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रायगढ़: रोका-छेका योजना का बुरा हाल, आवारा पशुओं से परेशान हैं किसान

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Published : Sep 2, 2020, 4:12 PM IST

रायगढ़ के सारंगढ़ में किसान आवारा पशुओं से परेशान हैं. किसानों ने बताया कि आवारा पशु उनकी फसल बर्बाद कर देते हैं. किसानों ने बताया कि ग्राम पंचायत में गोठान और पशुशाला का निर्माण न होने से आवारा पशु गांव में इधर-उधर घूमते रहते हैं.

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आवारा पशु

रायगढ़ : छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वकांशी नरवा, गुरवा, घुरवा और बारी योजना दम तोड़ती नजर आ रही है. सारंगगढ़ में किसान आवारा पशुओं से परेशान हैं. इसके अलावा शासन ने सड़कों पर घूम रहे मवेशियों की वजह से होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने और खड़ी फसल को नुकसान से बचाने के लिए रोका-छेका योजना की भी शुरुआत की, लेकिन सारंगढ़ के किसानों ने बताया कि आवारा पशु उनके फसल को आए दिए नुकसान पहुंचाते हैं, जिससे फसल खराब हो जाती है. किसानों ने बताया कि ग्राम पंचायत में गोठान और पशुशाला का निर्माण न होने से आवारा पशु गांव में इधर-उधर घूमते रहते हैं.

आवारा पशुओं से परेशान है किसान

गांव के कई किसान अपने खेत में तारबंदी करा चुकी है, इसके बावजूद भी आवारा पशु खेतों में घुसकर फसल बर्बाद कर देते हैं. किसानों ने बताया कि पहले तो कोरोना वायरस की वजह से किए गए लॉकडाउन की वजह से उनकी फसल खराब हुई और उसके बाद बारिश ने की वजह से बची हुई फसल भी बर्बाद हो गई. किसानों ने बताया कि उन्होंने पुलिस और नगर पालिका के म्यूनिसिपल अधिकारी से मुलाकात की और लिखित में आवेदन दिया कि आवारा पशुओं से काफी नुकसान हो रहा है. जिसके लिए किसान गांव से कई दूर पशुओं को छोड़ने का आवेदन प्रस्तुत किया गया था.

पढ़ें- खबर के बाद भी नहीं जागा प्रशासन, गौठान में एक मवेशी की मौत, ईटीवी भारत ने पहले ही दिखाई थी बदहाली की तस्वीर


दूसरे गांव के किसान को हुआ नुकसान

सरपंच ने बताया कि ग्राम के किसान से मिलकर जंगल में छोड़ने जा रहे थे, लेकिन जहां छोड़ने गए थे उस क्षेत्र की किसानों की फसलों को आवारा पशुओं ने भी नुकसान पहुंचाया है. जिसका विरोध वहां की किसानों ने किया है, जिससे आवारा पशुओं को एक बार फिर से गांव वापस लाना पड़ा.

रायगढ़ : छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वकांशी नरवा, गुरवा, घुरवा और बारी योजना दम तोड़ती नजर आ रही है. सारंगगढ़ में किसान आवारा पशुओं से परेशान हैं. इसके अलावा शासन ने सड़कों पर घूम रहे मवेशियों की वजह से होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने और खड़ी फसल को नुकसान से बचाने के लिए रोका-छेका योजना की भी शुरुआत की, लेकिन सारंगढ़ के किसानों ने बताया कि आवारा पशु उनके फसल को आए दिए नुकसान पहुंचाते हैं, जिससे फसल खराब हो जाती है. किसानों ने बताया कि ग्राम पंचायत में गोठान और पशुशाला का निर्माण न होने से आवारा पशु गांव में इधर-उधर घूमते रहते हैं.

आवारा पशुओं से परेशान है किसान

गांव के कई किसान अपने खेत में तारबंदी करा चुकी है, इसके बावजूद भी आवारा पशु खेतों में घुसकर फसल बर्बाद कर देते हैं. किसानों ने बताया कि पहले तो कोरोना वायरस की वजह से किए गए लॉकडाउन की वजह से उनकी फसल खराब हुई और उसके बाद बारिश ने की वजह से बची हुई फसल भी बर्बाद हो गई. किसानों ने बताया कि उन्होंने पुलिस और नगर पालिका के म्यूनिसिपल अधिकारी से मुलाकात की और लिखित में आवेदन दिया कि आवारा पशुओं से काफी नुकसान हो रहा है. जिसके लिए किसान गांव से कई दूर पशुओं को छोड़ने का आवेदन प्रस्तुत किया गया था.

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दूसरे गांव के किसान को हुआ नुकसान

सरपंच ने बताया कि ग्राम के किसान से मिलकर जंगल में छोड़ने जा रहे थे, लेकिन जहां छोड़ने गए थे उस क्षेत्र की किसानों की फसलों को आवारा पशुओं ने भी नुकसान पहुंचाया है. जिसका विरोध वहां की किसानों ने किया है, जिससे आवारा पशुओं को एक बार फिर से गांव वापस लाना पड़ा.

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