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रायगढ़ : निगम के लिए मुसीबत बना ऑडिटोरियम, बिना आय के हर महीने खर्च हो रहे 3 लाख रुपए

नगर निगम द्वारा करोड़ों की लागत से बनाया गया ऑडिटोरियम निगम के लिए सिरदर्द बनता जा रहा है. लोगों की सुविधा के लिए निगम ने इस ऑडिटोरियम का निर्माण करवाया था.

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Published : Jun 2, 2019, 5:25 PM IST

ऑडिटोरियम

रायगढ़ : नगर निगम द्वारा करोड़ों की लागत से बनाया गया ऑडिटोरियम निगम के लिए सिरदर्द बनता जा रहा है. निगम ने इस ऑडिटोरियम को लोगों की सुविधा के लिए बनाया था, लेकिन 6 महीने बीत जाने के बाद भी किसी ने भी ऑडिटोरियम को किराए पर नहीं लिया है और बिना किसी उपयोग के निगम हर महीने इस पर 3 लाख रुपए खर्च कर रहा है.

निगम के लिए मुसीबत बना ऑडिटोरियम

दरअसल, लोगों की सुविधा के लिए निगम ने इस ऑडिटोरियम का निर्माण करवाया था. निगम आयुक्त का कहना है कि शादी, मैरिज एनिवर्सिरी या किसी अन्य प्रोग्राम को करवाने के लिए लोगों को लाखों रुपए खर्च कर टेंट लगवाना पड़ता है, जिसके लिए उन्हें परेशान भी होना पड़ता है, लिहाजा लोग इस ऑडिटोरियम को किराए पर लेकर अपने प्रोग्राम करवा सकते हैं'.

3 लाख रुपए आ रहा खर्च
निगम आयुक्त का कहना है कि, 'इस ऑडिटोरियम का किराया भी सिर्फ 50 हजार रुपए रखा गया है, हालांकि अभी तक इसे किसी ने भी किराए पर नहीं लिया है'. उन्होंने बताया कि, 'ऑडिटोरियम के रखरखाव के लिए हर महीने 3 लाख रुपए तक का खर्च आ रहा है'.

कांग्रेस ने उठाए सवाल
वहीं मामले में कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं कि ऑडिटोरियम को 6 महीने बीत जाने के बाद भी किसी ने किराए पर नहीं लिया है और जब बंद ऑडिटोरियम के रखरखाव के लिए 3 लाख रुपए खर्च किया जा रहा है तो इसके शुरू होने पर कितना खर्च आएगा'. कांग्रेस ने मामले में 3 लाख रुपए खर्च किए जाने पर सवाल उठाए हैं.

रायगढ़ : नगर निगम द्वारा करोड़ों की लागत से बनाया गया ऑडिटोरियम निगम के लिए सिरदर्द बनता जा रहा है. निगम ने इस ऑडिटोरियम को लोगों की सुविधा के लिए बनाया था, लेकिन 6 महीने बीत जाने के बाद भी किसी ने भी ऑडिटोरियम को किराए पर नहीं लिया है और बिना किसी उपयोग के निगम हर महीने इस पर 3 लाख रुपए खर्च कर रहा है.

निगम के लिए मुसीबत बना ऑडिटोरियम

दरअसल, लोगों की सुविधा के लिए निगम ने इस ऑडिटोरियम का निर्माण करवाया था. निगम आयुक्त का कहना है कि शादी, मैरिज एनिवर्सिरी या किसी अन्य प्रोग्राम को करवाने के लिए लोगों को लाखों रुपए खर्च कर टेंट लगवाना पड़ता है, जिसके लिए उन्हें परेशान भी होना पड़ता है, लिहाजा लोग इस ऑडिटोरियम को किराए पर लेकर अपने प्रोग्राम करवा सकते हैं'.

3 लाख रुपए आ रहा खर्च
निगम आयुक्त का कहना है कि, 'इस ऑडिटोरियम का किराया भी सिर्फ 50 हजार रुपए रखा गया है, हालांकि अभी तक इसे किसी ने भी किराए पर नहीं लिया है'. उन्होंने बताया कि, 'ऑडिटोरियम के रखरखाव के लिए हर महीने 3 लाख रुपए तक का खर्च आ रहा है'.

कांग्रेस ने उठाए सवाल
वहीं मामले में कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं कि ऑडिटोरियम को 6 महीने बीत जाने के बाद भी किसी ने किराए पर नहीं लिया है और जब बंद ऑडिटोरियम के रखरखाव के लिए 3 लाख रुपए खर्च किया जा रहा है तो इसके शुरू होने पर कितना खर्च आएगा'. कांग्रेस ने मामले में 3 लाख रुपए खर्च किए जाने पर सवाल उठाए हैं.

Intro:. करोड़ों की लागत से बनाए गए रायगढ़ नगर निगम का ऑडिटोरियम प्रशासन के लिए सिरदर्द बन गया दरअसल लोगों की सुविधा के लिए लगभग दो 500 करोड़ खर्च करके 2 हजार लोगों के बैठने के लिए ऑडिटोरियम का निर्माण कराया गया जिसमें रखरखाव का खर्च प्रति माह 3 लाख के आसपास आ रहा है ऐसे में किराए पर यह निगम के लिए मुसीबत बन गई है.

byte01 संजय देवांगन, कांग्रेस नेता।
byte02 रमेश जायसवाल, नगर निगम आयुक्त।


Body:. करोड़ों की लागत से आम लोगों के लिए बनाया गया रायगढ़ नगर निगम का ऑडिटोरियम प्रशासन के लिए मुसीबत बन गई है इससे राजस्व का भारी नुकसान हो रहा है। दरअसल दो हजार लोगों के बैठने की व्यवस्था वाले इस ऑडिटोरियम में 1 दिन का किराया 5हजार से 1लाख रुपए होता है। वही 6 माह हो जाने के बाद भी लोगों ने किराए के लिए ऑडिटोरियम को नहीं ले रहे हैं ऐसे में बिना उपयोग के ही इसके रखरखाव का खर्च प्रति माह 3 लाख आ रहा है बिना आमदनी के निगम आम लोगों की कमाई ऑडिटोरियम में लुटा रही है।

नगर निगम आयुक्त का कहना है कि यह निगम के फायदे या नुकसान की बात नही है बल्कि आम लोगों की सुविधा के लिए बनाया गया है। अगर किसी प्रकार का कार्यक्रम किया जाता है तो उसका मिनिमम खर्च 50हजार से 2 लाकह तक का आता है ऐसे में उन्हें हम 50000 से 100000 के अंदर सारी सुविधाएं एक हु की जगह पर दे रहे हैं इससे लोगों को सुविधा मिलेगी। अभी लोग रुची नही ले रहे हैं लेकिन यह रायगढ़ के लोगों के लिए अच्छी सौगात है।

कांग्रेस नेता संजय देवांगन का कहना है कि निगम ने सफेद हाथी पाल रखा है जिसे चलाने का खर्च लाखों में आ रहा है जबकि अभी तक किसी ने किराया नहीं लिया है। अगर लोग किराए से लेंगे तब इसके रखरखाव का खर्च निगम और बढ़ाकर बताएगी कहीं ना कहीं इसके रखरखाव और अन्य खर्चों को सार्वजनिक करना चाहिए साथ ही 50 हजार किराया रखा गया है उसको आम लोगों के बजट के अंदर कम करना चाहिए।


Conclusion:
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