रायगढ़: कभी रायगढ़ शहर और आसपास के सैकड़ों गांव की प्यास बुझाने वाली केलो नदी आज अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है. औद्योगिकीकरण और शहर के बढ़ते बोझ ने नदी को एक गंदा नाला बना दिया है.
रोजाना लाखों लीटर गंदा पानी केलो नदी में सीधे बहा दिया जा रहा है जो जलीय जीवों को नुकसान पहुंचाने के साथ ही आम लोगों को प्रत्यक्ष तौर पर प्रभावित कर रहा है. केलो नदी को छत्तीसगढ़ राज्य में महानदी की सहायक नदी के रूप में जाना जाता है. लगभग 110 किलोमीटर की लंबी नदी केलो, ओडिशा के गुदुम गांव में महानदी से मिल जाती है.
![Kelo river of Raigarh is losing its existence](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/5743693_01.png)
![Kelo river of Raigarh is losing its existence](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/5743693_02.png)
केलो नदी में बहा दी जाती है गंदगी
इस नदी को सबसे ज्यादा प्रभावित रायगढ़ शहर ही कर रहा है. इसमें तमनार और रायगढ़ के सैकड़ों उद्योग सीधे तौर पर पानी लेते हैं और उद्योग का गंदा पानी नदी में छोड़ते हैं. इसके अलावा रायगढ़ शहर के सीवरेज सीधे नदी में खुलते हैं. लिहाजा रोजाना लाखों लीटर गंदगी नदी में बहा दी जाती है. इस तरह नदी पूरी तरह से नाला बन चुकी है. नदी के पानी का इस्तेमाल करने वाले लोगों को त्वचा, श्वास और कैंसर जैसी घातक बीमारियां हो रही हैं. स्थानीय लोगों का मानना है कि प्रशासन की तरफ से नदी को बचाने के लिए कोई भी प्रयास नहीं किए जा रहे हैं.
![Kelo river of Raigarh is losing its existence](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/5743693_04.png)
![Kelo river of Raigarh is losing its existence](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/5743693_05.png)
कब लगेंगे सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट?
कभी इस नदी का पानी लोगों के लिए अमृत था लेकिन आज लोग नहाने से भी कतराते हैं. समाजसेवी और पर्यावरण संरक्षक राजेश त्रिपाठी का कहना है कि उद्योग और शहर का बढ़ता दबाव ही नदी के प्रदूषण का मुख्य कारण है. अधिकारी नदी में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाने की बात करते हैं लेकिन आज तक नहीं बन पाया है. इधर क्षेत्रीय पर्यावरण अधिकारी का कहना है कि शासन को नदी के हालात की जानकारी दे दी गई है जल्द ही सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगेंगे.
अब देखना होगा कि केलो नदी कब तक साफ हो पाता है.