रायगढ़: भ्रष्टाचार और कुप्रथाएं समाज को दीमक की तरह चाट कर खोखला बना रही है. यहां एक बेटी की डोली केवल इस वजह ने नहीं निकल पाई क्योंकि सिस्टम के सितम के कारण उसके पिता की प्रॉविडेंट फंड की राशि नहीं निकल पाई.
जिले के रायगढ़ खंड शिक्षा के अंतर्गत अध्यापन का कार्य कराने वाले शिक्षक सियाराम पैकरा अपनी बेटी की शादी कराने के लिए अपनी तनख्वाह से कटने वाले पीएफ का कुछ अंश निकालना चाहते थे और अपनी बिटिया की शादी धूमधाम से कराना चाहते थे. लेकिन अधिकारियों ने पीएफ निकालने में फॉर्म में त्रुटि और अन्य तरह के बहाने बनाकर पीएफ नहीं दिया. इसके कारण बेटी की शादी नहीं हो पाई.
पीड़ित शिक्षक सियाराम का कहना है कि 20 मई को उन्होंने आवेदन दिया था कि 6 जून को उनकी बेटी की शादी है, जिसे जिसके लिए रुपए की आवश्यकता है. अतः उनके पीएफ का कुछ अंश निकाल कर उन्हे दिया जाए.
लेकिन आवेदन में त्रुटि बताकर उन्हे वापस कर दिया गया. जब सियाराम इसकी जानकारी देने के लिए खंड शिक्षा अधिकारी के पास गए तब उनके बाबू द्वारा सियाराम से 2 हजार नगद लिये गए. साथ ही पीएफ की राशि से 10% मांग की गई. रुपए न दे पाने के कारण उनका पीएफ नहीं निकल पाया और 6 जून को होने वाली बेटी की शादी टूट गई.
सियाराम के पक्ष में शिक्षक संघ ने गुरुवार को जिला शिक्षा अधिकारी को ज्ञापन सौंपा है. उन्होंने मांग की कि खंड शिक्षा अधिकारी को तुरंत हटाया, नहीं तो वे भूख हड़ताल करेंगे.
सियाराम की बेटी की शादी टूटने में जितना सिस्टम जिम्मेदारी है, उतना ही वो परिवार भी जहां उनकी बिटिया की शादी तय हुई थी, जिन्होंने दहेज न मिल पाने के कारण शादी टोड़ दी.