रायपुर: रायपुर नगर निगम क्षेत्र में अब तक 103 मरीजों में डेंगू के लक्षण पाए गए हैं. जो बीते साल 2020 की तुलना में 10 गुना अधिक है. जिसमें से अधिकांश डेंगू के मरीज स्वस्थ हो चुके हैं और कई लोगों का इलाज अस्पतालों में या फिर होम आइसोलेट रहकर किया जा रहा है. रायपुर के वार्ड 24 और 25 के रामनगर छोटा, रामनगर, भरत नगर, बजरंग नगर, राजा तालाब, तात्यापारा सहित नगर निगम के कुछ और अन्य वार्ड में डेंगू के मरीज पाए गए हैं.
स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम द्वारा लगातार डेंगू से बचाव के उपाय वार्डवासियों को बताया जा रहा है. जिससे वार्डवासी डेंगू के संक्रमण से बच सकें. डेंगू से संक्रमित किसी भी व्यक्ति की अब तक मौत की खबर सामने नहीं आई है. स्वास्थ विभाग और नगर निगम के द्वारा संयुक्त रुप से शिविर लगाकर या फिर अस्पतालों में डेंगू संक्रमण की जांच कराई जा रही है.
प्रभावित इलाकों में कराया जा रहा है डेंगू टेस्ट
नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग का अमला संयुक्त रूप से शिविर लगाकर ऐसी जगह पर डेंगू संक्रमण की आशंका है. वहां पर सैकड़ों मरीजों का रोजाना टेस्ट भी किया जा रहा है. डेंगू के लक्षण पाए जाने पर उन्हें बचाव और दवाइयां दी जा रही है. जिससे वार्डवासी डेंगू संक्रमित होने से बच सकें. स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम ने डेंगू से संक्रमित किसी भी मरीज की मौत की पुष्टि नहीं की है.
वार्ड 24 में डेंगू के 40 मरीज
वार्ड 24 के पार्षद भोलाराम साहू ने बताया कि, वार्ड में भरत नगर और रामनगर का इलाका आता है. जिसमें अब तक 40 डेंगू के मरीज मिले हैं. इसमें से अधिकांश लोग ठीक भी हो गए हैं. कुछ लोगों का इलाज चल रहा है. नगर निगम और स्वास्थ विभाग के द्वारा डेंगू प्रभावित इलाकों में लोगों को डेंगू से बचाव के उपाय और सावधान रहने के लिए जागरूक किया जा रहा है.
डेंगू के 8,000 टेस्ट
नगर निगम के अपर आयुक्त पुलक भट्टाचार्य का कहना है कि राजधानी के रामनगर और बजरंग नगर इलाके में डेंगू का संक्रमण ज्यादा है. डेंगू से बचाव और सावधानी के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि रामनगर इलाके में 11 हजार की आबादी वाले इस इलाके में 8,000 टेस्ट किए गए हैं. जिसमें 42 डेंगू के मरीज पाए गए हैं. 10 से 15 डेंगू के मरीज मिसिंग है या फिर कहीं चले गए हैं. जिनकी तलाश की जा रही है.
पिछले साल की तुलना में डेंगू मरीज 10 गुना बढ़े
डेंगू संक्रमण को लेकर जब हमने रायपुर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर मीरा बघेल से बात की तो उन्होंने बताया कि राजधानी में अब तक डेंगू के 103 संक्रमित मरीज पाए गए हैं, जो कि पिछले साल की तुलना में अधिक है. साल 2019 में डेंगू संक्रमित मरीजों की संख्या 100 थी और साल 2020 में यह संख्या 11 थी. पिछले साल की तुलना में डेंगू संक्रमित मरीजों की संख्या में 10 गुना की बढ़ोत्तरी हुई है. सीएमएचओ का कहना है कि डेंगू प्रभावित इलाकों में लगातार स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम के द्वारा लोगों को डेंगू से बचाव कैसे करना चाहिए और डेंगू फैलने के क्या कारण है, इसको लेकर जागरूक किया जा रहा है. ताकि डेंगू के संक्रमण को प्रभावी तरीके से रोका जाए.
डेंगू के लक्षण
डेंगू बुखार के लक्षणों में साधारण बुखार होता है. किशोरों और बच्चों में इसकी आसानी से पहचान नहीं हो पाती है. डेंगू में 104 फारेनहाइट डिग्री का बुखार होता है. इसके साथ ही इनमें से कम से कम 2 लक्षण होते हैं.
- सिर दर्द
- मांसपेशियों हड्डियों और जोड़ों में दर्द
- जी मिचलाना
- उल्टी लगना
- आंखों के पीछे दर्द होना
- ग्रंथियों में सूजन आना
- त्वचा पर लाल चकत्ते होना
- डेंगू का उपचार और बचाव
डेंगू का कोई खास उपचार नहीं है. क्योंकि डेंगू एक वायरस है, ऐसे समय में देखभाल से मदद मिल सकती है. इस बात पर निर्भर करता है कि बीमारी कितनी गंभीर है इसका उपचार इस तरह से किया जा सकता है.
बचाव
त्वचा को खुला ना छोड़े. अपनी त्वचा की सतहों को ढकने और मच्छर के दंश की संभावना को कम करने के लिए लंबी पैंट और फुल शर्ट पहनने की कोशिश करें. डेंगू के मच्छर सुबह या शाम के समय अधिक सक्रिय होते हैं. इसलिए ऐसे समय में बाहर निकलने से बचने की कोशिश करें. मच्छर रोधी क्रीम लगाकर आप अपने शरीर को डेंगू मच्छर के काटने से बचा सकते हैं. जिससे डेंगू का संक्रमण कम हो सकता है.