) की अध्यक्षता में गुरुवार को महानदी भवन में राज्य स्तरीय स्वीकृति और निगरानी समिति की बैठक हुई. बैठक में प्रस्ताव पर मुहर लगाई गई. शहरी गरीबों को आवास उपलब्ध कराने की स्वीकृति मिलने पर नगरीय प्रशासन मंत्री शिवकुमार डहरिया (Urban Administration and Development Minister Dr. Shivkumar Dahria) ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chief Minister Bhupesh Baghel) का आभार व्यक्त किया. बैठक में आवास एवं पर्यावरण विभाग के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू और वित्त एवं नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग की सचिव अलरमेलमंगई डी. भी शामिल रहीं.
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138 परियोजनाओं के तहत 34 हजार 308 आवास बनेंगे
बैठक में स्वीकृत किए गए आवासों में नगरीय क्षेत्रों में 'मोर जमीन-मोर मकान' के तहत विभिन्न नगरीय निकायों की 138 परियोजनाओं के तहत 34 हजार 308 आवास निर्माण होगा. इस पर 1 हजार 66 करोड़ 18 लाख रुपए खर्च होंगे. वहीं रायपुर विकास प्राधिकरण (Raipur Development Authority) की परियोजना के तहत 1869 आवास बनेंगे. इस पर 122 करोड़ 10 लाख रुपए खर्च होंगे. योजनान्तर्गत राज्य शासन शहरी गरीब आवासहीनों को सर्वसुविधायुक्त आवास देकर उनके जीवन को बेहतर बनाने और सामाजिक और आर्थिक स्थिति में बदलाव लाने का प्रयास कर रहा है. आवासों के साथ-साथ हितग्राहियों को मूलभूत सुविधाएं, बिजली, पानी, सड़क आदि की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी.
क्या है 'मोर जमीन-मोर मकान' योजना
गरीबों को आवास मिल सके इसलिए छत्तीसगढ़ सरकार की तरफ से 'मोर जमीन-मोर मकान' योजना की शुरुआत की गई थी. इस योजना के तहत आवास निर्माण के लिए केंद्र और राज्य सरकार 2.5 लाख का अनुदान देती है. हालांकि हितग्राही को मकान निर्माण की शुरुआत खुद के संशाधनों से करनी होती है.