दंतेवाड़ा: बीजापुर नक्सली हमले में कांस्टेबल सुबरनाथ यादव भी शहीद हुए हैं. सुबरनाथ यादव का घर दंतेवाड़ा जिला मुख्यालय से 25 किलोमीटर दूर तुमनार गांव में है. 3 जनवरी को ही उन्होंने अपना जन्मदिन मनाया था. बर्थडे सेलिब्रेशन के तीन दिन बाद यानी 6 जनवरी को बीजापुर आईईडी ब्लास्ट में वह शहीद हो गए.
शहीद जवान के सपने रह गए अधूरे: 23 वर्षीय कांस्टेबल सुबरनाथ यादव बस्तर फाइटर्स में कार्यरत थे. अब घर में सुबरनाथ की मां और तीन बहनें सदमे में हैं. सुबरनाथ परिवार में कमाने वाले इकलौते शख्स थे. पिता की बहुत पहले ही मौत हो चुकी है.
3 जनवरी को मनाया था जन्मदिन: सुबरनाथ यादव के दोस्त मनमोहन यादव ने बताया कि सुबरनाथ को वर्दी पहनने और देशसेवा का जज्बा था. यही वजह है कि साल 2022 में वह पुलिस बल में शामिल हुए थे. 3 जनवरी को जन्मदिन मनाया.
सेलिब्रेशन के दौरान ही यह कहकर चले गए कि नक्सल विरोधी ऑपरेशन के लिए बाहर जाना है - मनमोहन यादव, सुबरनाथ यादव के दोस्त
जल्द शादी करने वाले थे सुबरनाथ: मनमोहन यादव ने बताया कि सुबरनाथ इस साल शादी करने की योजना बना रहे थे. इस साल एक घर बनाने की भी योजना थी. सुबरनाथ यादव के चाचा ने कहा कि उन्होंने अपने भतीजे से आखिरी बार उसके जन्मदिन पर उसे बधाई देने के लिए बात की थी.
शहीद सुदर्शन वेट्टी की कहानी: दंतेवाड़ा जिले के गुमलनार गांव के सुदर्शन वेट्टी भी आईईडी ब्लास्ट में शहीद हुए. उनके परिजनों के घर भी मातम पसरा है. बीस साल की उम्र में वेट्टी ने पुलिस बल में शामिल होने के एक साल बाद 2023 में शादी कर ली थी और दंपति का दो महीने का एक बेटा है. उनकी पत्नी कहती हैं कि '' मैं चाहती हूं कि उनके हमलावरों का भी यही हश्र हो.'' उन्होंने कहा कि बस्तर से नक्सलवाद को कैसे खत्म किया जाए इस पर सरकार को गंभीरता से विचार करना चाहिए.
थुलथुली में मुठभेड़ में निभाई के बड़ी भूमिका: सुदर्शन वेट्टी के चाचा राम वेट्टी ने कहा कि सुदर्शन कई नक्सल विरोधी अभियानों का हिस्सा था, जिसमें अक्टूबर 2024 में दंतेवाड़ा नारायणपुर सीमा पर थुलथुली में हुआ ऑपरेशन भी शामिल था, जहां 31 नक्सली मारे गए थे. बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों ने अपने अपने गांवों में दोनों जवानों के अंतिम संस्कार में भाग लिया और 'भारत माता की जय' और 'शहीद जवान अमर रहे' के नारे लगाए.
क्या हुआ था बीजापुर में: डीआरजी के जवान दंतेवाड़ा, बीजापुर और नारायणपुर के बार्डर एरिया में सर्च ऑपरेशन कर लौट रहे थे. कुटरू के पास जवानों की स्कार्पियो गाड़ी आईईडी की चपेट में आ गई. बताया गया कि नक्सिलयों ने जवानों को निशाना बनने के लिए 60 से 70 किलो के बीच का आईईडी प्लांट किया था. बम को भी काफी पहले ही कंक्रीट की सड़क के नीचे दबाकर रखा गया था. आईईडी विस्फोट में डीआरजी के 8 जवान शहीद हुए. गाड़ी का ड्राइवर भी इस हादसे का शिकार बना. छत्तीसगढ़ डीजीपी और सीआरपीएफ के डीजी आज घटनास्थल पर पहुंचे और ग्राउंड जीरो का जायजा लिया.
(एजेंसी इनपुट के साथ)