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रायगढ़: ठंडे पड़े मामले ने फिर पकड़ा जोर, कंटेनर खरीदी मामले में दोबारा होगी जांच - कंटेनर घोटाले की जांच

2015-16 में हुई खरीदी घोटाले की जांच बीच में ही रोक दी गई थी. लेकिन अब इस घोटाले की जांच नए सिरे से की जा रही है.

रायगढ़ नगर निगम में खरीदी घोटाले पर होगी जांच
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Published : Aug 25, 2019, 6:01 PM IST

रायगढ़: नगर निगम द्वारा 2015-16 में साफ-सफाई और निगम क्षेत्र के अंदर व्यवस्था बेहतर करने के लिए कुछ सामान खरीदे गए थे. इस खरीदी को लेकर अनियमितता के आरोप लगते रहे. इसकी जांच के लिए टीम भी बनाई गई. लेकिन कुछ दिनों में ही जांच ठंडे बस्ते में चला गया. अब निकाय चुनाव से ठीक पहले उस खरीदी के घोटाले कि जांच की जा रही है.

कंटेनर खरीदी मामले में दोबारा होगी जांच

कंटेनर खरीदी में ज्य़ादा घोटाला
2015-16 में हुई खरीदी घोटाले की जांच बीच में ही रोक दी गई थी. लेकिन अब इस घोटाले की जांच नए सिरे से की जा रही है. घोटाले में 25 लोगों के नाम सामने आ रहे हैं. खासकर कंटेनर खरीदी में कीमत से अधिक भुगतान की शिकायत निगम में की गई थी. खरीदी और भुगतान करने वाले अधिकारी व ठेकेदार सत्ता पक्ष के करीबी माने जाते हैं. ऐसे में निकाय चुनाव से ठीक पहले उन पर शिकंजा कसना एक राजनीतिक जांच मानी जा रही है.

करोड़ों रुपए के हुए घोटाले में तत्कालीन कलेक्टर मंगई डी के नेतृत्व में जांच शुरू हुई थी लेकिन कलेक्टर के तबादले के बाद ये फाइल ठंडे बस्ते में चली गई थी.

कार्यकाल के शुरुआत में खरीदे थे कंटेनर- मधु बाई
मामले में नगर निगम महापौर मधु बाई का कहना है कि उनके कार्यकाल के शुरुआत में लाखों रुपए खर्च करके कंटेनर और निगम के कई अन्य सामान खरीदे गए थे. इनमें घोटाले की बात सामने आई थी. इसके लिए जांच टीम गठित की गई थी. जिन 25 लोगों के नाम सामने आ रहे हैं, अगर वे आरोपी सिद्ध होते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई होगी.

रायगढ़: नगर निगम द्वारा 2015-16 में साफ-सफाई और निगम क्षेत्र के अंदर व्यवस्था बेहतर करने के लिए कुछ सामान खरीदे गए थे. इस खरीदी को लेकर अनियमितता के आरोप लगते रहे. इसकी जांच के लिए टीम भी बनाई गई. लेकिन कुछ दिनों में ही जांच ठंडे बस्ते में चला गया. अब निकाय चुनाव से ठीक पहले उस खरीदी के घोटाले कि जांच की जा रही है.

कंटेनर खरीदी मामले में दोबारा होगी जांच

कंटेनर खरीदी में ज्य़ादा घोटाला
2015-16 में हुई खरीदी घोटाले की जांच बीच में ही रोक दी गई थी. लेकिन अब इस घोटाले की जांच नए सिरे से की जा रही है. घोटाले में 25 लोगों के नाम सामने आ रहे हैं. खासकर कंटेनर खरीदी में कीमत से अधिक भुगतान की शिकायत निगम में की गई थी. खरीदी और भुगतान करने वाले अधिकारी व ठेकेदार सत्ता पक्ष के करीबी माने जाते हैं. ऐसे में निकाय चुनाव से ठीक पहले उन पर शिकंजा कसना एक राजनीतिक जांच मानी जा रही है.

करोड़ों रुपए के हुए घोटाले में तत्कालीन कलेक्टर मंगई डी के नेतृत्व में जांच शुरू हुई थी लेकिन कलेक्टर के तबादले के बाद ये फाइल ठंडे बस्ते में चली गई थी.

कार्यकाल के शुरुआत में खरीदे थे कंटेनर- मधु बाई
मामले में नगर निगम महापौर मधु बाई का कहना है कि उनके कार्यकाल के शुरुआत में लाखों रुपए खर्च करके कंटेनर और निगम के कई अन्य सामान खरीदे गए थे. इनमें घोटाले की बात सामने आई थी. इसके लिए जांच टीम गठित की गई थी. जिन 25 लोगों के नाम सामने आ रहे हैं, अगर वे आरोपी सिद्ध होते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई होगी.

Intro:रायगढ़ नगर निगम में 2015-16 में साफ-सफाई और निगम क्षेत्र के अंदर व्यवस्था बढ़ाने के लिए सामान खरीदे गए थे जिनमें ज्यादातर सामानों के कीमत से बढ़कर भुगतान किया गया ऐसे में निगम के खरीदी को लेकर सवाल उठे और जांच के लिए टीम बनी लेकिन कुछ दिनों में ही जांच ठंडे बस्ते में चला गया। अब निकाय चुनाव से ठीक कुछ माह पहले उस खरीदी के घोटाले कि जांच की जा रही है।

Byte01 मधुबाई नगर निगम महापौर।

Body:दरअसल निकाय चुनाव के पूर्व ही नगर निगम में राजनीति गरमाने लगी है कुछ साल पहले हुई खरीदी घोटाले की जांच बीच में ही रोक दी गई थी लेकिन अब उन घोटाले की जांच फिर नए तरीके से की जा रही है जिसमें 25 लोगों के नाम सामने आ रहे हैं इनमें ज्यादातर कंटेनर खरीदी में कीमत से अधिक रकम के भुगतान की शिकायत निगम में की गई थी। खरीदी और भुगतान करने वाले अधिकारी व ठेकेदार सत्ता पक्ष के समीप माने जाते हैं ऐसे में निकाय चुनाव से ठीक पहले उन पर शिकंजा कसना एक राजनीतिक जांच मानी जा रही है। करोड़ों रुपए के हुए घोटाले में महापौर और तत्कालीन निगम कमिश्नर के देखरेख में टीम तैयार हुई थी जो सीधे तौर पर तत्कालीन कलेक्टर मंगई डी को सूचना देते थे। कलेक्टर के तबादले के बाद या फाइल ठंडे बस्ते में चली गई थी।Conclusion:पूरे मामले में नगर निगम महापौर मधु भाई का कहना है कि उनके कार्यकाल के शुरुआत में निगम में लाखों खर्च करके कंटेनर तथा निगम के कई अन्य सामान खरीदे गए थे जिनमें घोटाले की बात सामने आई थी और इसके लिए जांच टीम गठित की गई थी जो फाइल बीच में ही कब थी अब उसकी नज़रों से जांच की जा रही है कोई राजनीतिक दबाव या हस्तक्षेप नही है। जिन 25 लोगों का नाम सामने आ रहा है अगर आरोपी सिद्ध होते हैं तो उनके खिलाफ कार्यवाही होगी।
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