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रायगढ़: कोरोना संकट से ग्रामीण अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित, किसान परेशान

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Published : Sep 4, 2020, 1:02 AM IST

Updated : Sep 4, 2020, 3:38 AM IST

कोरोना संकट ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी बुरी तरह से प्रभावित किया है. रायगढ़ के गांवों में लोग बेरोजगार हो गए हैं वही खेती किसानी के काम में कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.

Rural economy affected by Corona crisis
रायगढ़ के किसान परेशान

रायगढ़: जिले में कोरोना के बढ़ते संक्रमण का प्रभाव ग्रामीण क्षेत्रों के जनजीवन पर भी पड़ा है. लोगों को रोजगार नहीं मिल रहा है, वहीं किसानों को खाद नहीं मिलने से परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जो लोग प्राइवेट नौकरी के जरिए जीवन यापन करते थे, उनका भी रोजगार छिन गया है. रोजाना जिले में कोरोना संक्रमितों की संख्या 100 से पार जा रही है. ऐसे में अब लोगों के सामने खेती कार्य में भी सोशल डिस्टेंसिंग का खास ख्याल रखना पड़ रहा है.

कोरोना से ग्रामीण अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित

ग्रामीणों का कहना है कि कोरोना और लॉकडाउन के कारण स्थानीय रोजगार छिन गया है. कोई होटल में काम करते थे तो कोई कपड़े दुकान में काम करते थे. लॉकडाउन में शासन ने मनरेगा के तहत रोजगार तो दिलाया लेकिन वह कुछ दिनों के लिए ही रहा. जिससे अब आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा. बेरोजगारी की वजह से परिवार चलाना मुश्किल हो रहा है. किसानों का कहना है कि खेती कार्य के लिए जरूरी सामान नहीं मिल पा रहे हैं.

पढ़ें-रायगढ़: रोका-छेका योजना का बुरा हाल, आवारा पशुओं से परेशान हैं किसान

ग्रामीण अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित

साहूकारों से खाद दोगुने रेट में खरीदा जा रहा है. खेतों में काम कराने के लिए ज्यादा मजदूरी नहीं दे पा रहे हैं. इसीलिए मजदूर भी नहीं मिल रहे हैं. साथ ही जितने मजदूर आ रहे हैं उनको सोशल डिस्टेंसिंग के साथ काम कराया जा रहा है. इसलिए काम भी जल्दी से नहीं हो पा रहा. कोरोना ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी बुरी तरह से प्रभावित किया है.

रायगढ़: जिले में कोरोना के बढ़ते संक्रमण का प्रभाव ग्रामीण क्षेत्रों के जनजीवन पर भी पड़ा है. लोगों को रोजगार नहीं मिल रहा है, वहीं किसानों को खाद नहीं मिलने से परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जो लोग प्राइवेट नौकरी के जरिए जीवन यापन करते थे, उनका भी रोजगार छिन गया है. रोजाना जिले में कोरोना संक्रमितों की संख्या 100 से पार जा रही है. ऐसे में अब लोगों के सामने खेती कार्य में भी सोशल डिस्टेंसिंग का खास ख्याल रखना पड़ रहा है.

कोरोना से ग्रामीण अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित

ग्रामीणों का कहना है कि कोरोना और लॉकडाउन के कारण स्थानीय रोजगार छिन गया है. कोई होटल में काम करते थे तो कोई कपड़े दुकान में काम करते थे. लॉकडाउन में शासन ने मनरेगा के तहत रोजगार तो दिलाया लेकिन वह कुछ दिनों के लिए ही रहा. जिससे अब आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा. बेरोजगारी की वजह से परिवार चलाना मुश्किल हो रहा है. किसानों का कहना है कि खेती कार्य के लिए जरूरी सामान नहीं मिल पा रहे हैं.

पढ़ें-रायगढ़: रोका-छेका योजना का बुरा हाल, आवारा पशुओं से परेशान हैं किसान

ग्रामीण अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित

साहूकारों से खाद दोगुने रेट में खरीदा जा रहा है. खेतों में काम कराने के लिए ज्यादा मजदूरी नहीं दे पा रहे हैं. इसीलिए मजदूर भी नहीं मिल रहे हैं. साथ ही जितने मजदूर आ रहे हैं उनको सोशल डिस्टेंसिंग के साथ काम कराया जा रहा है. इसलिए काम भी जल्दी से नहीं हो पा रहा. कोरोना ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी बुरी तरह से प्रभावित किया है.

Last Updated : Sep 4, 2020, 3:38 AM IST
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