रायगढ़: शहर में कोरोना संक्रमण के हालात तेजी से बिगड़ रहे हैं. सरकारी अस्पताल के कोविड केयर सेंटर में मरीजों को भर्ती करने के लिए पलंग नहीं बचे हैं. वहीं पिछले 4 दिनों से RT-PCR किट खत्म होने से कई संदिग्ध मरीजों की जांच नहीं हो पा रही है. RT-PCR टेस्ट को कोरोना टेस्ट में 100% सही माना जाता है, लेकिन किट खत्म होने से एंटीजेन और ट्रू नॉट के सहारे ही कोरोना मरीजों की जांच की जा रही है.
पिछले 4 दिनों से RT-PCR किट नहीं
रायगढ़ जिले में कोरोना मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. जिले में अब तक 28,073 लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं. 351 लोगों की मौत कोरोना से हो चुकी है. जिले में 3,038 एक्टिव केस हैं. प्रतिदिन एक हजार से ज्यादा लोगों का सैंपल लिया जा रहा है. किट नहीं होने से पिछले 4 दिनों से RTPCR के एक भी टेस्ट नहीं हो पा रहे हैं. वहीं पहले जिन्होंने टेस्ट कराया था. उनकी रिपोर्ट आने में भी 8 दिन लग जा रहे हैं.
जांच में देरीसे बिगड़ सकती है हालत
टेस्ट किट ना होने से कई लोगों को बिना जांच घर जाना पड़ा. बड़ा सवाल यह है कि यदि घर जाने वाले लोगों में कोविड पॉजिटिव मरीज रहे हैं तो ये कोरोना संक्रमण की वजह बन सकते हैं. साथ ही जांच में देरी होने से उनकी हालत भी बिगड़ सकती है.
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टेस्टिंग किट की पूरे राज्य में किल्लत
इस मामले को लेकर बीजेपी ने सरकार की व्यवस्थाओं पर सवाल उठाए हैं. बीजेपी नेता मनीष गुप्ता का कहना है कि पिछले एक हफ्ते से RT-PCR टेस्टिंग नहीं हो पा रही है. जिससे लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. कलेक्टर भीम सिंह ने बताया कि पूरे राज्य में टेस्टिंग किट को लेकर समस्या बनी हुई है. दो-तीन दिन के अंतराल में टेस्टिंग किट मिल पा रही है. कलेक्टर ने बताया कि जिले में RTPCR के टेस्ट कलेक्शन सबसे ज्यादा हो गए थे, इस वजह से टेस्ट नहीं हो पा रहे हैं. साथ ही कोरोना टेस्टिंग लैब में 8 कर्मचारी कोरोना से संक्रमित हो गए हैं. कलेक्टर ने कहा कि कोरोना के टेस्टिंग में किसी प्रकार की समस्या नहीं आएगी.