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SPECIAL: शहर की प्यास बुझाने के लिए बनी अमृत मिशन योजना की ग्राउंड रिपोर्ट

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Published : Oct 29, 2020, 11:29 AM IST

रायगढ़ जिले में अमृत मिशन योजना की स्थिति को लेकर ETV भारत ने पड़ताल की. जिसमें योजना की स्थिति को लेकर कई बातें सामने आईं.

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अमृत मिशन योजना की ग्राउंड रिपोर्ट

रायगढ़: केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी अमृत मिशन योजना का काम रायगढ़ जिले में कछुआ गति से चल रहा है. शहर में अमृत मिशन योजना के कार्य की गति को देखकर दिसंबर तक लक्ष्य पूरा करने को लेकर संशय बना हुआ है. शहर सरकार इसके लिए जहां कोरोना और लॉकडाउन का हवाला दे रही है, तो वहीं विपक्ष मामले को भुनाने में जुट गया है.

अमृत मिशन योजना की ग्राउंड रिपोर्ट

साल 2015 में अमृत मिशन योजना लॉन्च की गई थी. इसका मुख्य उद्देश्य हर घर तक नियमित और साफ पानी पहुंचाना था. जिले के नगरीय निकाय क्षेत्र में भी लगभग 133 करोड़ की लागत से अमृत मिशन योजना का काम चल रहा है. इसे पूरा करने की तिथि दिसंबर 2020 तक रखी गई है. कोरोना महामारी के कारण हुए लॉकडाउन और इस दौरान ट्रांसपोर्टेशन न हो पाने की वजह से काम काफी पीछे चल रहा है. ऐसे में विपक्ष अब हमलावर होकर शहर सरकार को घेरने में जुट गया है, हालांकि जिम्मेदार अधिकारी और जनप्रतिनिधि समय पर काम पूरा करने का दावा कर रहे हैं.

विपक्ष लगा रहा है शहर सरकार पर आरोप

प्रदेश में भाजपा विपक्ष में है. तत्कालीन समय में भाजपा शासनकाल में ही अमृत मिशन योजना की शुरुआत की गई थी. सत्ता बदले लगभग 2 साल होने को है, लेकिन इस अवधि में भी काम पूरा नहीं हो पाया है. इस वजह से भाजपा वर्तमान सरकार पर गैरजिम्मेदाराना रवैये और लापरवाही का आरोप लगा रही है. पाइपलाइन बिछाने के लिए सड़कों की खुदाई को लेकर भी नाराजगी जाहिर की गई है. भाजपा नेता का कहना है कि वर्तमान की प्रदेश सरकार के पास सड़क बनाने के लिए पैसे नहीं हैं, लेकिन अमृत मिशन योजना के तहत ठेकेदार बेतरतीब तरीके से सड़कों की खुदाई करके व्यवस्थित सड़कों को भी खराब कर रहे हैं, जिस पर निगम प्रशासन का नियंत्रण नहीं है. हालांकि सभी इस योजना को महत्वाकांक्षी और रायगढ़ के भविष्य के लिए लाभदायक मान रहे हैं.

शहर सरकार ने बताया क्यों हुई देरी

नगर निगम रायगढ़ के MIC सदस्य और नगर निगम के जल प्रभारी लक्ष्मी नारायण साहू ने बताया कि विपक्ष निराधार आरोप लगा रहा है. भले ही अमृत मिशन केंद्र सरकार की योजना हो, लेकिन यह जनहितैषी है, लिहाजा कांग्रेस भी इसका पूरा समर्थन कर रही है. योजना के तहत बेहतर से बेहतर काम कराने का प्रयास किया जा रहा है. साहू ने भी माना कि काम में देरी हुई है, लेकिन समय रहते इसे पूरा करने की कोशिश की बात भी कही. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन की वजह से कार्यरत मजदूरों ने पलायन कर लिया, इसलिए काम थोड़ा पीछे चल रहा है. दिसंबर 2020 तक काम पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन कुछ महीने की देरी से ही सही काम पूर्ण कर लिया जाएगा और शहरवासियों को व्यवस्थित तरीके से जलापूर्ति की जाएगी. यह भविष्य की दूरदर्शी योजना है, इससे आने वाली पीढ़ी को काफी लाभ मिलेगा.

