नारायणपुर : बीजापुर के सिलगेर में 19 जून को डीआरजी पुलिस और नक्सलियों की बीच मुठभेड़ हुई थी. इस मामले में पुलिस ने दो नक्सलियों (Naxalites) को मार गिराने का दावा किया था. अब इस एनकाउंटर को लेकर एक नया खुलासा हुआ है. ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस गांव के लोगों को घर से उठाकर ले गई और जंगल में एनकाउंटर के नाम पर मार गिराया. साथ ही उन्हें वर्दी पहनाकर नक्सली घोषित कर दिया. नक्सलियों को मार गिराने के दावे की निंदा करते हुए मंगलवार को हजारों ग्रामीणों ने ओरछा थाने का घेराव किया. ग्रामीणों ने तहसीलदार को राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा और न्याय की गुहार लगाई.
सर्चिंग ऑपरेशन के दौरान पुलिस ने दो नक्सलियों को किया ढेर
पुलिस ने एनकाउंटर के बाद सर्चिंग की थी. जिसमें दो नक्सलियों की पहचान सनकू और मंगरू के नाम से हुई थी. उसके बाद दोनों के शव जंगल से मिले. ग्रामीणों ने दोनों की हत्या का आरोप पुलिस पर लगाया है.
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3000 से अधिक ग्रामीणों ने निकाली रैली
इस मुठभेड़ के विरोध में अबूझमाड़ के 25 से ज्यादा पंचायत के 3000 से अधिक की संख्या में ग्रामीणों ने रैली निकाली और अबूझमाड़ मुख्यालय ओरछा (Abujhmad Headquarters Orchha) पहुंचे. पुलिस के जवानों ने ओरछा थाने से पहले इन ग्रामीणों को रोक दिया. मामले को बढ़ता देख मौके पर ओरछा ब्लॉक के तहसीलदार केतन भोयर पहुंचे और जल्द ही जांच करने का आश्वासन दिया. मुठभेड़ में मारे गए ग्रामीण की बहन ने सुरक्षाबलों पर गंभीर आरोप लगाया है. उसने कहा कि, डीआरजी के जवानों ने गांव में घुसकर पहले ग्रामीणों के साथ मारपीट की. उसके बाद गांव के दो ग्रामीण सनकु और मंगरू को अपने साथ जंगल ले गए. जहां उनको गोली मार दी. अबूझमाड़ ओरछा में मंगलवार को हजारों की संख्या में ग्रामीणों ने रैली निकाली (Villagers took out a rally). रैली में महिलाएं छोटे-छोटे बच्चों को लेकर शामिल हुई. इस दौरान ग्रामीणों ने अत्याचार बंद करो, पुलिस प्रशासन हाय-हाय, फर्जी एनकाउंटर बंद करो और अबूझमाड़ से पुलिस वापस जाओ जैसे नारे लगाए.
महिलाओं ने लगाए गंभीर आरोप
रैली के दौरान मुठभेड़ में मारे गए ग्रामीण की पत्नी ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उसका पति निर्दोष था. उसे फर्जी एनकाउंटर में मारा गया है. वह नक्सली नहीं था. अब मेरे दो छोटे- छोटे बच्चे हैं. उसे मैं कैसे पालूं. महिला ने पुलिस प्रशासन से कई सवाल किए हैं