रायगढ़: अवैध कब्जे को लेकर तहसील न्यायालय में पेशी हुई. खास बात यह रही कि इसमें भगवान शिव भी पेशी देने के लिए पहुंचे. दरअसल तहसील कोर्ट ने पिछले दिनों 10 लोगों को नोटिस थमाया था. इन 10 लोगों में शिव मंदिर कहुआकुंडा वार्ड क्रमांक 25 रायगढ़ के नाम से भी नोटिस भेजा गया था. यह मंदिर सार्वजनिक है. यहां कोई भी पंडित या किसी और का दखल नहीं है. फिर भी उस मंदिर के नाम से नोटिस दिया गया है. आज पेशी में जिन 9 और लोगों को नोटिस दिया गया था, वह सब भगवान शिव को रिक्शे में रखकर तहसील न्यायालय पहुंचे.
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भगवान शिव को पेशी के लिए अगली तारीख दी गई है. बताया गया है कि तहसीलदार प्राइवेट उद्योग की जनसुनवाई में व्यस्त हैं. तहसील के अधिकारियों ने पेशी में पहुंचे लोगों के सामने ही कार्य की व्यस्तता का हवाला दिया और अगली सुनवाई का नोटिस चस्पा कर दिया. नायब तहसीलदार विक्रांत राठौर पेशी में भगवान को लेकर पहुंचे लोगों को देखते ही ग्रामीण क्षेत्र में जरूरी काम का हवाला देकर तहसील कार्यालय से चले गए. अब सुनवाई की अगली तारीख 13 अप्रैल 2022 तय की गई.
ये है पूरा मामला: जमीन और तालाब के कब्जे को लेकर रायगढ़ तहसील कार्यालय के नायब तहसीलदार ने 10 लोगों को नोटिस जारी किया है. वार्ड क्रमांक 25 की ही निवासी सुधा रजवाड़े ने बिलासपुर हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी, जिसमें शिव मंदिर समेत 16 लोगों पर सरकारी भूमि पर कब्जा करने का आरोप लगाया है. हाईकोर्ट में इस मामले को लेकर सुनवाई हुई. न्यायालय ने राज्य सरकार और तहसीलदार कार्यालय को इसकी जांच करने का आदेश दिया था. तहसील कार्यालय के अधिकारी ने एक जांच टीम बनाकर 3 दिनों तक जांच की.
जांच में 10 लोगों के खिलाफ जमीन और तालाब पर कब्जा करना पाया गया. कब्जाधारियों को नोटिस के छठवें नंबर पर शिव मंदिर का नाम है, जबकि यह शिव मंदिर सार्वजनिक बताया गया है. नोटिस में मंदिर के ट्रस्टी, प्रबंधक या पुजारी को संबोधित नहीं किया गया है बल्कि सीधे शिव भगवान को ही नोटिस जारी किया गया है. नायब तहसीलदार रायगढ़ ने 25 मार्च यानी आज न्यायालय में सुनवाई की तिथि निर्धारित की है. नोटिस में साफ तौर पर लिखा हुआ है कि यह काम छत्तीसगढ़ भू राजस्व संहिता 1959 की धारा 248 के तहत अनाधिकृत है. इसके लिए आपको ₹10 हजार का जुर्माना तक अर्थदंड से दंडित कर कब्जारत भूमि से बेदखल किया जा सकता है.