शहर में अमृत मिशन योजना के तहत ये काम होगा

48 वार्ड वाले रायगढ़ नगर निगम में लगभग 135 करोड़ की लागत से अमृत मिशन योजना का काम चल रहा है. इससे शहर के 36 हजार परिवारों को 24 घंटे साफ पानी मिलेगा. पानी सप्लाई के लिए शहरभर में वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट से लेकर हर घर तक लगभग 375 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन बिछाई जा रही है. वर्तमान में लगभग 90 किलोमीटर की पाइपलाइन बिछाने के लिए काम बचा हुआ है, बाकी काम पूरा कर लिया गया है. पाइप लाइन बिछाने के अलावा पानी सप्लाई के प्रेशर के लिए मोटर और बिजली आपूर्ति के लिए ट्रांसफॉर्मर बिठाने का काम किया जा रहा है. घरों तक पानी पहुंचाने के लिए पाइप लाइन में प्रेशर और पाइप की गुणवत्ता जांचने के लिए हाइड्रो टेस्ट किया जा रहा है. हाइड्रो टेस्ट में पाइप लाइन में तेज गति से पूरे दबाव के साथ पानी छोड़ा जाता है. अगर गुणवत्ताहीन पाइप होती है, तो वह फूट जाता है, लिहाजा हाइड्रो टेस्ट से पाइप की गुणवत्ता और लीकेज की पहचान होती है, जिसका मरम्मत भी साथ में किया जा रहा है.

अमृत मिशन योजना

  • जून 2015 में अमृत मिशन योजना हुई थी लॉन्च.
  • देशभर के सभी शहरों में जलापूर्ति, साफ-सफाई और सीवरेज कनेक्शन का उद्देश्य.
  • छत्तीसगढ़ के 9 नगर निगमों को योजना का फायदा.
  • रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, भिलाई, राजनांदगांव, जगदलपुर, रायगढ़, कोरबा, अंबिकापुर शामिल.

रायगढ़: केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी अमृत मिशन योजना का काम रायगढ़ जिले में कछुआ गति से चल रहा है. शहर में अमृत मिशन योजना के कार्य की गति को देखकर दिसंबर तक लक्ष्य पूरा करने को लेकर संशय बना हुआ है. शहर सरकार इसके लिए जहां कोरोना और लॉकडाउन का हवाला दे रही है, तो वहीं विपक्ष मामले को भुनाने में जुट गया है.

अमृत मिशन योजना की ग्राउंड रिपोर्ट

साल 2015 में अमृत मिशन योजना लॉन्च की गई थी. इसका मुख्य उद्देश्य हर घर तक नियमित और साफ पानी पहुंचाना था. जिले के नगरीय निकाय क्षेत्र में भी लगभग 133 करोड़ की लागत से अमृत मिशन योजना का काम चल रहा है. इसे पूरा करने की तिथि दिसंबर 2020 तक रखी गई है. कोरोना महामारी के कारण हुए लॉकडाउन और इस दौरान ट्रांसपोर्टेशन न हो पाने की वजह से काम काफी पीछे चल रहा है. ऐसे में विपक्ष अब हमलावर होकर शहर सरकार को घेरने में जुट गया है, हालांकि जिम्मेदार अधिकारी और जनप्रतिनिधि समय पर काम पूरा करने का दावा कर रहे हैं.

