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बारिश की वजह से धान की खड़ी फसल बर्बाद, किसानों ने सरकार से लगाई मदद की गुहार - धान की फसल बर्बाद

बीती रात हुई बारिश की वजह से रायगढ़ जिले के किसानों की कई एकड़ में लगी धान की फसल बर्बाद हो गई. किसान अब शासन से क्षतिपूर्ति की मांग कर रहें हैं.

Paddy crop wasted due to rain
धान की खड़ी फसल बर्बाद
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Published : Nov 22, 2020, 7:44 PM IST

रायगढ़: अचानक बदले मौसम और बीती रात हुई बारिश की वजह से रायगढ़ जिले के किसानों की सैकड़ों एकड़ धान की फसल बर्बाद हो गई. अब तक फसलों की क्षतिपूर्ति का लेखा जोखा करने न कोई अधिकारी आया न कर्मचारी. ऐसे में किसान अब शासन से मदद की गुहार लगा रहे हैं.

धान की खड़ी फसल बर्बाद

फसल पूरी तरह से पक कर खेतों में तैयार थी. लेकिन अचानक बिगड़े मौसम की वजह से धान की खड़ी फसल बर्बाद हो गई. इसके बाद बारिश की वजह से धान के दाने टूट कर खेत में ही गिर गए हैं. अब जो फसल बची हुई है, उसकी कटाई के लिए मशीन खेतों तक नहीं जा रही है.

पढ़ें: बलरामपुर: बेमौसम बारिश ने किसानों की बढ़ाई परेशानी, खेतों में सड़ने की कगार पर धान

दोहरी मार झेल रहे किसान

किसानों को फसल कटाई के लिए मजदूर भी नहीं मिल पा रहे हैं. इन सब परिस्थितियों ने किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी है. एक तो कोरोना से आर्थिक तंगी और दूसरी खड़ी फसल का बर्बाद हो जाना किसानों के लिए दोहरी मार साबित हो रहा है.

40 से 50 एकड़ की फसल बर्बाद

किसानों ने बताया कि जिले के लगभग सभी गांव में 40 से 50 एकड़ खेत ऐसे होंगे जिनकी फसल पूरी तरह से पानी में डूब गए हैं. बारिश की वजह से खेतों में खड़ी फसल पक तो गई थी, लेकिन उसकी कटाई नहीं हो पाई थी और जिन किसानों की फसल कट गई थी उसे खेत से उठाया नहीं गया था. लिहाजा सभी पानी में भीग गए. प्रदेश में 1 दिसंबर से धान की खरीदी शुरू होनी है. ऐसे में यह किसान अब शासन से मदद की गुहार लगा रहें हैं.

रायगढ़: अचानक बदले मौसम और बीती रात हुई बारिश की वजह से रायगढ़ जिले के किसानों की सैकड़ों एकड़ धान की फसल बर्बाद हो गई. अब तक फसलों की क्षतिपूर्ति का लेखा जोखा करने न कोई अधिकारी आया न कर्मचारी. ऐसे में किसान अब शासन से मदद की गुहार लगा रहे हैं.

धान की खड़ी फसल बर्बाद

फसल पूरी तरह से पक कर खेतों में तैयार थी. लेकिन अचानक बिगड़े मौसम की वजह से धान की खड़ी फसल बर्बाद हो गई. इसके बाद बारिश की वजह से धान के दाने टूट कर खेत में ही गिर गए हैं. अब जो फसल बची हुई है, उसकी कटाई के लिए मशीन खेतों तक नहीं जा रही है.

पढ़ें: बलरामपुर: बेमौसम बारिश ने किसानों की बढ़ाई परेशानी, खेतों में सड़ने की कगार पर धान

दोहरी मार झेल रहे किसान

किसानों को फसल कटाई के लिए मजदूर भी नहीं मिल पा रहे हैं. इन सब परिस्थितियों ने किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी है. एक तो कोरोना से आर्थिक तंगी और दूसरी खड़ी फसल का बर्बाद हो जाना किसानों के लिए दोहरी मार साबित हो रहा है.

40 से 50 एकड़ की फसल बर्बाद

किसानों ने बताया कि जिले के लगभग सभी गांव में 40 से 50 एकड़ खेत ऐसे होंगे जिनकी फसल पूरी तरह से पानी में डूब गए हैं. बारिश की वजह से खेतों में खड़ी फसल पक तो गई थी, लेकिन उसकी कटाई नहीं हो पाई थी और जिन किसानों की फसल कट गई थी उसे खेत से उठाया नहीं गया था. लिहाजा सभी पानी में भीग गए. प्रदेश में 1 दिसंबर से धान की खरीदी शुरू होनी है. ऐसे में यह किसान अब शासन से मदद की गुहार लगा रहें हैं.

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