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राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र बिरहोर जनजाति के साथ अनदेखी, नहीं मिल रहा प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ

राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र बिरहोर जनजाति के सदस्यों को लैलूंगा विकास खंड में प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है. बिरहोर जनजाति के सदस्यों का आरोप है कि अब तक वह कई बार जनप्रतिनिधियों और सरकारी अधिकारियों से गुहार लगा चुके हैं. लेकिन उनकी समस्या का समाधान नहीं हो पाया है.

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प्रधानमंत्री आवास योजना का कब मिलेगा लाभ
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Published : Sep 7, 2020, 5:15 PM IST

Updated : Sep 7, 2020, 7:03 PM IST

रायगढ़: राजनीतिक दल आदिवासियों के विकास और प्रगति का दावा करते हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर हालात बदलते दिखाई नहीं दे रहे हैं. रायगढ़ में लैलूंगा विकासखंड के ग्राम पंचायत बरडीह में निवासरत राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र बिरहोर परिवार बदहाली का जीवन जीने को मजबूर हैं. ETV भारत ने ग्राम पंचायत बरडीह में जब बिरहोर जनजाति के सदस्यों से बात की तो कई चौंकाने वाले खुलासे हुए.

राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र बिरहोर जनजाति के साथ अनदेखी

एक ओर ये बिजली,पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं को तरस रहे हैं तो दूसरी ओर इन्हें शासन से अब तक राशनकार्ड, आधारकार्ड भी नहीं मिल पाया है. वहीं रोटी, कपड़ा, मकान जैसी सुविधाओं से वंचित हैं. ग्रामीणों ने बताया अबतक उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं मिला है. आवास के लिए बिरहोर परिवार कई बार जनप्रतिनिधियों से लेकर अधिकारी तक चक्कर लगा चुके हैं. वहीं इस संबंध में अधिकारी से पूछने पर बताया गया कि बिरहोर परिवारों को पहले आवास दिया गया था. उन्होंने कहा कि एक बार फिर सर्वे कराकर व्यवस्था कराई जाएगी.

पढ़ें- SPECIAL: कोरोना से बचने इम्यूनिटी बूस्टर्स बांट रही सरकार, ETV BHARAT ने पहले ही दिलाया था ध्यान


मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं परिवार

बिरहोर जनजाति के सदस्यों को अब तक इस योजना का लाभ नहीं मिल पाया है. जिससे यह आज भी झोपड़ी में रहने को मजबूर हैं.

सिर्फ फाइलों में चल रही है योजनाएं
ग्राम पंचायत बरडीह में सरकार की योजनाएं काम कर रही है, लेकिन फाइलों में, जमीनी स्तर पर हालात कुछ और हैं. ऐसे में आदिवासियों के विकास की कल्पना करना बेमानी है. जब राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र बिरहोर जनजाति की ऐसी हालत है तो आप सोच सकते हैं कि अन्य आदिवासियों की स्थिति कैसी होगी. बिरहोर जनजाति को विशेष संरक्षित श्रेणी में रखा गया है, इनके लिए कई योजनाएं हैं लेकिन जब मूलभूत सुविधाओं का फायदा बिरहोर जनजाति तक नहीं पहुंचेगा तब तक इनका समूचा विकास नहीं हो सकता.

रायगढ़: राजनीतिक दल आदिवासियों के विकास और प्रगति का दावा करते हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर हालात बदलते दिखाई नहीं दे रहे हैं. रायगढ़ में लैलूंगा विकासखंड के ग्राम पंचायत बरडीह में निवासरत राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र बिरहोर परिवार बदहाली का जीवन जीने को मजबूर हैं. ETV भारत ने ग्राम पंचायत बरडीह में जब बिरहोर जनजाति के सदस्यों से बात की तो कई चौंकाने वाले खुलासे हुए.

राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र बिरहोर जनजाति के साथ अनदेखी

एक ओर ये बिजली,पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं को तरस रहे हैं तो दूसरी ओर इन्हें शासन से अब तक राशनकार्ड, आधारकार्ड भी नहीं मिल पाया है. वहीं रोटी, कपड़ा, मकान जैसी सुविधाओं से वंचित हैं. ग्रामीणों ने बताया अबतक उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं मिला है. आवास के लिए बिरहोर परिवार कई बार जनप्रतिनिधियों से लेकर अधिकारी तक चक्कर लगा चुके हैं. वहीं इस संबंध में अधिकारी से पूछने पर बताया गया कि बिरहोर परिवारों को पहले आवास दिया गया था. उन्होंने कहा कि एक बार फिर सर्वे कराकर व्यवस्था कराई जाएगी.

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मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं परिवार

बिरहोर जनजाति के सदस्यों को अब तक इस योजना का लाभ नहीं मिल पाया है. जिससे यह आज भी झोपड़ी में रहने को मजबूर हैं.

सिर्फ फाइलों में चल रही है योजनाएं
ग्राम पंचायत बरडीह में सरकार की योजनाएं काम कर रही है, लेकिन फाइलों में, जमीनी स्तर पर हालात कुछ और हैं. ऐसे में आदिवासियों के विकास की कल्पना करना बेमानी है. जब राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र बिरहोर जनजाति की ऐसी हालत है तो आप सोच सकते हैं कि अन्य आदिवासियों की स्थिति कैसी होगी. बिरहोर जनजाति को विशेष संरक्षित श्रेणी में रखा गया है, इनके लिए कई योजनाएं हैं लेकिन जब मूलभूत सुविधाओं का फायदा बिरहोर जनजाति तक नहीं पहुंचेगा तब तक इनका समूचा विकास नहीं हो सकता.

Last Updated : Sep 7, 2020, 7:03 PM IST
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