रायगढ़: मेडिकल कॉलेज अस्पताल में रोजाना सैकड़ों लोग ओपीडी के लिए जाते हैं और उनके साथ परिजन भी अस्पताल पहुंचते हैं. ऐसे में अस्पताल के भीतर मरीज के परिजन के रहने की व्यवस्था तो होती नहीं है, लिहाजा उन्हें बाहर ही रहना पड़ता है.
बैठने के लिए नहीं है जगह
अस्पताल के बाहर रह रहे मरीज के परिजनों को कड़ी धूप और बरसात से बचने के लिए किसी भी तरह की व्यवस्था नहीं है और न ही उन्हें पीने के लिए ठंडा पानी मुहैया है. और तो और इनके बैठने के लिए तक जगह तक मौजूद नहीं है.
गरम रहता है टंकी का पानी
मेडिकल कॉलेज अस्पताल परिसर में छांव के लिए एक पेड़ और पीने के लिए एक टंकी में पानी की व्यवस्था है. लेकिन तेज धूप की वजह से पानी उबलने जितना गर्म हो जाता है. वहीं सफाई की बात करें तो, निगम और अस्पताल के सफाई कर्मचारी हफ्तों तक दिखाई नहीं देते. आलम यह है कि मरीजों के साथ आने वाले परिजन को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है. मरीज के परिवारवालों ने बताया कि 'पीने के पानी की व्यवस्था नहीं है कड़ी धूप हो या बरसात ओपीडी के लिए बाहर ही खुले में लाइन लगाना पड़ता है.
ठीक से इलाज नहीं करने का आरोप
दूसरे मरीज के परिजन का कहना है कि 'अस्पताल प्रबंधन ने ओपीडी के नाम पर उनसे फीस तो ले ली, लेकिन मरीज का इलाज ठीक से नहीं हो रहा है. ये लोग आठ महीने के बच्चे को लेकर अस्पताल पहुंचे थे, जिन्हें अस्पताल में दवाई न होने और बाहर से दवाई खरीद कर लाने के नाम पर सैकड़ों रुपए का बिल थमा दिया गया.
दवाई नहीं होने का दिया हवाला
हाई ब्लड प्रेशर के मरीज ने बताया कि 'सरकारी अस्पताल में इसके लिए दवाई नहीं है. जब मेडिकल डिपार्टमेंट के कर्मचारियों से इसके संबंध में पूछा गया तो उनकी ओर से कोई जवाब नहीं आया. बल्कि मरीज को धमकाकर भगा दिया.
अस्पताल में आने वाले लोग हो रहे परेशान
बता दें कि 'मेडिकल कॉलेज अस्पताल में रोजाना सैकड़ों की संख्या में मरीज पहुंचते हैं यह जिले का सबसे बड़ा और एकमात्र शासकीय अस्पताल है. ऐसे में अस्पताल की अव्यवस्था से लोग परेशान हो रहे हैं.