विपक्ष लगा रहा है शहर सरकार पर आरोप

प्रदेश में भाजपा विपक्ष में है. तत्कालीन समय में भाजपा शासनकाल में ही अमृत मिशन योजना की शुरुआत की गई थी. सत्ता बदले लगभग 2 साल होने को है, लेकिन इस अवधि में भी काम पूरा नहीं हो पाया है. इस वजह से भाजपा वर्तमान सरकार पर गैरजिम्मेदाराना रवैये और लापरवाही का आरोप लगा रही है. पाइपलाइन बिछाने के लिए सड़कों की खुदाई को लेकर भी नाराजगी जाहिर की गई है. भाजपा नेता का कहना है कि वर्तमान की प्रदेश सरकार के पास सड़क बनाने के लिए पैसे नहीं हैं, लेकिन अमृत मिशन योजना के तहत ठेकेदार बेतरतीब तरीके से सड़कों की खुदाई करके व्यवस्थित सड़कों को भी खराब कर रहे हैं, जिस पर निगम प्रशासन का नियंत्रण नहीं है. हालांकि सभी इस योजना को महत्वाकांक्षी और रायगढ़ के भविष्य के लिए लाभदायक मान रहे हैं.

शहर सरकार ने बताया क्यों हुई देरी

नगर निगम रायगढ़ के MIC सदस्य और नगर निगम के जल प्रभारी लक्ष्मी नारायण साहू ने बताया कि विपक्ष निराधार आरोप लगा रहा है. भले ही अमृत मिशन केंद्र सरकार की योजना हो, लेकिन यह जनहितैषी है, लिहाजा कांग्रेस भी इसका पूरा समर्थन कर रही है. योजना के तहत बेहतर से बेहतर काम कराने का प्रयास किया जा रहा है. साहू ने भी माना कि काम में देरी हुई है, लेकिन समय रहते इसे पूरा करने की कोशिश की बात भी कही. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन की वजह से कार्यरत मजदूरों ने पलायन कर लिया, इसलिए काम थोड़ा पीछे चल रहा है. दिसंबर 2020 तक काम पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन कुछ महीने की देरी से ही सही काम पूर्ण कर लिया जाएगा और शहरवासियों को व्यवस्थित तरीके से जलापूर्ति की जाएगी. यह भविष्य की दूरदर्शी योजना है, इससे आने वाली पीढ़ी को काफी लाभ मिलेगा.

शहर में अमृत मिशन योजना के तहत ये काम होगा

48 वार्ड वाले रायगढ़ नगर निगम में लगभग 135 करोड़ की लागत से अमृत मिशन योजना का काम चल रहा है. इससे शहर के 36 हजार परिवारों को 24 घंटे साफ पानी मिलेगा. पानी सप्लाई के लिए शहरभर में वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट से लेकर हर घर तक लगभग 375 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन बिछाई जा रही है. वर्तमान में लगभग 90 किलोमीटर की पाइपलाइन बिछाने के लिए काम बचा हुआ है, बाकी काम पूरा कर लिया गया है. पाइप लाइन बिछाने के अलावा पानी सप्लाई के प्रेशर के लिए मोटर और बिजली आपूर्ति के लिए ट्रांसफॉर्मर बिठाने का काम किया जा रहा है. घरों तक पानी पहुंचाने के लिए पाइप लाइन में प्रेशर और पाइप की गुणवत्ता जांचने के लिए हाइड्रो टेस्ट किया जा रहा है. हाइड्रो टेस्ट में पाइप लाइन में तेज गति से पूरे दबाव के साथ पानी छोड़ा जाता है. अगर गुणवत्ताहीन पाइप होती है, तो वह फूट जाता है, लिहाजा हाइड्रो टेस्ट से पाइप की गुणवत्ता और लीकेज की पहचान होती है, जिसका मरम्मत भी साथ में किया जा रहा है.

अमृत मिशन योजना

  • जून 2015 में अमृत मिशन योजना हुई थी लॉन्च.
  • देशभर के सभी शहरों में जलापूर्ति, साफ-सफाई और सीवरेज कनेक्शन का उद्देश्य.
  • छत्तीसगढ़ के 9 नगर निगमों को योजना का फायदा.
  • रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, भिलाई, राजनांदगांव, जगदलपुर, रायगढ़, कोरबा, अंबिकापुर शामिल.
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