रायगढ़ः जिले में अंतरराज्यीय कोरोना चेकपोस्ट पिछले दो वर्षों से संचालित हो रहा है. अभी हाल ही में दो माह पहले इस बैरियर को हटाया गया था. जब कोरोना संक्रमण एक तरह से खत्म हो गया था. अब जब रायगढ़ जिले में 4 फीसदी से अधिक संक्रमण दर बढ़ गया है. तो जिले में नाइट कर्फ्यू और धारा 144 भी लगा दी गई है.
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15 दिसंबर से ही अलग-अलग ड्यूटी पर तीन कर्मचारी
इंटरस्टेट बैरियर को पुनः सक्रिय किया गया है. 15 दिसम्बर से रायगढ़ अंतरराज्यीय कोरोना चेकपोस्ट पर सुबह, दोपहर और रात की शिफ्ट में एक-एक कर्चमारियों की ड्यूटी लगाई गई है. यहां दूसरे राज्यों से आने वाले लोगों की कोरोना जांच की जा रही है. रायगढ़ के कलेक्टर भीमसिंह ने बैरियर्स पर पुलिस व्यवस्था करने की बात कही थी. हालांकि अब तक इस चेकपोस्ट पर न तो चौकीदार की नियुक्ति की गई है और न ही पुलिस की नियुक्ति की गई है.
रात में होती है ज्यादा दिक्कत
ऐसे में स्वास्थ्य कर्मी अकेले लोगों को रोकते हैं. फिर कोरोना चेकअप करते हैं. चेक पोस्ट पर न तो कुर्सी की व्यवस्था है. न ही चेकिंग के अच्छे इंतजाम हैं. खासकर रात के समय की ड्यूटी इनके लिए काफी कठिन हो जाती है. कभी-कभी बैरियर को अज्ञात ट्रक द्वारा तोड़ दिया गया है. सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र लोइंग के ब्लॉक प्रोग्राम मैनेजर वैभव डियोडिया ने बताया कि इस अव्यवस्था को लेकर प्रशासन को अवगत कराया गया है. जल्द ही यहां व्यवस्था कर दी जाएगी. ऐसे में कोरोना जांच इस तरह के बॉर्डर पर कैसे संभव हो पाएगा. ये सबसे बड़ा प्रश्न है.