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कोरोना संकट और अब महंगाई की मार, जनता की जेब पर बढ़ा बोझ

कोरोना संकट और लॉकडाउन के दौरान गरीब, किसान और मजदूर तबके को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. लेकिन हालात अभी सुधरे नहीं थे कि दैनिक उपयोग के जरूरी सामानों की कीमतों में भी भारी उछाल देखने को मिल रहा है. जिससे आम जनता परेशान है.

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कोरोना संकट और अब महंगाई
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Published : Sep 11, 2020, 2:27 AM IST

Updated : Sep 11, 2020, 6:24 AM IST

रायगढ़: कोरोना महामारी की वजह से लगभग सभी वर्ग प्रभावित हुए हैं. लेकिन गरीब, किसान और मजदूर तबके पर सबसे ज्यादा असर देखने को मिला हैं. कोरोना के कारण दैनिक जीवन में उपयोगी आवश्यक सामग्रियों की कीमतों में भी भारी उछाल देखने को मिल रहा है. जिससे आम लोगों की जेब पर बोझ बढ़ गया है. लोगों का कहना है कि प्रशासन को इस ओर ध्यान देना चाहिए और बढ़ती महंगाई का समाधान करना चाहिए.

कोरोना संकट और अब महंगाई की मार

जरूरी सामान की खरीदारी करने आए लोगों ने बताया कि दाल, चावल, सब्जी से लेकर दैनिक उपयोग की जरूरी चीजों की कीमतों में जबरदस्त उछाल आया है. थोक विक्रेता बताते हैं कि दैनिक उपयोग के सामानों के दाम 6 महीनों में ज्यादा बढ़े हैं. कीमतों में 10 से लेकर 100 रुपए से भी ज्यादा की बढ़त हुई है. आलू प्याज जैसे खाद्य सामग्रियों की कीमत 6 महीने में दुगनी हो गई है.

पढ़ें-SPECIAL: भूपेश सरकार की आमदनी अठन्नी खर्चा रुपैया !, विपक्ष ने लगाए फिजूलखर्ची के आरोप

लगातार बढ़ते दाम लोगों की जेब पर सीधा असर डाल रहे हैं. दुकानों में खरीदारी करने आए लोग बताते हैं कि लॉकडाउन से पहले राशन सामान और दैनिक उपयोग की चीजों की कीमत बजट में थी और काम मिलने के कारण जेब में पैसे भी होते थे. लेकिन अब स्थितियां हो गई है कि रोजगार पूरी तरह से बंद हो गए हैं और महंगाई बढ़ती जा रही है. जिससे सामान खरीदना मुश्किल होता जा रहा है.

ट्रांसपोर्टेशन बड़ी समस्या

थोक व्यापारियों के सामने ट्रांसपोर्टेशन की सबसे बड़ी समस्या है. इस दौरान पेट्रोल डीजल के भाव बढ़ने के कारण ट्रांसपोर्टेशन की कीमत भी बढ़ गई है. लिहाजा इसका असर भी आम आदमी की जेब पर पड़ रहा है. जो सामान आयात होता है उनकी कीमतों में ट्रांसपोर्टेशन का भार भी जुड़ जाता है.

पढ़ें-Special: लालफीताशाही में उलझा छत्तीसगढ़ के किसानों का सपना

मुनाफा हुआ कम

चिल्हर बिक्री करने वाले दुकानदार बताते हैं कि वे खुद थोक व्यापारियों से महंगे कीमत पर सामान खरीद रहे हैं. इसीलिए अपने ग्राहकों को भी वे महंगा सामान बेच रहे हैं. लेकिन लोग बढ़ी कीमतों के कारण खरीदी कम कर रहे हैं. इससे जो मुनाफा मिलता था वह भी कम हो गया है.

रायगढ़: कोरोना महामारी की वजह से लगभग सभी वर्ग प्रभावित हुए हैं. लेकिन गरीब, किसान और मजदूर तबके पर सबसे ज्यादा असर देखने को मिला हैं. कोरोना के कारण दैनिक जीवन में उपयोगी आवश्यक सामग्रियों की कीमतों में भी भारी उछाल देखने को मिल रहा है. जिससे आम लोगों की जेब पर बोझ बढ़ गया है. लोगों का कहना है कि प्रशासन को इस ओर ध्यान देना चाहिए और बढ़ती महंगाई का समाधान करना चाहिए.

कोरोना संकट और अब महंगाई की मार

जरूरी सामान की खरीदारी करने आए लोगों ने बताया कि दाल, चावल, सब्जी से लेकर दैनिक उपयोग की जरूरी चीजों की कीमतों में जबरदस्त उछाल आया है. थोक विक्रेता बताते हैं कि दैनिक उपयोग के सामानों के दाम 6 महीनों में ज्यादा बढ़े हैं. कीमतों में 10 से लेकर 100 रुपए से भी ज्यादा की बढ़त हुई है. आलू प्याज जैसे खाद्य सामग्रियों की कीमत 6 महीने में दुगनी हो गई है.

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लगातार बढ़ते दाम लोगों की जेब पर सीधा असर डाल रहे हैं. दुकानों में खरीदारी करने आए लोग बताते हैं कि लॉकडाउन से पहले राशन सामान और दैनिक उपयोग की चीजों की कीमत बजट में थी और काम मिलने के कारण जेब में पैसे भी होते थे. लेकिन अब स्थितियां हो गई है कि रोजगार पूरी तरह से बंद हो गए हैं और महंगाई बढ़ती जा रही है. जिससे सामान खरीदना मुश्किल होता जा रहा है.

ट्रांसपोर्टेशन बड़ी समस्या

थोक व्यापारियों के सामने ट्रांसपोर्टेशन की सबसे बड़ी समस्या है. इस दौरान पेट्रोल डीजल के भाव बढ़ने के कारण ट्रांसपोर्टेशन की कीमत भी बढ़ गई है. लिहाजा इसका असर भी आम आदमी की जेब पर पड़ रहा है. जो सामान आयात होता है उनकी कीमतों में ट्रांसपोर्टेशन का भार भी जुड़ जाता है.

पढ़ें-Special: लालफीताशाही में उलझा छत्तीसगढ़ के किसानों का सपना

मुनाफा हुआ कम

चिल्हर बिक्री करने वाले दुकानदार बताते हैं कि वे खुद थोक व्यापारियों से महंगे कीमत पर सामान खरीद रहे हैं. इसीलिए अपने ग्राहकों को भी वे महंगा सामान बेच रहे हैं. लेकिन लोग बढ़ी कीमतों के कारण खरीदी कम कर रहे हैं. इससे जो मुनाफा मिलता था वह भी कम हो गया है.

Last Updated : Sep 11, 2020, 6:24 AM IST
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