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रायगढ़ : आगजनी के हो सकते हैं कई कारण, वन विभाग ने निकाला ये रास्ता

गर्मी में आग लगने के कई कारण हो सकते हैं. इनमें से एक कारण महुआ का फूल हो सकता है. इसके लिए प्रशासन पूरी तरह से तैयार है और जंगल के किनारे बसे लोगों को प्रशिक्षित किया जा रहा है, जिससे आग को जल्द बुझाया जा सके.

वन विभाग के अधिकारी
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Published : Apr 5, 2019, 7:06 PM IST

रायगढ़ : जिले में आग फैलने का कारण कई बताए जा रहे हैं, लेकिन इसका एक कारण यह भी है कि, जंगलों में लगे हु्आ महुआ के फूल को बाजार में अच्छी कीमत से भेजते हैं. महुआ के इस फुल को पाने के लिए जंगल में रह रहे लोग जंगलों में आग लगा देते हैं, जिससे गर्मी के दिनों में सूखे पत्ते होने के कारण ज्यादातर आग फैल जाती है और इसे पूरा जंगल जल जाता है.

आगजनी

वन विभाग ने अब महुआ बीनने के लिए आग न लगाने के लिए तैयारी कर चुका है. पूरे मामले में रायगढ़ वन मंडल अधिकारी ने बताया 126 बीट फिरवाचर डिवीसीनल 126 फॉरेस्ट गार्ड 2 समिति के सदस्य मौजूद रहेंगे.

इस तरह की घटना ना हो इसके लिए प्रशासन पूरी तरह से तैयार हैं और जंगल के किनारे बसे लोगों को प्रशिक्षित किया जा रहा है. साथ ही जितने भी बीट बनाए गए हैं. उन पर बीट गार्ड और स्थानीय लोगों को तैनात किया गया.
जब कभी भी ऐसी आगजनी की घटना होती है तब पूरी रात काम करके फायर वॉचर आग पर काबू पाते हैं. सामान्य लोगों को भी वन के प्रति जागरूक किया जा रहा है और जो लोग आग लगा रहे हैं, उनको प्रत्यक्ष रूप से मना किया जा रहा है.

रायगढ़ : जिले में आग फैलने का कारण कई बताए जा रहे हैं, लेकिन इसका एक कारण यह भी है कि, जंगलों में लगे हु्आ महुआ के फूल को बाजार में अच्छी कीमत से भेजते हैं. महुआ के इस फुल को पाने के लिए जंगल में रह रहे लोग जंगलों में आग लगा देते हैं, जिससे गर्मी के दिनों में सूखे पत्ते होने के कारण ज्यादातर आग फैल जाती है और इसे पूरा जंगल जल जाता है.

आगजनी

वन विभाग ने अब महुआ बीनने के लिए आग न लगाने के लिए तैयारी कर चुका है. पूरे मामले में रायगढ़ वन मंडल अधिकारी ने बताया 126 बीट फिरवाचर डिवीसीनल 126 फॉरेस्ट गार्ड 2 समिति के सदस्य मौजूद रहेंगे.

इस तरह की घटना ना हो इसके लिए प्रशासन पूरी तरह से तैयार हैं और जंगल के किनारे बसे लोगों को प्रशिक्षित किया जा रहा है. साथ ही जितने भी बीट बनाए गए हैं. उन पर बीट गार्ड और स्थानीय लोगों को तैनात किया गया.
जब कभी भी ऐसी आगजनी की घटना होती है तब पूरी रात काम करके फायर वॉचर आग पर काबू पाते हैं. सामान्य लोगों को भी वन के प्रति जागरूक किया जा रहा है और जो लोग आग लगा रहे हैं, उनको प्रत्यक्ष रूप से मना किया जा रहा है.

Intro:खनिज और वन संपदा से भरपूर जिले के रूप में भी जाना जाता है गर्मी के दिनों में म हुए थे फुल को यहां के लोग जंगलों से लाते हैं और बाजार में अच्छी कीमत से भेजते हैं. महुआ के इस फुल को पाने के लिए जंगल किनारे बसे लोग जंगलों में आग लगा देते हैं जिससे गर्मी के दिनों में सूखे पत्ते होने के कारण ज्यादातर आग फैल जाती है और इसे पूरा जंगल जल जाता है. जिले में इस तरह की घटनाएं कई बार हो चुकी हैं अब महुआ बीनने के लिए आग ना लगाएं और वनों से प्रत्यक्ष लाभ प्राप्त करें इसके लिए वन विभाग द्वारा क्या तैयारी है. पूरे मामले में रायगढ़ वन मंडल अधिकारी ने बताया


126 बीट फिरवाचर डिवीसीनल 126 फॉरेस्ट गार्ड 2 समिति के सदस्य।


byte01 मनोज पांडे, DFO रायगढ़


Body:. बताया कि 126 बीट गार्ड की नियुक्ति की गई है और उनके साथ समिति के दो लोग और बीट गार्ड के साथ ही फायर वाचर तैनात किए गए हैं. वन के नारे ब से लोग महुआ बिन्नी या जंगल से लकड़ी लेने के लिए नीचे जमीन पर पड़े सूखे पत्तों पर आग लगा देते हैं जिससे गर्मी के कारण आज पूरी जंगल को जला देती है इस तरह की घटना ना हो इसके लिए प्रशासन पूरी तरह से तैयार हैं और जंगल के किनारे बसे लोगों को प्रशिक्षित किया जा रहा है साथ ही जितने भी बीट बनाए गए हैं उन पर बीट गार्ड और स्थानीय लोगों को तैनात किया गया. जब कभी भी ऐसी आगजनी की घटना होती है तब पूरी रात काम करके फायर वाचर आग पर काबू पाते हैं. सामान्य लोगों को भी वन के प्रति जागरूक किया जा रहा है और जो लोग आग लगा रहे हैं उनको प्रत्यक्ष रूप से मना किया जा रहा है.


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