ज्योतिषियों का कहना है कि ऐसा संयोग कई साल बाद बना है. किसी भी तरह के धर्म की शुरुआत के लिए यह योग शुभ साबित होगा. इस दिन स्कूल और कॉलेजों में सरस्वती पूजा की जाती है. वहीं सामाजिक संगठनों की ओर से कई कार्यक्रम होंगे.
इस दिन रवि वर्धमान सर्वार्थ सिद्धि अमृत और साध्य योग एक साथ पड़ रहा हैं. गुप्त नवरात्र के दौरान पड़ने वाली बसंत पंचमी में इन्हीं पंच महासंयोग को अति शुभ कारक माना गया है. शास्त्रों में बताया गया है कि भगवान ब्रह्मा ने इसी दिन सृष्टि में संप्रेषण के लिए ईश्वर का वरदान दिया था और मां शारदा की रचना की थी.
विद्या, बुद्धि की होती है कामना
मान्यता के तहत इस दिन माता सरस्वती की पूजा की जाती है. लोग उनसे विद्या, बुद्धि की कामना करते हैं. 10 तारीख को बुध प्रधान रेवती नक्षत्र है या गुरु प्रधान मीन राशि में आता है. इस तरह से बुद्धि और ज्ञान की शुभ युति विद्या के पर्व पर बन रही है.
इस काम के लिए यह है शुभ मुहूर्त
माता सरस्वती की पूजा के लिए इस दिन सुबह 5 बजे से 11:30 बजे तक शुभ मुहूर्त है, जबकि विवाह के लिए पूरे 24 घंटे शुभ मुहूर्त रहेगा. ज्योतिषियों ने बताया की मुहूर्त खत्म होने के बाद भी दोपहर तक मां सरस्वती की पूजा की जा सकती है. शुभ मुहूर्त 6:30 घंटे का ही रहेगा.
सरस्वती की पूजा गणेश जी के साथ करनी चाहिए
विद्या की देवी सरस्वती की पूजा गणेश जी के साथ करनी चाहिए, जो लोग इस दिन पूजा नहीं कर सकते, उन्हें इस दिन पीले वस्त्र धारण करना चाहिए. परिणय सूत्र में बंधने वाले जोड़ों में आजीवन प्रेम का संयोग बनेगा.
जमीन, घर और गहने खरीदना भी होगा शुभ
ज्योतिषियों का कहना है कि इस दिन किसी भी अच्छे काम की शुरुआत की जा सकती है. हर तरह के कार्य के लिए यह दिन शुभ साबित होगा. ज्योतिषियों ने कहा है कि बसंत पंचमी से शयन और खानपान के समय में भी बदलाव होता है. मंदिरों में भजन-कीर्तन अनुष्ठान के कार्यक्रम भी होंगे स्वयं सिद्धि योग होने से गृह प्रवेश खरीद बिक्री लाभकारी रहेगा.