रायगढ़: तमनार ब्लॉक में शासकीय महाविद्यालय की स्थापना 2008 में हुई थी. भवन न होने के कारण कक्षाएं शासकीय स्कूल के अतिरिक्त भवन में संचालित हो रही थी. महाविद्यालय खुलने से पूरे ब्लॉक के लोग खुश थे, लेकिन तमनार ब्लॉक का एकमात्र शासकीय महाविद्यालय जिसके लिए भवन का निर्माण 2014 में पूरा हुआ था, वह भवन 6 साल भी नहीं चला और आज जर्जर होने के कारण शराबियों और असामाजिक तत्वों का अड्डा बन गया है.
महाविद्यालय पहले ही स्टाफ की कमी से जूझ रहा है. दो ही नियमित प्राध्यापकों के भरोसे महाविद्यालय का संचालन होता आ रहा है. ऐसे में कॉलेज के निर्माण के समय ठेकेदार की ओर से गुणवत्ताहीन सामग्रियों का प्रयोग कर बिल्डिंग का निर्माण किया गया था. जिसका खामियाजा आज छात्रों समेत फैकल्टी को भुगतना पड़ रहा है. महज 6 साल पुरानी बिल्डिंग धाराशाई होने की कगार पर है, महाविद्यालय के बहुत से कमरों की दीवारों में सीपेज के साथ ही बड़ी-बड़ी दरारें पड़ गई है. ये दीवारें कभी भी टूट कर गिर सकती है और कोई बड़ा हादसा हो सकता है.
महाविद्यालय भवन शराबियों का अड्डा
हर साल छात्र संघ के तहसील कार्यालय में आवेदन दिए जाने के बावजूद आजतक न तो महाविद्यालय का सीमांकन हुआ है और न ही महाविद्यालय में बाउंड्री वॉल का निर्माण किया गया है. इसकी वजह से यहां असामाजिक तत्वों का अड्डा बना रहता है. असामाजिक तत्वों ने बाहर लगे लाइट्स को भी तोड़ दिया है जिसकी वजह से यहां अंधेरा पसरा रहता है. देर शाम महाविद्यालय भवन का नजदीकी क्षेत्र शराबियों का अड्डा बन जाता है.
छात्रों को होगी परेशानी
कॉलेज स्टॉफ ने बताया कि आजतक यह भवन हैंड ओवर नहीं किया गया. सत्ता बदली शासन बदला, लेकिन समस्याओं में किसी प्रकार की कमी नहीं आई, बल्कि समस्याएं बढ़ती ही जा रही हैं. यदि वर्तमान समय में क्षतिग्रस्त भवन की मरम्मत हो जाती तो महाविद्यालय की कक्षा प्रारंभ होने के समय में छात्रों को किसी प्रकार की परेशानियों का सामना करना नहीं पड़ता. बीते दिन प्रथम वर्ष के छात्रों की चयन सूची भी जारी हो गई है, छात्र दाखिला लेने महाविद्यालय भी जाएंगे. इससे उन्हें तमाम तरह की परेशानी का सामना करना पड़ेगा.